लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली में कांग्रेस की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया है. लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे चार पेज के इस्तीफे में कन्हैया कुमार और उदित राज को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया पर राजनीतिक नियुक्तियां रोकने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी का भी जिक्र किया है.
लवली ने बाकी रखी है सुलह की गुंजाइश
अरविंदर सिंह लवली ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है लेकिन अभी पार्टी नहीं छोड़ी है. उन्होंने खुद कहा है कि किसी दूसरे दल में जाना होता तो एक लाइन का इस्तीफा लिखने से कौन रोक रहा था. चार पेज का इस्तीफा इसलिए लिखा जिससे पार्टी नेतृत्व तक कार्यकर्ताओं की भावनाएं पहुंचे और इन खामियों पर काम हो. उन्होंने आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर भी कहा है कि कार्यकर्ता खिलाफ थे लेकिन हमने नेतृत्व के फैसले का समर्थन किया. लवली ने 'पद छोड़ा है, पार्टी नहीं' बोलकर दिल्ली कांग्रेस में सुलह की गुंजाइश बाकी रखी है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा होगा कैसे?
कैसे बनेगी दिल्ली कांग्रेस की बात?
बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस ने अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों के साथ गठबंधन किया. ग्रैंड ओल्ड पार्टी ने कई जगह लोकल नेताओं के विरोध दरकिनार किए तो कई जगह क्षत्रपों की शर्तों पर उनका साथ लिया और इसका नतीजा पार्टी के कोटे में आई कम सीटों के रूप में भी देखने को मिला. यूपी में कांग्रेस जहां सलमान खुर्शीद, राजेश मिश्रा जैसे दिग्गजों की सीटें नहीं ले पाई तो वहीं दिल्ली में खुद प्रदेश अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली की सीट भी आम आदमी पार्टी के हिस्से चली गई.
यह भी पढ़ें: 'देखिए 2 घंटे में मंजूर भी हो गया मेरा इस्तीफा, हमारी पार्टी कितनी तेजी से काम करती है', लवली का तंज
टिकटों के ऐलान के बाद जयकिशन, राजकुमार चौहान, सुरेंद्र कुमार जैसे नेता मुखर रहे. अब लवली के इस्तीफे ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. संदीप दीक्षित ने लवली के इस्तीफे पर कहा है कि उन्होंने (लवली ने) जो मुद्दे उठाए हैं, उनका समाधान किए जाने की जरूरत है. अब सवाल उठ रहे हैं कि चुनावी मौसम में दिल्ली कांग्रेस की बात कैसे बनेगी? पार्टी के पास अब क्या विकल्प हैं?
1- कन्हैया-उदित राज की सीट पर टिकट बदल दे पार्टी
कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से टिकट दिया है जबकि उदित राज को नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से टिकट दिया गया है. टिकट के ऐलान के बाद जब पार्टी कार्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उस दौरान भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन नेताओं की उम्मीदवारी का विरोध किया था. लवली के साथ ही संदीप दीक्षित भी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से टिकट के दावेदार थे. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट पर यूपी और बिहार, खासकर भोजपुरी भाषी इलाकों के निवासियों की अच्छी खासी तादाद है.
यह भी पढ़ें: 'बिचौलिए काम नहीं करते...', लवली के इस्तीफे पर बोले उदित राज, दीपक बाबरिया का आरोप- अयोग्य लोगों को कर रहे थे प्रमोट
कांग्रेस उम्मीदवारों ने अभी नामांकन नहीं किया है. ऐसे में पार्टी के सामने एक विकल्प इन दो सीटों पर उम्मीदवार बदलना भी हो सकता है. पिछले दिनों दीपक बाबरिया ने जब उदित राज के पक्ष में नेताओं की बैठक बुलाई थी, तब भी लवली ने दिल्ली प्रभारी से कहा था कि अगर संभव हो तो दो उम्मीदवार बदल दिए जाएं. उन्होंने बाबरिया से इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के लिए समय लेने का भी आग्रह किया था और ये भी कहा था कि अगर वह समय नहीं लेंगे तो हमें ऐसा करना पड़ेगा जिससे नेतृत्व तक कार्यकर्ताओं की भावनाएं पहुंचाई जा सकें.
2- लवली आनंद और नाराज नेताओं को मना ले कांग्रेस
कांग्रेस के लिए एक रास्ता यह है कि नेतृत्व दिल्ली कांग्रेस के नाराज नेताओं से बातचीत करे और उन्हें किसी तरह मना ले. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का केसी वेणुगोपाल से संकट के हल का रास्ता खोजने को कहना भी इसी तरफ इशारा माना जा रहा है.
3- दीपक बाबरिया से दिल्ली का चार्ज वापस ले लिया जाए
लवली से पहले इस्तीफा देने वाले राजकुमार चौहान ने दीपक बाबरिया से दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी का चार्ज वापस लेने की मांग कर दी है. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की नाराजगी के पीछे दीपक बाबरिया की कार्यशैली को भी वजह बताया जा रहा है. खुद लवली ने भी अपने इस्तीफे में इसका जिक्र किया है. ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के सामने एक विकल्प बाबरिया की जगह किसी और को दिल्ली कांग्रेस प्रभारी का चार्ज देने का भी हो सकता है.
बाबरिया को नेताओं ने सुनाई थी खरी-खोटी
दीपक बाबरिया ने उदित राज के समर्थन में अपने आवास पर नेताओं की बैठक बुलाई थी. करीब हफ्तेभर पहले हुई इस बैठक में राजकुमार चौहान, जयकिशन, सुरेंद्र कुमार जैसे नेता उदित राज की उम्मीदवारी को लेकर दीपक बाबरिया पर ही भड़क गए थे. इन नेताओं ने बाबरिया को खरी-खोटी सुनाई थी. बैठक में दीपक बाबरिया ने दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफे तक की पेशकश कर दी थी.