पिछले काफी समय से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट नहीं हुई है. थियटर्स में भले ही रिलीज हो रही हों, लेकिन किसी ने इस तरह छप्परफाड़ कमाई करने नहीं दिखाई है, जिसक तरह से कोरोना वायरस से पहले की फिल्में कर लिया करती थीं. हाल ही में एक्टर-प्रोड्यूसर आमिर खान ने एक बयान में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि हिंदी फिल्में बाकी की फिल्म इंडस्ट्री से कुछ कम कर रही हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की क्वालिटी भी काफी अच्छी और बेहतर है.
आमिर का बयान
'द हॉलीवुड रिपोर्टर' संग बातचीत में आमिर ने कहा- बॉलीवुड पहले से काफी बेहतर हुआ है. 1970-80 के दशक के बाद से बॉलीवुड में कई बदलाव आए हैं जो काफी अच्छे हैं. पर आजकल कोई फिल्म थियटर में नहीं चल पा रही है तो ये एक फेज है जो जल्द चला जाएगा. फिल्ममेकिंग में हमेशा से स्कोप रहा है बेहतरी का. पर हम ये नहीं कह सकते हैं कि हिंदी सिनेमा के प्रोड्यूसर क्वालिटी से कोई कॉम्प्रोमाइज कर रहे हैं.
"मैं ये नहीं कह रहा हूं कि हम बेहतर फिल्ममेकर्स नहीं बन सकते हैं. बाकी की फिल्म इंडस्ट्रीज से हम सीख सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि हम बेहतर फिल्ममेकर ही नहीं बन सकते हैं. क्या हमारा ये कहना सही है कि हिंदी फिल्म की क्वालिटी ड्रमैटिकली बाकी की इंडस्ट्री से अलग है जैसे तमिल, तेलुगू, बंगाली, मराठी या मलयालम?"
"अगर आप फिल्मों की क्वालिटी पर गौर करेंगे तो मैं बात करूं 70-80 के दशक की तो मैं 1988 में फिल्म इंडस्ट्री में आया था. उस दौरान फिल्में कम बनती थीं. उसके बाद से हमने सिर्फ बेहतर ही किया है. चीजों को बदला है. कुछ अलग तरह की फिल्में थोड़ा-बहुत अच्छा कर पा रही हैं. मुझे लगता है कि उतार-चढ़ाव हर फील्ड में होते हैं. हम अभी नीचे चल रहे हैं, पर ये हमारे लिए कुछ नया नहीं. ये एक साइकल है."
वर्कफ्रंट की बात करें तो आमिर खान को आखिरी बार 'लाल सिंह चड्ढा' में देखा गया था. फिल्म को आमिर ने प्रोड्यूस भी किया था. जल्द ही आमिर 'सितारे जमीन पर' और 'लाहौर 1947' में नजर आने वाले हैं.