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'I don't care...', कोलकाता में अमित शाह के हमलों पर बोलीं ममता बनर्जी

कोलकाता में अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची के नाम पर बंगाल में लोगों को परेशान किया जा रहा है और चुनाव से पहले जानबूझकर लाखों नाम हटाए जा रहे हैं.

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अमित शाह ने कोलकाता में PC कर ममता सरकार पर कई आरोप लगाए. (Photo- ITG)
अमित शाह ने कोलकाता में PC कर ममता सरकार पर कई आरोप लगाए. (Photo- ITG)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में गृह मंत्री अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार करते हुए SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. ममता ने कहा कि SIR के नाम पर पूरे बंगाल में आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जैसे ही चुनाव आते हैं, दुर्योधन और दुशासन बंगाल आ जाते हैं. उन्होंने अमित शाह के आरोपों को 'I don't care' कहते हुए खारिज कर दिया.

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र दावा कर रहा है कि 1.5 करोड़ नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया राजनीतिक फायदे के लिए जल्दबाजी में की जा रही है. मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि अगर बंगाल में आतंक है, तो फिर कश्मीर में हुए पहलगाम जैसे घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा. उन्होंने दिल्ली में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए भी केंद्र से जवाब मांगा.

यह भी पढ़ें: 'बंगाल से घुसपैठ समाप्त करेंगे, चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे', कोलकाता में बोले अमित शाह

जमीन के मुद्दे पर ममता ने कहा कि अमित शाह का यह दावा गलत है कि राज्य सरकार जमीन नहीं देती. उन्होंने कहा कि सभी रेलवे प्रोजेक्ट राज्य सरकार की ओर से जमीन देने के बाद ही पूरे हुए. कोयला खनन के लिए ईसीएल को भी जमीन राज्य ने दी. इसके अलावा पेट्रापोल, चांग्राबांध और अन्य सीमावर्ती इलाकों में भी जमीन उपलब्ध कराई गई है.

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अमित शाह के आरोपों पर ममता बनर्जी का पलटवार

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 100 दिन का काम, सर्व शिक्षा अभियान जैसी कई केंद्रीय योजनाएं रोक दी हैं. उन्होंने कहा कि योजनाओं के नाम बदलकर जनता को गुमराह किया जा रहा है. ममता ने दावा किया कि SIR के नाम पर राजबंशी, मतुआ और आदिवासी समुदाय के लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं. उन्होंने पुरुलिया की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सुनवाई के लिए बुलाए जाने के दौरान एक बुजुर्ग की मौत हो गई.

ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि अगर आधार कार्ड है, तो फिर बार-बार नाम क्यों काटे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगीकरण, हाईवे और हर जिले में शॉपिंग मॉल बनाने का काम चल रहा है, जहां स्वयं सहायता समूहों को बिना किराए जगह दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: 'नए भारत के चाणक्य हैं अमित शाह', गृहमंत्री के बंगाल दौरे पर बोले सुकांत मजूमदार

मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि जिन 54 लाख नामों को ड्राफ्ट सूची से हटाया गया है, उन्हें दोबारा आवेदन करना चाहिए और फॉर्म 7 और फॉर्म 8 भरने की अपील की. ममता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठा भाजपा आईटी सेल का एक व्यक्ति जानबूझकर नाम काट रहा है.

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मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि SIR जैसी प्रक्रिया में दो साल लगते हैं, लेकिन चुनाव जीतने की जल्दी में इसे जल्दबाजी में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि BLO पर दबाव के कारण कई लोगों की जान गई. अंत में ममता ने कहा, "जब तक जिंदा हूं, दुर्योधन, दुशासन और शकुनी मामा के खिलाफ लड़ती रहूंगी."

साकेत गोखले ने भी अमित शाह पर किया पलटवार

टीएमसी राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने 'घुसपैठ' के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि "एक भी घुसपैठिए को देश में घुसने नहीं दिया जाएगा." गोखले ने तंज कसते हुए कहा कि शाह ने यही बात एक दिन पहले गुवाहाटी में भी कही थी और वह शायद मोदी सरकार के पहले ऐसे "ईमानदार मंत्री" हैं, जो बार-बार सार्वजनिक रूप से अपनी नाकामी स्वीकार करते हैं.

साकेत गोखले ने आगे कहा कि घुसपैठिए 200 किलोमीटर से ज्यादा अंदर भारत में घुसकर पहलगाम में 26 भारतीयों की हत्या कर देते हैं, इसके बाद दिल्ली तक पहुंचकर राजधानी के बीचों-बीच धमाका कर 15 लोगों की जान ले लेते हैं. उन्होंने कहा कि खुद बीजेपी दावा करती है कि असम और त्रिपुरा जैसे "डबल इंजन सरकार" वाले राज्यों में भी घुसपैठिए मौजूद हैं, जो गृहमंत्री के दावों पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

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