उत्तर पूर्वी दिल्ली से INDIA ब्लॉक के तहत कांग्रेस से लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कन्हैया कुमार का आज पहला चुनावी कार्यक्रम होना है. इससे पहले ही पार्टी के अंदर की कलह सामने आई है. अब जानकारी सामने आई है कि दिल्ली के मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास कन्हैया कुमार के नॉमिनेशन के खिलाफ लोकल कार्यकर्ताओं विरोध प्रदर्शन किया है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि लोकल नेता को उम्मीदवार बनाने की जरूरत है, किसी बाहरी को कैंडिडेट नहीं बनाया जाना चाहिए.
बता दें कि आज ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दिया है और इसके पीछे कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी को भी एक कारण बताया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दीपक बाबरिया पार्टी आलाकमान से बात कर रहे हैं. वह डीपीसीसी में संकट पर पार्टी लाइन पर मलिकार्जुन खड़गे से सलाह-मशविरा करेंगे.
कन्हैया के चुनावी कार्यालय पर लगे पोस्टर में सिर्फ राहुल गांधी और केजरीवाल की तस्वीर लगी है. इसके अलावा किसी भी नेता की तस्वीरें नहीं नजर आई. इस बात को लेकर भी पार्टी में कलह मची हुई है.
चुनावी कार्यक्रमों से उतरने के पहले कन्हैया कुमार ने दिल्ली में गठबंधन के साथ आम आदमी पार्टी के कई नेताओं से भी संपर्क किया था. त्रिलोकपुरी में आम आदमी पार्टी के रोड शो में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शामिल होकर समर्थन किया था. कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार के कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता समर्थन देने पहुंचे.
लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?
अरविंदर सिंह लवली पर कई सारे नेताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई कर हटाने का पहले से दबाव था लेकिन आखिरी वजह बना कन्हैया कुमार के कार्यालय उद्घाटन का पोस्टर. कन्हैया कुमार नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और रविवार को उनके कार्यालय का उद्घाटन तय था. लेकिन कन्हैया के पोस्टर पर कांग्रेस के कई सीनियर नेता नहीं नजर आए, जिस पर पार्टी के अंदर नेताओं में काफी गुस्सा है.
यह भी पढ़ें: Delhi Politics: 'आप' पर हमलावर दिल्ली कांग्रेस, क्या इसके पीछे कोई डबल गेम?
दीपक बाबरिया से अनबन
ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है.
लवली ने अपने लेटर में लिखा, 'यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं. मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं. इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता. दिल्ली कांग्रेस के सीनियर नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं. जब से मुझे दिल्ली का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है.'