दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार नए चेहरे के साथ-साथ पुराने और तीन दशकों का अनुभव रखने वाले मंझे हुए कई नेता भी किस्मत आजमाने के लिए सियासी मैदान में उतरे हैं. दिल्ली की कुल 70 सीटों में से 11 पर ऐसे उम्मीदार भी हैं, जो दिल्ली में पहली बार हुए 1993 चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार ये दिग्गज कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी से उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक रहे हैं.
दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ था और बीजेपी बहुमत हासिल कर दिल्ली की सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई थी. करीब 27 साल पहले 1993 के चुनाव में विधायक बनने वाले करीब 11 नेता एक बार से मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस से छह तो बीजेपी से तीन और आम आदमी पार्टी से ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.
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1993 में जीते कांग्रेस से 6 विधायक मैदान में
कांग्रेस से कृष्णा नगर से डॉ. एके वालिया, पटेल नगर से कृष्णा तीरथ, सुल्तानपुर माजरा से जय किशन, ओखला से परवेज हाशमी, सीलमपुर से चौधरी मतीन अहमद और विकासपुरी से मुकेश शर्मा मैदान में उतरे हैं. ये कांग्रेस के वो दिग्गज नेता हैं, जो दिल्ली के 1993 में हुए पहले चुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि इस बार इन दिग्गजों की राह आसान नहीं है, इन्हें जीतने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है.
दिल्ली के पहले चुनाव में जीते 3 नेताओं को बीजेपी ने उतारा
दिल्ली में 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 49 सीटें जीतकर सत्ता पर विराजमान हुई थी और पांच साल राज किया था. इसके बाद से बीजेपी दोबारा से सत्ता में वापसी नहीं कर सकी. बीजेपी से पहले चुनाव जीतने वाले विधायकों में से महज चार नेता मैदान में उतरे हैं, इनमें तीन नेता कमल के निशान पर चुनाव लड़ रहे हैं तो एक केजरीवाल की पार्टी से मैदान में हैं. बाबरपुर सीट से नरेश गौड़, छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर और बिजवासन से सतप्रकाश राणा शामिल हैं, जो बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
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AAP ने 1993 के जीते 2 विधायकों को दिया टिकट
1993 में रामनिवास गोयल बीजेपी से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे. इस बार रामनिवास गोयल आम आदमी पार्टी से शाहदरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे ही शोएब इकबाल दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव में मटियामहल सीट से जनता दल से विधायक चुने गए थे. इस बार वो चुनाव से ऐन पहले केजरीवाल का दामन थामकर आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी की बुनियाद अरविंद केजरीवाल ने 2013 में रखी थी.