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मुस्लिमों के लिए जो हुआ वह नाकाफी: राशिद अल्वी

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी मानते हैं कि देश का मुसलमान खस्ताहाल है लेकिन वह इसके लिए किसी पर दोष मढ़ने से बचते हैं. वह कहते हैं कि इसके लिए किसी की ओर जवाबदेही की उंगली उठा देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. उनका मानना है कि आजादी के बाद मुसलमानों के विकास के लिए यदि किसी राजनीतिक दल ने कुछ किया तो वह कांग्रेस ही है.

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राशिद अल्वी
राशिद अल्वी

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी मानते हैं कि देश का मुसलमान खस्ताहाल है लेकिन वह इसके लिए किसी पर दोष मढ़ने से बचते हैं. वह कहते हैं कि इसके लिए किसी की ओर जवाबदेही की उंगली उठा देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. उनका मानना है कि आजादी के बाद मुसलमानों के विकास के लिए यदि किसी राजनीतिक दल ने कुछ किया तो वह कांग्रेस ही है. वैसे वह इसे भी नाकाफी मानते हैं और कहते हैं अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है.

अल्वी ने एक साक्षात्कार में कहा कि देश में मुसलमानों के हालात अच्छे नहीं हैं. आजादी के बाद मुसलमानों के लिए यदि किसी ने कुछ किया तो वह कांग्रेस पार्टी ही है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है जो किया गया है वह काफी नहीं है. भविष्य में कांग्रेस की सरकार उनको ऊपर उठाने के लिए बहुत कुछ करेगी.

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यह पूछे जाने पर कि आखिर मुसलमानों की इस बदहाली के लिए जवाबदेह कौन है? वह कहते हैं कि जवाबदेही की उंगली उठा देने से समस्या का समाधान नहीं हो जाता. सरकार के साथ-साथ देश के मुसलमानों को भी कोशिश करनी होगी कि हालात सुधरें. मुसलमानों को सरकारी मदद की जरूरत है लेकिन साथ-साथ उन्हें ऊपर उठने के लिए खुद भी कोशिश और मेहनत करनी पड़ेगी.

मुसलमानों के लिए आरक्षण को लेकर जारी बहस पर अल्वी ने कहा कि यह तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. देश में मुसलमानों के हालात अच्छे नहीं हैं. फिलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के 27 फीसदी के अंदर ही मुसलमानों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है.

मुसलमान मतदाताओं को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि देश का मतदाता जब मत डालने जाता है तो वह बिरादरी, धर्म, रिश्तेदारी को आगे रखता है. इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है, खासकर मुसलमानों में ऐसा करने की आवश्यकता है. यदि लोग इस सबसे ऊपर उठकर मतदान करेंगे तो उनके क्षेत्र का तो विकास होगा ही, अच्छी विधानसभा और संसद भी गठित होगी और फिर उससे अच्छी सरकारें भी सामने आएंगी.

उत्तर प्रदेश में सत्ता को लेकर चल रही चुनावी जंग पर अल्वी कहते हैं कि कांग्रेस सत्ता की राजनीति नहीं करती है इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि पिछले 20-22 सालों के अंदर जाति की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तथा साम्प्रदायिकता की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रदेश की जनता समझ चुकी है और इस बार वह समझदारी का परिचय देते हुए विकास की राजनीति करने वाली कांग्रेस पर अपना ठप्पा लगाएगी.

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वह कहते हैं कि राहुल गांधी बड़ी ताकत के साथ उत्तर प्रदेश में प्रचार कार्य में लगे हुए हैं. अब उनका उत्तराखण्ड का दौरा शुरू होने वाला है. उनके प्रयासों से कांग्रेस को लगातार फायदा हो रहा है. उत्तर प्रदेश में उनकी ओर से किए जा रहे प्रयासों से हमें बड़े परिवर्तन की उम्मीद है. उन्हीं की वजह से संसदीय चुनाव में कांग्रेस बड़ी ताकत बनकर उभरी.

अल्वी कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को राष्ट्रीय नेता बताते हैं. वह कहते हैं कि चुनाव लोकतंत्र का हिस्सा हैं. यह कहना गलत है कि ये किसी का भविष्य या उसकी भावी राजनीति प्रभावित करते हैं. हमें पूरी आशा है पांचों राज्यों में हमारा प्रदर्शन शानदार होगा. इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनेगी। राहुल गांधी सिर्फ इन पांच राज्यों के नेता नहीं हैं, वह देश के नेता हैं.

अल्वी गांधीवादी अन्ना हजारे को संघ का मुखौटा मानते हैं. उनका कहना है कि भाजपा व उसके नेताओं की इस देश में अब कोई विश्वसनीयता नहीं रह गई थी. उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं है. इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक मुखौटे की तलाश थी. अन्ना हजारे के रूप में उसे यह मुखौटा मिला है. अन्ना हजारे को आगे कर वह अपने राजनीतिक हित साध रहे हैं.

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खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का फैसला वापस होने से अल्वी निराश हैं. वह इस फैसले को देश हित में बताते हैं. उन्होंने कहा कि मुद्दा कोई भी हो, विपक्ष हमेशा मुखालफत करता है, लेकिन एफडीआई देश की जरूरत है और सभी के बीच सहमति बनाकर इस मसले पर सरकार आगे बढ़ेगी.

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