मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है. जनसुराज समर्थक और कभी टाल क्षेत्र के प्रभावशाली चेहरों में गिने जाने वाले दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर उनके परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने भी परिजनों की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और इसमें मोकामा से चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह को भी आरोपी बनाया गया है.
अनंत सिंह ने कराई दादा की हत्या: रविरंजन
आज तक से बातचीत में दुलारचंद यादव के पोते रविरंजन ने कहा, 'मेरे दादा की हत्या कर दी गई और मुझे डर है कि मेरी भी हत्या हो सकती है, पुलिस और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है, हमें न्याय चाहिए.
रविरंजन ने यह भी कहा कि उनके दादा बाहुबली नेता अनंत सिंह के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रहे थे. उन्होंने कहा, 'हम लोग पढ़े-लिखे हैं, एके-47 वाले नहीं हैं, मेरे दादा ने हमेशा जनता की आवाज उठाई लेकिन अब पुलिस-प्रशासन मौन है और असली अपराधियों को बचाया जा रहा है.'
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दुलारचंद यादव के घर की महिलाओं ने भी पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह ने ही हत्या करवाई है, परिजनों ने कहा कि दुलारचंद यादव चुनाव में जनसुराज पार्टी का समर्थन कर रहे थे, इसीलिए उन्हें रास्ते से हटाया गया.'
तारतार गांव में तनाव
घटना के बाद से तारतार गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. पांच घंटे तक शव को ग्रामीणों ने उठने नहीं दिया. परिवार का आरोप है कि पहले दुलारचंद यादव के पैर में गोली मारी गई और फिर गाड़ी से कुचल दिया गया.
वहीं, अनंत सिंह के समर्थकों ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि जनसुराज समर्थकों ने पहले उनके काफिले पर हमला किया था और पथराव में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई थीं. मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या ने न सिर्फ राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है, बल्कि इसने बिहार चुनाव के पहले चरण से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.