गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. एक तरफ हिमाचल में कांग्रेस ने BJP को पटखनी देते हुए सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है. यहां पार्टी का परिणाम बेहद निराशाजनक रहा है.
नतीजों के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने गुजरात में पार्टी की हार के लिए 3 पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया है. जयराम रमेश ने कहा, 'गुजरात के परिणाम बेहद निराशाजनक हैं. कांग्रेस के खिलाफ हैं. उन्होंने बीजेपी, आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को कांग्रेस की हार का जिम्मेदार बताते हुए तीनों पार्टियों के बीच एक गठबंधन की बात कही.
जयराम रमेश ने आगे कहा कि ध्रुवीकरण का एक खतरनाक अभियान चलाया गया. इसके लिए राज्य और केंद्र की मशीनरी का इस्तेमाल हुआ. उन्होंने कहा कि हमारा वोटशेयर हमें पुनर्निर्माण और फिर से वापसी का विश्वास देता है. हम गुजरात में एकमात्र विकल्प हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश के नतीजे निश्चित रूप से कांग्रेस के मनोबल को बढ़ाने वाले हैं. भाजपा अध्यक्ष के गृह राज्य में PM (प्रचार मंत्री) का हाई वोल्टेज अभियान विफल रहा. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस हिमाचल की जनता से किए गए संकल्पों को पूरा करेगी.
हर 5 साल में बदल जाती है सरकार
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है. कांग्रेस ने यहां 40 सीटों पर जीत दर्ज की है. यानी कांग्रेस की सरकार बनना तय है. इस चुनाव में बीजेपी के खाते में 25 तो अन्य के हिस्से में तीन सीटें आई हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई. इस चुनाव में 412 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर थी. हर 5 साल में सरकार बदलने वाले इस राज्य में इस बार भी ट्रेंड रिपीट हुआ है.
किसी भी पार्टी को दोबारा नहीं मिला मौका
साल 1985 से ही कोई भी पार्टी इस राज्य में लगातार 10 साल तक सत्ता में नहीं रही है. इसे देखते हुए साल 2022 के विधानसभा चुनाव कैंपेन के दौरान बीजेपी ने 'राज नहीं, रिवाज बदलेंगे' का नारा दिया था. यानी इस बार सरकार नहीं, बल्कि सरकार बदलने की पुरानी परंपरा बदलने पर जोर दिया. लेकिन जनता ने बीजेपी के इसे नारे को स्वीकार न करते हुए ट्रेंड को बरकरार रखा.