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Bikramjit Singh Majithia: 31 साल में बने मंत्री, ड्रग्स केस में फंसे, सियासी रसूख वाले बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का ऐसा है राजनीतिक सफर

Punjab Election 2022: पंजाब में चुनावी चौसर बिछ चुकी है. दांव पेच का दौर जारी है. पंजाब की राजनीति में अकाली दल का भूमिका महत्वपूर्ण रही है. ऐसे में अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं. विवाद में घिरे रहने वाले मजीठिया का सूबे की राजनीति में क्या महत्व है. साथ ही सियासी रसूख रखने वाले मजीठिया का राजनीतिक सफर कैसा रहा है?

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अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (फाइल फोटो)
अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मजीठिया ने 2007 में पहली बार चुनाव लड़ा
  • ड्रग केस में जारी हुआ था लुकआउट नोटिस

Punjab Assembly Election 2022: पंजाब में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और बीजेपी चुनावी रण में कूद चुकी हैं. वहीं अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पर भी सभी की निगाह बनी हुई है. मजीठिया ने दो जगह अमृतसर पूर्व के साथ मजीठा से नामांकन भरा है. मजीठिया के परिवार का सियासी रसूख रहा है. इतना ही नहीं मजीठिया 31 साल की उम्र में कैबिनेट मिनिस्टर बन गए थे. बता दें कि मजीठिया का विवादों से पुराना नाता रहा है. 

पंजाब की राजनीति में मजीठिया का क्या है महत्व?

ब्रिकमजीत सिंह मजीठिया अकाली नेता और सांसद हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं, यानी वे पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साले हैं. उनका ताल्लुक एक बड़े राजनीतिक परिवार से है, जिसका पंजाब की राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है. साथ ही उन्होंने अकाली सरकार के दौरान बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं. वह दो बार मजीठा विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा मजीठिया यूथ अकाली दल के अध्यक्ष हैं. मजीठिया की पंजाब की राजनीति में सक्रिय भूमिका है.

अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (फाइल फोटो)

पॉलिटिक्स में कब रखा कदम?

मजीठिया ने साल 2007 में पंजाब की राजनीति में कदम रखा था. तब मजीठिया ने अमृतसर की मजीठा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता. इसमें मजीठिया की बहन हरसिमरत बादल की महत्वपूर्ण भूमिका थी. क्योंकि वह तात्कालीन सांसद थीं. उन्होंने मजीठिया के लिए जमकर प्रचार किया था.

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31 साल की उम्र में बने कैबिनेट मंत्री

2007 में चुनाव जीतने के बाद मजीठिया महज 31 साल की उम्र में प्रकाश सिंह बादल की सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए थे. बता दें कि दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले मजीठिया अकाली-बीजेपी सरकार में सबसे युवा मंत्री बने.  

विवादों से रहा है पुराना नाता

शिरोमणि अकाली दल के पूर्व मंत्री और सुखबीर सिंह बादल के साले बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का नाम 2013 में ड्रग्स केस में सामने आया था. 2013 में 6000 करोड़ रुपये के ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ था, इस मामले में मुख्य आरोपी अर्जुन अवॉर्डी रेसलर और डीएसपी जगदीश भोला ने ब्रिकम सिंह मजीठिया का नाम कबूला था. हालांकि कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद मजीठिया 2018 में सुर्खियों में आए थे. उस समय अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया पर ड्रग्स केस में आरोप लगाए थे. इसके बाद मजीठिया ने उन्हें कोर्ट में घसीटा था. हालांकि केजरीवाल ने उनसे माफी मांग ली थी. बता दें कि ड्रग्स केस में मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे. इसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गए थे. मसलन, उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था.

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अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (फाइल फोटो)

कौन है मजीठिया के परिवार में

ब्रिकमजीत सिंह मजीठिया का जन्म 1976 में एक जाट सिख परिवार में हुआ था. उनके परिवार में सभी पढ़े लिखे भी हैं. अपने समय में बड़े पदों पर आसीन रहे हैं. उनके पिता सरदार सत्यजीत सिंह मजीठिया भी राजनीति में सक्रिय थे. हैं. वे पूर्व उप रक्षा मंत्री हुआ करते थे. उनके दादा की बात करें तो वे वायुसेना में विंग कमांडर रह चुके हैं.  उन्होंने साल 2009 में गनीवे ग्रेवाल से शादी की. उनके दो बच्चे हैं. 

पंजाब में क्या है सीटों का समीकरण

पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं. सूबे में अकाली दल लगातार 10 साल तक सत्ता में रहा. लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पंजाब की जनता का विश्वास जीतने में सफल रही. और 117 में से 77 सीटें जीतकर सरकार बनाई. जबकि अकाली दल के खाते में सिर्फ 15 सीटें ही  आई थीं. बता दें कि प्रदेश में अकाली दल का वोट शेयर पिछले चुनाव में करीब 25 फीसदी था.

 

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