लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में सीलिंग को लेकर सियासी बहस जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी(AAP) के नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बृजेश गोयल ने रविवार को मौजूदा सांसद और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी मीनाक्षी लेखी को सीलिंग के मुद्दे पर चुनौती दी है. एक बयान जारी करते हुए गोयल ने कहा कि 'अगर मीनाक्षी लेखी अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए तैयार हैं तो मैं सीलिंग के मुद्दे पर उनसे बहस करने को तैयार हूं. वह अपनी सुविधानुसार जगह और तारीख बता दें.'
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसदों को सीलिंग के मुद्दे पर घेरने वाले बृजेश गोयल ने बताया कि नई दिल्ली लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत अमर कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, हौज खास, ग्रीन पार्क, मेहरचंद मार्केट, रैगरपुरा, बीडनपुरा, टोडापुर, मानसरोवर गार्डन, मोतिया खान, डबल स्टोरी लाजपत नगर आदि बाजारों में बड़े पैमाने पर सीलिंग की कार्यवाही हुई है और पिछले डेढ़ साल से हजारों दुकानें सील पड़ी हुई हैं.
आम आदमी पार्टी उम्मीदवार ने अपनी प्रतिद्वंदी पर आरोप लगाते हुए पूछा है कि अगर मीनाक्षी लेखी संसद में सीलिंग के मुद्दे पर लड़ाई लड़तीं तो सीलिंग की समस्या का समाधान हो चुका होता. सीलिंग की वजह से हजारों व्यापारियों के सामने पिछले डेढ़ साल से रोजी रोटी का संकट खड़ा हुआ है. मीनाक्षी लेखी सीलिंग के मुद्दे पर अपनी अपना स्टैण्ड क्लीयर करें और बताएं कि वे सील हुई दुकानों को डी-सील करवाने के लिए क्या रास्ता निकालेंगी?
बृजेश गोयल ने मीनाक्षी लेखी से पूछे 5 सवाल-
1. नई दिल्ली लोकसभा के अनेक बाजारों में हुई सीलिंग पर उनका क्या स्टैंड है?
2. दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर संसद में उन्होंने एक भी सवाल पूछा हो, एक भी वक्तव्य दिया हो या फिर संसद में इस पर बहस के लिए कोई नोटिस दिया हो, तो वह क्या उसे जनता के सामने रख सकती हैं ?
3. अध्यादेश लाकर दिल्ली में सीलिंग रोकने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री या केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को कोई पत्र लिखा हो तो क्या वह उन पत्रों को जनता के सामने प्रस्तुत करेंगी?
4. क्या वह कोई एक भी पत्र या वक्तव्य जनता के सामने रख सकती हैं जिसमें उन्होंने नगर निगमों से कन्वर्जन चार्जेस को माफ करने की बात कही हो जिससे सीलिंग तुरंत रुक सके?
5). क्या मीनाक्षी लेखी कोई एक भी फोटो/वीडियो जनता को दिखा सकती हैं जिसमें वह व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल से मिली हों और उन्हें ये आश्वासन दिया हो कि वह इस मुद्दे पर कोशिश करेंगी ?
बता दें कि राजधानी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूब्यूनल (एनजीटी) ने करीब साढ़े आठ सौ फैक्ट्री और दुकानों को सील करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस और आईटीबीपी के जवान अप्रैल के दूसरे हफ्ते में एनजीटी के आदेश पर यहां सीलिंग करने पहुंचे थे. सीलिंग करने पहुंची टीम ने अभी 6 दुकानों में ताले लगाए ही थे कि लोग आक्रोशित हो उठे और उसके बाद हंगामा शुरु हो गया. पथराव में कई पुलिसकर्मी और आईटीबीपी के कई जवान घायल हुए थे.
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वहीं मामले में दिल्ली की सत्ता में काबिज AAP और केंद्र की बीजेपी सरकार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी से बचने और सियासत करने का आरोप लगा रही हैं.
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