दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर बीजेपी और केजरीवाल सरकार आमने-सामने है. दिल्ली सरकार दावा करती रही है कि उन्होंने सरकारी स्कूलों के बेहतरीन बना दिया है. इसकी ही पड़ताल करने सोमवार को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी खजूरी खास के सरकारी स्कूलों में अचानक पहुंच गए.
मनोज तिवारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्व स्तरीय स्कूलों के दावों की हकीकत जानने के लिए खजूरी खास ही स्थित राजकीय बाल बालिका विद्यालय पहुंचे. उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकों से बात की तो विद्यार्थियों से क्लास रूम में जाकर शिक्षा के स्तर की हकीकत जानी, टॉयलेट ब्लॉक और विद्यालय प्रांगण की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के बाद उन्होंने साथ आए पत्रकारों से बात की.
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जनता को झूठ परोस रहे सीएम केजरीवाल
पत्रकारों से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा निरीक्षण के बाद एक बार फिर यह साबित हो गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता की गाढ़ी कमाई से करोड़ों रुपये का विज्ञापन देकर जनता के बीच कोरा झूठ परोस रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह देश की राजधानी का दुर्भाग्य है कि दिल्ली सरकार के विद्यालयों में विद्यार्थी पेड़ के नीचे क्लास लगाकर पढ़ रहे हैं. विद्यालयों में टीचर और कमरों का अभाव होने के कारण विद्यालय 2 के बजाय 4 पालियों में लगाया जा रहा है और विद्यार्थी अधूरा ज्ञान लेकर घर जाने को मजबूर हैं.
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बदहाली की गवाही दे रहे स्कूल
मनोज तिवारी ने कहा कि जर्जर पड़े टॉयलेट बदहाली की गवाही दे रहे हैं, तो विद्यालय की दीवारों से हाथ मारते ही भरभरा कर पेंट और सीमेंट गिर रहा है, ये बड़ी दुर्घटना की आहट है. उन्होंने बताया कि 2010 में भी इसी विद्यालय में भगदड़ के चलते 6 छात्राओं की मौत और 39 घायल हो गए थे, तब दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी और वर्तमान सरकार ने भी उस दुर्घटना से सबक नहीं सीखा, आज हर पल अपने सिर पर मौत का साया होने के बावजूद बदहाली में हजारों विद्यार्थी अध्ययन को मजबूर हैं.
मनोज तिवारी ने कहा कि खुद प्रिंसिपल ने बताया कि विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप ढांचागत व्यवस्था के अभाव में विद्यालय 2 के बजाय चार पालियों में लग रहा है और हमें बिल्डिंग के निर्माण का इंतजार है. मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल के दावों को चुनौती देते हुए कहा है कि वह हिम्मत जुटाकर मीडिया के सामने दिल्ली सरकार और निगम विद्यालयों का तुलनात्मक दौरा करें या फिर डींग हांकना बंद करें. अरविंद केजरीवाल के झूठ का शिकार होकर आज लाखों विद्यार्थी अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं, तो वहीं उनकी बदइंतजामी का शिकार कई विद्यालय अपने जीर्णोद्धार की बांट जोह रहे हैं.