बिहार की चुनावी राजनीति एक बार फिर जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूम रही है. एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपने-अपने वोट बैंक को साधने में लगे हैं. इस सियासी बिसात पर नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, और मुकेश सहनी जैसे नेता अपनी-अपनी जातियों के वोटों को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं.