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Madhepura Election Results 2020: RJD के चंद्र शेखर की जीत, एनडीए की हार

Madhepura Election Results, Madhepura Vidhan Sabha seat Counting 2020: मधेपुरा के वोटरों का मिजाज स्थायित्व वाला रहा है. कभी यहां कांग्रेस का बोलबाला रहा, तो आरजेडी के अभ्युदय के बाद यादव बाहुल्य यह सीट उसके गढ़ में तब्दील हो गई. 

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Madhepura Election Results 2020: Bihar
Madhepura Election Results 2020: Bihar
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मधेपुरा में 7 नवंबर को मतदान हुआ
  • 2005 में जेडीयू ने आरजेडी को दी थी मात
  • यादव बाहुल्य सीट है मधेपुरा विधानसभा

मधेपुरा विधानसभा सीट पर महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) प्रत्याशी चंद्र शेखर ने जीत दर्ज की है. उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से जनता दल(यूनाइटेड) प्रत्याशी निखिल मंडल को हराया है. दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर 15,072 रहा.
चंद्रशेखर को जहां 79,839 वोट मिले, वहीं निखिल मंडल 64,767 वोटों पर सिमट गए. 39.24 फीसदी वोट आरजेडी को पड़े तो 31.83 फीसदी मत जेडीयू को पड़े.

तीसरे नंबर पर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव रहे, जिन्हें 26,462 वोट मिले. नोटा को 1,349 लोगों ने चुना. चौथे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी के सरकार सुरेश यादव रहे. इस सीट से कुल 18 लोग चुनावी समर में थे.
 

Madhepura
मधेपुरा विधानसभा सीट का नतीजा



मधेपुरा में 61.67 फीसदी हुई थी वोटिंग

मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधि चुनने के लिए तीसरे और अंतिम दौर में 7 नवंबर को मतदान हुआ था. मधेपुरा में 61.67 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. ऐतिहासिक महत्व समेटे मधेपुरा जिले की पहचान न सिर्फ सियासी, बल्कि आध्यात्मिक लिहाज से भी महत्वपूर्ण रही है. कोशी नदी के तट पर स्थित श्रृंग ऋषि के आश्रम (श्रृंगेश्वर या सिंघेश्वर) से कभी अध्यात्म की धारा बही, तो सियासी धार भी. कभी कांग्रेस का गढ़ रही मधेपुरा विधानसभा सीट पर इस समय राष्ट्रीय जनता दल का कब्जा है.

चुनावी समर में किसके बीच लड़ाई?

मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी ने चंद्रशेखर को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट से कुल 18 उम्मीदवार मैदान में रहे.  जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव भी इसी सीट से ताल ठोका लेकिन नाकामी हाथ लगी. जेडीयू से निखिल मंडल भी चुनावी रण में रहे.

स सीट पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान हुआ था. इस सीट पर कुल 3 लाख 5 हजार से अधिक मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की भागीदारी 52.18 फीसदी और महिला मतदाताओं की तादाद 47.82 फीसदी है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 1 लाख 83 हजार 723 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. चुनावी अतीत देखें तो मधेपुरा के वोटरों का मिजाज स्थायित्व वाला रहा है. कभी यहां कांग्रेस का बोलबाला रहा, तो आरजेडी के अभ्युदय के बाद यादव बाहुल्य यह सीट उसके गढ़ में तब्दील हो गई. 

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पिछले यानी साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर चुनावी रणभूमि में उतरी लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार चंद्रशेखर यादव ने लालटेन जलाई. चंद्रशेखर को 90 हजार 974 वोट मिले थे. वहीं, 53 हजार 332 वोट पाकर भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार दूसरे स्थान पर रहे थे.

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2015 के विधानसभा चुनाव में जीती थी आरजेडी

साल 2015 के चुनाव में मधेपुरा जिले की यही एकमात्र सीट थी, जहां पर लालटेन जली थी. इससे पहले का चुनावी अतीत देखें तो यादव बाहुल्य यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही, जो बाद में लालू यादव के किले में तब्दील हो गई. साल 1977 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जय कृष्ण यादव विधायक बने. साल 1980 के चुनाव में जनता दल से राधाकांत यादव ने चुनावी जीत हासिल की.

1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जनता दल से अपनी खोई सीट छिन ली और भोला प्रसाद यादव विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. साल 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के राधाकांत यादव एकबार फिर विजयी रहे. साल 1995 में जनता दल के टिकट पर प्रामेश्वरी प्रसाद नरेला ने विजय पताका फहराया.

2005 में जेडीयू ने रोका था आरजेडी का विजय रथ

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साल 2000 के चुनाव में आरजेडी के राजेंद्र प्रसाद यादव ने आरजेडी से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. साल 2005 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आरजेडी का विजय रथ रोक दिया. चेडीयू के महेंद्र कुमार मंडल विजयी रहे. हालांकि, यहां जेडीयू का कब्जा बरकरार नहीं रह सका और आरजेडी ने अगले ही विधानसभा चुनाव यानी साल 2010 में जेडीयू को पटखनी देकर वापसी कर ली.

 

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