
गोपालपुर सीट से जेडीयू के नरेंद्र कुमार नीरज ने जीत हासिल की है. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर नरेंद्र कुमार नीरज ने आरजेडी के शैलेश कुमार को 24461 मतों से मात दी. नरेंद्र कुमार नीरज को 75533 (46.39) वोट मिले जबकि शैलेश कुमार को 51072(31.37%) वोट मिले वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सुरेश भगत को 23406 (14.38) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहना पड़ा.
गोपालपुर सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और कांग्रेस के बीच 19-20 की लड़ाई रही है. 1985 में इस सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी विधानसभा पहुंचा, लेकिन 1990 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने यहां पहली बार एंट्री मारी. हालांकि बीजेपी उसके बाद यहां फिर अपनी कामयाबी दोहरा नहीं पाई.

क्या थे 2015 के नतीजे
बहरहाल, 2015 के चुनावों में जेडीयू के नरेंद्र कुमार नीरज ने 57,403 (41.4%) मतों के साथ जीत हासिल की थी जबकि दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी के अनिल कुमार यादव को 52,234 (37.6%) मतों से संतोष करना पड़ा था. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश भगत को 6,410 (4.6%) मत मिले थे.
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इसी तरह, 2010 के विधानसभा चुनावों में जदयू के नरेंद्र कुमार नीरज ने 53,876 (47.0%) मतों के साथ आरजेडी के अमित राणा को शिकस्त दी थी. अमित राणा को 28,816 (25.1%) मतों से संतोष करना पड़ा था. तीसरे स्थान पर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजन कुमार को 9,360 (8.2%) मत मिले थे.
चुनावी इतिहास
गोपालपुर सीट पर 1995 से जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जदयू के उम्मीदवार विधानसभा पहुंचते रहे. 1957 में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से सीपीई को सफलता मिली थी. गोपालपुर से मणिराम सिंह ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. 1977 में भी गोपालपुर में सीपीआई ने कामयाबी हासिल की थी.
बता दें कि 1957 के चुनाव में मणि राम सिंह (सीपीआई), 1962 में मायादेवी (कांग्रेस), 1967 में मणि राम सिंह (सीपीआई),1969,1972 में मदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस), 1977 में मणि राम सिंह (सीपीआई), 1980 और 1985 में मदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस), 1990 में ज्ञानवेश्वर यादव (बीजेपी), 1995 में रविंद्र कुमार राणा (जनता दल), 2000 रविंद्र कुमार राणा (आरजेडी), फरवरी और अक्टूबर 2005 के चुनावों में अमित राणा (आरजेडी) ने जीत हासिल की थी.
सामाजिक ताना-बाना
जनगणना 2011 के मुताबिक गोपालपुर की कुल आबादी 383104 है. इसमें 87.19% लोग गांव जबकि 12.81% आबादी शहर में रहती है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 6.97 और 1.1 फीसदी है. 2015 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 53.86% मतदान हुए थे.