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पिपरा(सुपौल) विधानसभा: महागठबंधन बनाम एनडीए की लड़ाई में किसे मिलेगी सत्ता?

पिपरा सुपौल के विधायक यदुवंश कुमार हैं. 2015 के चुनाव में इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विश्वमोहन कुमार को हराया था. इस साल कुल 9 लोगों ने चुनाव में हिस्सा लिया था, जिनमें से 7 की जमानत जब्त हो गई थी.

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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिपरा के विधायक हैं यदुवंश कुमार
  • छात्र जीवन से ही राजनीति में रहे हैं सक्रिय
  • एनडीए बनाम महागठबंधन की है लड़ाई

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक पिपरा(सुपौल) विधानसभा का सीट क्रमांक 42 है. यह विधानसभा 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आई थी.  इस विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक यदुवंश कुमार यादव विधायक हैं. सुपौल जिले में कुल 5 विधानसभाएं आती हैं. सुपौल, पिपरा, निर्मली, छातापुर और त्रिवेणीगंज.

2015 का चुनाव

2015 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी यदुवंश कुमार यादव को जीत मिली. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विश्वमोहन कुमार को चुनावी समर में मात दी. आरजेडी को कुल 85,944 वोट पड़े तो बीजेपी को 49,575 वोट. इस चुनाव में जीत का अंतर 36,369 रहा. कुल 61.13 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग में हिस्सा लिया था. कुल 9 लोगों ने चुनाव में हिस्सा लिया था, जिनमें से 7 की जमानत जब्त हो गई थी. इस सीट से एक भी महिला उम्मीदवार नहीं खड़ी हुई थी.

सीट का इतिहास

2008 में यह सीट अस्तित्व में आई. 2010 में पहली बार इस सीट पर वोटिंग हुई. तब जनता दल यूनाइटेड की सुजाता देवी ने लोक जनशक्ति पार्टिी के प्रत्याशी दीनबंधु यादव को हराया था. जेडूयी को इस साल 44,833 वोट मिले थे, वहीं एलजेपी को महज 30,197 वोट हासिल हुए थे.

सामाजिक ताना बाना

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पिपरा(सुपौल) में कुल 2,81,438 वोटर हैं, जिनमें 1,51,708 पुरुष और 1,29,716 महिलाएं हैं. यह क्षेत्र कोसी नदी के प्रकोप से अक्सर हर साल बारिश में जूझता है. शिक्षा, स्वास्थ्य, स्कूल और रोजगार भी प्रमुख चुनावी मुद्दा है.

विधायक के बारे में 
यदुवंश कुमार यादव का जन्म 10 जनवरी 1950 को सौपल के दिवानगंज में हुए था. ये स्नातक हैं और राजनीति में आने से पहले कृषि क्षेत्र में सक्रिय थे. साल 1969 में इन्होंने सक्रिय रूप से राजनीति में एंट्री ली.  
अगस्त 1965 को क्रांति दिवस के मौके पर एक आंदोलन में जेल भी जा चुके हैं. फिर 1974 में छात्र आंदलोन और 1977 में पिछड़ा वर्ग आरक्षण आंदोलन में भी जेल जा चुके हैं. 2000 से 2005 तक विधायक भी रह चुके हैं.

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

पिपरा विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन का है. इस सीट पर एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी श्यामबाबू प्रसाद यादव हैं तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन की ओर से सीपीआई(एम) प्रत्याशी राजमंगल प्रसाद हैं.

अन्य राजनीतिक दलों में राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी से रामचंद्र साह, बहुजन मुक्ति पार्टी से ललित कुमार सिंह समेत कई निर्दलयी उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. कुल 15 उम्मीदवार चुनावी समर में हैं, वहीं 2 के नामांकन खारिज कर दिए जा चुके हैं.

 

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62.61% लोगों ने किया वोट

पिपरा विधानसभा में 7 नवंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव संपन्न हुए थे. पिपरा सीट पर कुल 62.61% फीसदी लोगों ने वोट किया है. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

 

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