उत्तराखंड की झबरेड़ा विधानसभा सीट (Jhabrera Assembly Seat) हरिद्वार जिले में पड़ती है. यह हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत भी आती है. झबरेड़ा एक प्राचीन कस्बा और नगर पंचायत है. यह रुड़की से 17 किलोमीटर दूर है. 2008 में परिसीमन के बाद झबरेड़ा को विधानसभा सीट के रूप में घोषित किया गया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देशराज कर्णवाल विधायक चुने गए थे.
राजनीतिक पृष्टभूमि
1398 ईसवी में तैमूर लंग से लड़ने वाले प्रसिद्ध योद्धा जोगराज सिंह पंवार की राजधानी झबरेड़ा हरिद्वार थी. इनके वंशज राव बाहमल शाहजहां के समय के झबरेड़ा के प्रसिद्ध जमींदार थे. बाबा बाहमल का झबरेड़ा में मन्दिर (स्मारक) बना हुआ है और आज भी आसपास के पंवार गोत्र के गुर्जर उनको अपना वंशज मानते है. झबरेड़ा का महल आज भी शान से खड़ा हुआ है. झबरेड़ा ब्रिटिश काल से ही नगर पंचायत है और नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर राज परिवार के सदस्य ही निर्वाचित होते आ रहे हैं. वर्तमान में चौधरी यशवीर सिंह और चौधरी कुलवीर सिंह राजघराने के राजा हैं. चौधरी कुलवीर सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह वर्तमान में नगर पंचायत झबरेड़ा का चेयरमैन है.
सामाजिक ताना-बाना
2012 में झबरेड़ा विधानसभा में कुल 95,231 मतदाता थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हरिदास विधायक चुने गए थे उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राजपाल को हराया था. इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार हरिदास को 22,781 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस पार्टी के राजपाल को 18,972 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार वैजयंती माला थी, जिन्हें 16,175 वोट मिले थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा का वोट शेयर 32.87 प्रतिशत था कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 27.37 प्रतिशत और भाजपा का वोट शेयर 23.33 प्रतिशत था.
2017 का जनादेश
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देशराज कर्णवाल विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राजपाल सिंह को हराया था. इस चुनाव में भाजपा के देशराज कर्णवाल को 32,146 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के राजपाल सिंह को 29,893 वोट मिले थे तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के भगवत सिंह थे जिन्हें 20,468 वोट मिले थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा का वोट शेयर 38.25 प्रतिशत था कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 35.57 प्रतिशत और बसपा का वोट शेयर 24.35 प्रतिशत था.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
इस सीट से देशराज कर्णवाल विधायक हैं. देशराज कर्णवाल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन हमेशा ही विवादों के घेरे में घिरे रहते हैं. 2019-20 में खानपुर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के साथ उनके जाति प्रमाण पत्र के विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी थी.