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Operation Sindoor: सेना का एक्शन, नारी शक्ति का दम, पॉलिटिक्स का थ्रिल... ब्लॉकबस्टर फिल्म बनेगी ये कहानी!

बॉलीवुड में 'ऑपरेशन सिंदूर' टाइटल रजिस्टर करवाने की होड़ मची है. ये भले फिल्म में एक चर्चित टॉपिक को भुना लेने की कोशिश लग रही हो लेकिन असल में 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी में वो सबकुछ है जो एक दर्शक को टिकट पर पर पैसा खर्च करने के लिए तुरंत राजी कर देगा. आइए बताते हैं कैसे...

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'ऑपरेशन सिंदूर' को ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फिल्म बनाएंगी ये बातें
'ऑपरेशन सिंदूर' को ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फिल्म बनाएंगी ये बातें

भारत ने कुछ दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब जिस तरह 'ऑपरेशन सिंदूर' से दिया, वो भारत के इतिहास में हमेशा याद किए जाने वाला चैप्टर बनकर जुड़ गया. जहां देशभर में लोग भारत की इस जवाबी कार्रवाई से उत्साह में नजर आए, वहीं सोशल मीडिया पर भी 'ऑपरेशन सिंदूर' का जबरदस्त सेलिब्रेशन नजर आया. 

जनता किसी भी चीज से खुश हो और बॉलीवुड का जिक्र ना आए ये कहां संभव है! तो मीमकारों ने एक और मजेदार एंगल खोज निकाला कि अब कैसे बॉलीवुड में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर फिल्म बनाने की होड़ मचने वाली है. ऐसे कई मीम्स में अक्षय कुमार का जिक्र आया, जिनकी पिछली कई फिल्में देश के गर्व भरे इतिहास में दर्ज रियल लाइफ घटनाओं पर बेस्ड रही हैं. दूसरी तरफ कई यूजर्स ने 2019 की ब्लॉकबस्टर 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के हीरो विक्की कौशल और डायरेक्टर आदित्य धर को याद करते हुए कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर फिल्म उन्हीं को बनानी चाहिए. 

सोशल मीडिया के कौतूहल से अलग, बॉलीवुड में सच में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर फिल्म बनाने की होड़ मच गई है. रिपोर्ट्स बता रही हैं कि कई बड़े प्रोड्यूसर 'ऑपरेशन सिंदूर' टाइटल रजिस्टर करवाने के लिए जद्दोजहद में जुट गए हैं. पहली नजर में ये भले फिल्म में एक चर्चित टॉपिक को भुना लेने की होड़ लग रही हो लेकिन असल में 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी में वो सबकुछ है जो एक दर्शक को टिकट पर पर पैसा खर्च करने के लिए तुरंत राजी कर देगा. आइए बताते हैं कैसे...

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बदलते कश्मीर की कहानी और आतंकियों की नापाक हरकत 
ऑपरेशन सिंदूर पर अगर आदित्य धर फिल्म बनाते हैं तो उन्हें सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यामी गौतम स्टारर 'आर्टिकल 370' भी उन्हीं की फिल्म है. कहानी वहीं से शुरू हो सकती है जहां उन्होंने अपनी पिछली फिल्म खत्म की थी. आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर के बदलते हालातों में बढ़ते टूरिज्म, फैलते रेल नेटवर्क और व्यापार से फिल्म का प्लॉट सेट होगा. कश्मीर में बदलती आबोहवा के बैकग्राउंड में एक खुशनुमा माहौल बनता नजर आएगा. 

इस खुशनुमा रंग को भंग करते हुए पहलगाम हमले का सीक्वेंस, फिल्म देख रहे हर दर्शक को इमोशनली झिंझोड़ देगा. रियल लाइफ में देश की जनता इस हमले के बाद जितने गुस्से में थी, वो बड़े पर्दे पर फिल्म से ऑडियंस को खूब कनेक्ट भी करेगा. आप पर्दे पर देख रहे हैं कि पहलगाम हमले में धर्म का जिक्र करके आतंकियों ने जिस तरह भारत का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, उसका भी एक असर हो रहा है. 

कुछ किरदार आतंकियों की हरकत का जवाब धर्म विशेष के लोगों से मांग रहे हैं. और ऐसा सिर्फ आम जनता में ही नहीं, ऊंचे सरकारी पदों पर बैठे लोगों और देश की रक्षा के लिए वर्दी पहले लोगों के साथ भी हो रहा है. कुछ वैसा सीन जैसा 'सरफरोश' में था जब इंस्पेक्टर सलीम (मुकेश ऋषि) को उसके साथी पुलिस ऑफिसर शक की नजरों से देख रहे हैं.

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कहानी का कनफ्लिक्ट और थ्रिल का डोज
बड़े पर्दे पर ये कहानी देखने की कल्पना कीजिए कि जनता पहलगाम आतंकी हमले से आक्रोश में है. लोग सरकार से इस हमले का मुंहतोड़ जवाब चाहते हैं. आम जनता सवाल कर रही है, विपक्ष मीडिया में सरकार को घेर रहा है और फैसला लेने वाले पदों पर बैठे लोग खुद गुस्से में हैं. मगर उन्हें अपनी कार्रवाई की जवाबदेही भी सोचनी है और ये भी सुनिश्चित करना है कि उनका कोई कदम अंतर्राष्ट्रीय शांति में खलल ना पैदा कर दे.  

इस डिस्कशन के बीच कोई किरदार सलाह देता है कि एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जा सकती है. (आदित्य धर फिल्म बनाएं तो विक्की कौशल का कैमियो या 'उरी' के सीन्स भी रेफरेंस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.) मगर ये बहस चल रही है कि बार-बार हो रही इन आतंकी घटनाओं की वजह से आक्रोश बढ़ता जा रहा है और इस बार केवल सर्जिकल स्ट्राइक से काम नहीं चलेगा. इस बार का कदम बड़ा होना चाहिए, इतना बड़ा कि आतंकियों को शरण देने वाला पाकिस्तान कांप जाए. इस बार सबकुछ खुलेआम होना चाहिए ताकि एक बड़ा मैसेज भी जाए कि 'हिंदुस्तानियों को छेड़ा तो वो छोड़ेंगे नहीं.' 

प्लान कर रहे लोगों में से कोई कह रहा है कि युद्ध होना चाहिए. कोई कह रहा है कि ये गलत होगा. कोई युद्ध को गलत बताने वालों के साहस पर सवाल उठा रहा है. फिर इसके तकनीकी पहलुओं पर बात होती है और युद्ध के नुक्सान, फायदों से ज्यादा बड़े नजर आने लगते हैं. इस बहस के बीच आईडिया निकलता है कि आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की जाए. 

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दो मिनट की शांति हो जाती है, सबके चेहरे पर आईडिया पसंद आने वाला एक्सप्रेशन है लेकिन तभी बड़ा सवाल उठता है- 'ये किया कैसे जाएगा?' भारत की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा किरदार जो इस मीटिंग में अबतक खामोश था, कहता है- 'हम संभाल लेंगे.' वो एक ऑफिसर को बुलाकर उसे तैयारी शुरू करने को कहता है. ये वर्दीधारी ऑफिसर वही है जिसके धर्म की वजह से उसके कुछ साथी उसे शक की नजरों से देख रहे थे. 

ये ऑफिसर एक महिला को कॉल करता है जो दो मिनट बाद पलटकर कॉलबैक करने को कहती है. वो अभी सड़क पर कुछ मर्दों से कहासुनी में उलझी है, जो उसे महिला होने के नाते खराब ड्राईवर घोषित करने में लगे हैं. बदतमीजी बढ़ती है तो वो चुटकी बजाते ही एक्शन में आती है और अगले 30 सेकंड में चारों-पांचों अल्फा-मेल सड़क पर पड़े धूल फांक रहे हैं. पुलिस आती है तो खुलासा होता है कि वो ये महिला, सेना की एक उच्च अधिकारी हैं. 

थ्रिल और एक्शन का जोरदार डोज
कल्पना कर के देखिए, अब पाकिस्तान पर एयर-स्ट्राइक की तैयारी के सीन्स चल रहे हैं. रियल लाइफ में जिस ऑपरेशन सिंदूर के होने से पहले किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई, आप स्क्रीन पर उसकी तैयारी होते देख रहे हैं. किरदार अपने-अपने टैक्टिकल सुझाव दे रहे हैं, तमाम तरह की परमिशन के लिए जद्दोजहद चल रही है. कहां से, कैसे, कब और किन हथियारों से ऑपरेशन किया जाना है ये सब तय हो रहा है. इसी बीच सवाल उठता है कि ऑपरेशन का नाम क्या होगा? जवाब निकलता है कि आतंकियों ने हमारी बेटियों-बहनों के सुहाग उजाड़े हैं, उनके जज्बे को तोड़ने वाली हरकत की है. इसलिए जवाब भी उन्हीं के नाम पर दिया जाएगा और ऐसे नाम तय किया जाता है- ऑपरेशन सिंदूर. 

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अब पहली बार सरकार अनाउंस करती है कि पहलगाम हमले का जवाब दिया जाएगा और इसकी तैयारी की जा रही है. इन तैयारियों के बीच विपक्ष और दूसरे राजनीतिक दल भी साथ आने लगते हैं. एक दूसरे पर सवाल करने वाली, भारत की राजनीतिक शक्तियां आतंकियों का जवाब देने के लिए साथ नजर आ रही हैं. जो नेता धर्म की राजनीति करते हैं, वो देश को सबसे ऊपर रखने की बात करते नजर आ रहे हैं.

ऑपरेशन की तैयारी के बीच देश के प्रधानमंत्री का किरदार एक इवेंट में नजर आता है और अपना संबोधन खत्म करते हुए कहता है 'रात लंबी होने वाली है.' लोग प्रधानमंत्री के स्वभाव की तारीफ करते हुए हंस पड़ते हैं. मगर किसी को अंदाजा नहीं है कि आगे क्या होने वाला है. सोशल मीडिया चला रहा एक युवा किरदार देखता है कि सेना ने अपनी ताकत का जलवा दिखाने वाला नया वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में डायलॉग है- 'हम तुम्हें खोज निकालेंगे. ये हमारी जिम्मेदारी है, ये हमारा मिशन है.' 

ये युवा किरदार वीडियो देखकर खुद से बुदबुदाता है- 'पहलगाम अटैक का जवाब तो कोई दे नहीं रहा, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे!' वो सोशल मीडिया बंद करके गेम खेलने लगता है लेकिन कुछ मिनट बाद ही उसकी स्क्रीन पर सोशल मीडिया से नोटिफिकेशन बरसने लगते हैं. जब वो खोलकर देखता है तो पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के वीडियो शेयर हो रहे हैं. वो वीडियो प्ले करता है और यहां से सीन बदलकर रियल ऑपरेशन सिंदूर पर चला जाता है, जहां आतंकी ठिकानों पर बम बरस रहे हैं. इस सीक्वेंस में देश के बड़े सुरक्षा अधिकारी, अपने धर्म पर सवाल उठाए जाने से आहत सेना के ऑफिसर और महिला सेना अधिकारी एक्शन में नजर आ रहे हैं. आतंकी जान बचाने की हर कोशिश में नाकाम हो रहे हैं.

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समाज, देश और राजनीति को एकजुट करने वाले मैसेज 
ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो चुका है. अब बारी है मीडिया के सामने इसपर ऑफिशियल ब्रीफिंग की. तय किया जा रहा है कि कौन लोग मीडिया के सामने बैठेंगे? कोई चाहता है कि प्रधानमंत्री खुद जाएं, कोई चाहता है कि उसे ही भेज दिया जाए. सीन कट होता है और ब्रीफिंग शुरू होती है. सामने बैठे किरदारों में भारतीय सेना की महिला अधिकारी, वायुसेना की महिला अधिकारी और एक कश्मीरी पंडित हैं. इन्हें देखकर ही जनता, नेता, मीडियाकर्मियों की आंख में गर्व झलकने लगता है.  ये किसी भी फिल्म के लिए एक शानदार एलिवेशन सीन है.

'उरी' से भी बड़ी ब्लॉकबस्टर होगी ऑपरेशन सिंदूर की कहानी
विक्की कौशल स्टारर 'उरी' 50 करोड़ से कम बजट में बनी फिल्म थी. जबकि इसका वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 340 करोड़ से ज्यादा था. मगर ये कहानी जिस आर्मी एक्शन पर बेस्ड थी, वो जनता ने रियल लाइफ में नहीं देखा था. सर्जिकल स्ट्राइक की खबर एक सरप्राइज की तरह ज्यादा आई थी. इसकी तुलना में ऑपरेशन सिंदूर का स्केल और असर बहुत बड़ा है. पहलगाम हमले में आतंकियों ने जो कुछ किया उससे जनता में रोष बहुत ज्यादा था और इसका जवाब देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. 

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ऑपरेशन सिंदूर के साथ पूरे भारत का इमोशन जुड़ा हुआ है. इस ऑपरेशन के साथ जो विजुअल्स सामने आए उनमें सिर्फ भारत की सैन्य शक्ति ही नहीं, स्त्री शक्ति, सामाजिक और राजनीतिक एकता भी नजर आई. ये सारी चीजें अगर बड़े पर्दे पर सही ट्रीटमेंट और इमोशन के साथ उतरें तो ऑपरेशन सिंदूर पर बनने वाली फिल्म यकीनन एक बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर बनेगी. अब देखना ये है कि ये फिल्म कौन बना पाएगा और इसके साथ कितना न्याय होगा.

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