नरेला विधानसभा सीट दिल्ली (Delhi Elections 2020) की 70 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से एक सीट है और दिल्ली की विधानसभा सीटों में इसकी सीट संख्या 1 है. उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट के तहत पड़ने वाली नरेला विधानसभा सीट पर कांग्रेस के नाम जीत की हैट्रिक है तो भारतीय जनता पार्टी के लिए यह कुछ खास नहीं है तो आम आदमी पार्टी की कोशिश अपनी पकड़ कायम रखने पर होगी.
उत्तरी-पश्चिम दिल्ली जिले के तहत पड़ने वाली नरेला विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 2,40,811 वोटर्स थे जिसमें 1,34,027 पुरुष और 1,06,767 महिला वोटर्स शामिल थे. जबकि 17 वोटर्स थर्ड जेंडर से थे. 2,40,811 वोटर्स में से 1,60,316 (66.6%) ने वोट डाले. तो 767 वोट नोटा के पक्ष में पड़े थे.
AAP को मिली पहली जीत
2015 के विधानसभा चुनाव में नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के शरद कुमार ने जीत हासिल की थी. शरद कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के नील दमन खत्री को 40,292 (25.1%) मतों के अंतर से हराया था. आम आदमी पार्टी की नरेला सीट पर यह पहली जीत रही.
आम आदमी पार्टी के शरद कुमार को चुनाव में 96,143 मत तो नील दमन खत्री को 55,851 मत हासिल हुए. कांग्रेस के प्रवीण कुमार तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 4,643 वोट मिले. इस चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें 4 उम्मीदवारों को 500 से कम वोट हासिल हुए.
कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक
1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद यहां हुए पहले चुनाव में नरेला विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के इंदर राज सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के चरण सिंह को हराया था. हालांकि 1998 के चुनाव में यह कहानी बदल गई और कांग्रेस ने इस सीट को बीजेपी से छीन लिया.
कांग्रेस ने 1998 के चुनाव में जीत हासिल किया. कांग्रेस के चरण सिंह ने पिछली हार का बदला लेते हुए बीजेपी को हराया. इसके बाद उन्होंने 2003 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की. 2008 में भी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए यह सीट अपने पास रखी, लेकिन इस बार उसकी ओर से उम्मीदवार थे जसवंत सिंह.
बीजेपी के खाते में लगातार 3 हार
2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लगातार 3 चुनाव में हार का सामना करने के बाद जीत हासिल की और उसके उम्मीदवार नील दमन खत्री ने जीत दर्ज कराई और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के वीरेंद्र को हराया.
2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल लहर में आम आदमी पार्टी ने यह सीट अपने नाम की और उसके उम्मीदवार शरद कुमार ने बीजेपी के उम्मीदवार और विधायक नील दमन खत्री को हरा दिया. बीजेपी यहां से लगातार 3 चुनाव हार चुकी है.
नरेला के विधायक शरद कुमार की बात करें तो 2015 के विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में उन पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है. 45 साल के 10वीं पास शरद कुमार के पास 2015 के हलफनामे के अनुसार उनके पास 2,59,25,419 रुपये की संपत्ति थी.
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कब होगी मतगणना?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद की व्यवस्था हुआ करती थी. 70 सदस्यीय विधानसभा में एक चरण में मतदान हो रहा है. 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 11 फरवरी को होगी. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.