लोकसभा चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दलों को व्यापारियों की चिंता सताने लगी है. वोट बैंक कहीं हाथ से फिसल न जाए इसलिए आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे हैं. मंगलवार को मायापुरी में सीलिंग के सताए व्यापारी सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचे. इस मीटिंग में तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह, आम आदमी पार्टी के नई दिल्ली से लोकसभा उम्मीदवार और व्यापारी बृजेश गोयल के साथ वेस्ट दिल्ली से 'आप' उम्मीदवार बलबीर सिंह जाखड़ मौजूद रहे.
जरनैल सिंह ने मीटिंग के बाद बताया कि व्यापारियों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली सरकार NGT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. वहीं, बृजेश गोयल ने आरोप लगाया कि DDA द्वारा जमीन न देने की वजह से व्यापारियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के सामने सही तथ्य रखे जाएंगे
13 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि "अपने ही व्यापारियों को इस तरह पीटना बेहद शर्मनाक है व्यापारियों ने हमेशा धन और वोट से भाजपा का साथ दिया. बदले में भाजपा ने उनकी दुकानें सील कीं और उनको लाठियों से पीटा. चुनाव में भी व्यापारियों पर इतना बर्बर लाठी चार्ज? भाजपा साफ कह रही है- नहीं चाहिए भाजपा को व्यापारियों का साथ"
बता दें कि दिल्ली में सीलिंग एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. आम आदमी पार्टी पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार के सामने संसद में अध्यादेश लाने की मांग करती आई है, तो वहीं बीजेपी भी आम आदमी पार्टी सरकार को सीलिंग के लिए सवालों के कटघरे में खड़ा कर चुकी है. हालांकि राजनीतिक बयानबाजी के बीच व्यापारियों को अबतक सीलिंग से राहत नहीं मिल पाई है.
क्या है मामला
एनजीटी ने करीब साढ़े आठ सौ फैक्ट्री और दुकानों को सील करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस और आईटीबीपी के जवान एनजीटी के आदेश पर यहां सीलिंग करने पहुंचे थे. सीलिंग करने पहुंची टीम ने अभी 6 दुकानों में ताले लगाए ही थे कि लोग आक्रोशित हो उठे और उसके बाद हंगामा शुरू हो गया. पथराव में कई पुलिसकर्मी और आईटीबीपी के कई जवान घायल हैं. सवाल ये है कि जब कोर्ट ने सीलिंग करने का आदेश दिया है तो लोग मान क्यों नहीं रहे और पत्थरबाजी करने वाले लोगों से हमदर्दी दिखाकर सियासी जमात क्या कोर्ट के आदेश का अपमान नहीं कर रही.
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