उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मिलने पहुंचे. कन्हैया ने इस मुलाकात को आत्मीय और वैचारिक बताया, केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर निशाना भी साधा. कन्हैया कुमार ने कहा कि यह एक आत्मीय मुलाकात थी. उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से तानाशाही चल रही है, किसी को भी पकड़ कर जेल में बंद कर दिया जा रहा है. इस तानाशाही के खिलाफ हम पिछले कई साल से लड़ रहे हैं. हमने उन्हें बताया कि हम संविधान और लोकतंत्र को बचाएंगे और तानाशाही को खत्म करेंगे.
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम चार नहीं, 543 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सब इंडिया ब्लॉक के घटक दल हैं. इंडिया ब्लॉक पूरी तरह से एकजुट है. हम जो भी रणनीति बना रहे हैं, वह किसी एक प्रत्याशी या एक पार्टी के लिए नहीं है. कन्हैया ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के आत्म सम्मान का सवाल है. ये किसी एक व्यक्ति को सांसद या प्रधानमंत्री बनाने का सवाल नहीं है. यह पार्टी की सरकार बनाने का सवाल नहीं है. सवाल यह है कि जिस तरह से दिल्ली के लोगों को अपमानित किया जा रहा है. सीएम साहब को जेल में डाल दिया गया है. सवाल इस तानाशाही के खिलाफ, दिल्ली के अधिकारों पर हर रोज हुए हमलों के खिलाफ है.
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऑर्डिनेंस के जरिए बदला गया और विकास कार्यों को बार-बार अटकाने की कोशिश की जाती है. चुनाव के बीच में नेताओं को पकड़कर जेल में डाला जाता है, दिल्ली के लोगों को अपमानित किया जा रहा है. कन्हैया ने आगे कहा कि यह चुनाव दिल्ली के लोगों के आत्मसम्मान की लड़ाई है. दिल्ली और देश के ऊपर जो तानाशाही थोपी जा रही है, उसके खिलाफ दिल्ली और देश के लोग एकजुट हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि हम दिल्ली की सभी सातों सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और मिलकर रणनीति बना रहे हैं.
लवली के इस्तीफे पर क्या बोले?
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे उनका पत्र नहीं मिला है और ना ही मैंने वह पत्र पढ़ा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किसी नेता ने इस्तीफा दे दिया, इससे ज्यादा खतरनाक वह है जो बीजेपी देशभर में कर रही है. हमने देखा की सूरत और इंदौर में क्या हुआ है.
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कन्हैया कुमार ने कहा कि दिल्ली के लोग सौभाग्यशाली हैं कि उनके पास मौका है, वोट दे पा रहे हैं और प्रत्याशी टिके हुए हैं. दिल्ली वाले वोट करें क्योंकि वोट देने का अधिकार रहेगा भी या पूरे देश की सूरत कहीं सूरत जैसी बन जाएगी? इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान किसी नेता का इस्तीफा होना नई बात नहीं है. नई बात यह है कि प्रत्याशियों को डरा-धमकाकर बैठा देना, अपने साथ मिला लेना और चुनाव नहीं होने देना.