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'राजनीति में जोकर बहुत आते हैं...', उम्र, एजुकेशन पर सवाल उठा रहे प्रशांत किशोर को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का जवाब

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आजतक के साथ खास बातचीत में कहा कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अब 'जुड़वा भाई' जैसा है, जहां दोनों बराबर हैं. उन्होंने दावा किया कि 2005 से पहले बिहार में विकास नहीं हुआ और श्री बाबू के बाद किसी मुख्यमंत्री ने काम नहीं किया.

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सम्राट चौधरी बोले बिहार के किसी भी इलाके में चले जाएं कोई शराबी नहीं मिलेगा (Photo: ITG)
सम्राट चौधरी बोले बिहार के किसी भी इलाके में चले जाएं कोई शराबी नहीं मिलेगा (Photo: ITG)

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी और रिजल्ट 14 नवंबर को आएगा. वोटिंग से पहले राजधानी पटना में 'पंचायत आजतक बिहार' प्रोग्राम का आयोजन हुआ। इस प्रोग्राम में बिहार की पॉलिटिक्स, सोशल इश्यूज और इलेक्शन स्ट्रैटेजी पर चर्चा की गई. प्रोग्राम में डिप्टी सीएम और तारापुर विधानसभा एरिया के बीजेपी कैंडिडेट सम्राट चौधरी शामिल हुए.

सीट शेयरिंग के सवाल पर जवाब देते हुए सम्राट चौधरी ने बताया कि बीजेपी और जेडीयू क्यों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू के बीच जुड़वा भाई का संबंध है. जुड़वा भाई दोनों बराबर हो गए. बिहार की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड सबसे लंबे समय से गठबंधन वाली पार्टी है. 1996 से दोनों दल साथ हैं. इस गठबंधन के माध्यम से बिहार की जनता को भी भरोसा इस गठबंधन पर है और विकास का मजा बिहार के लोगों ने देखा है. बिहार, विनाश और विकास की लड़ाई अब होगी. 2005 के पहले का बिहार और 2005 के बाद का बिहार के विषय पर लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है. 

उन्होंने कहा कि नए पीढ़ी के लोगों को जानना चाहिए कि बिहार पहले क्या था? श्री बाबू के बाद क्या किसी मुख्यमंत्री ने बिहार के लिए काम किया था क्या? श्री बाबू के बाद से लेकर राबड़ी यादव तक किसी ने भी बिहार के लिए काम नहीं किया. इसलिए नीतीश कुमार 2005 ने बिहार की गाड़ी स्टार्ट की. हम आजादी के 60 सालों के बाद ही स्टार्ट हुए. आज बिहार बदल गया है. 

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सम्राट चौधरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पटना से बेगूसराय, गया और मुजफ्फरपुर अब डेढ़ से सवा घंटे में पहुंचा जा सकता है. बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा सुधार हुआ है, और पिछले 20 साल में राज्य ने काफी तरक्की की है.

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सम्राट चौधरी ने बताया कि 2005 से पहले बिहार का बजट काफी कम था. उस वक्त झारखंड की पॉपुलेशन कम होने के बावजूद 87 फीसदी रेवेन्यू झारखंड से आता था, और सिर्फ 13 फीसदी बिहार से. 2001 से 2004 तक आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार को लगभग 16,000 करोड़ रुपए दिए. 2005 में नीतीश कुमार ने पावर संभाली और बिजली, सड़क और राज्य के दूसरे डेवलपमेंट कामों पर फोकस किया.

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बाढ़ कंट्रोल और राहत कार्य

बिहार में बाढ़ कंट्रोल को लेकर उन्होंने कहा कि पहले लोग इसे किस्मत मान लेते थे. 2008 में 1,92,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि हाल के सालों में 6,50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस कोशिश से सिर्फ 56 गांव प्रभावित हुए, और राहत कार्य तुरंत पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि यह बदलता बिहार है और अब बाढ़ से प्रभावित एरिया कम हुए हैं.

सोशल सुधार और महिलाओं के लिए स्कीम्स

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सम्राट चौधरी ने शराबबंदी और महिलाओं की सेफ्टी पर स्पेशल ध्यान देने का दावा किया. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू है और सड़क पर कोई शराबी नहीं मिलेगा. महिलाओं के लिए रोजगार और फाइनेंशियल स्कीम्स का विस्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा महिला पुलिस की भर्ती हुई है.

इसके अलावा, बिहार सरकार ने युवाओं और फैमिली के लिए रोजगार क्रिएशन पर जोर दिया है. अभी 2,70,00,000 फैमिली हैं और राज्य में 22,00,000 गवर्नमेंट जॉब की वैकेंसी है. पिछले पांच साल में 11,00,000 जॉब्स दी गई हैं.

सम्राट चौधरी ने कहा कि एजुकेशन और एम्प्लॉयमेंट के फील्ड में बिहार ने काफी प्रोग्रेस की है. महिलाओं को रोजगार और फाइनेंशियल हेल्प देकर राज्य में सोशल जस्टिस सुनिश्चित किया गया है.

बजट, फाइनेंस और सब्सिडी स्कीम्स

सम्राट चौधरी ने फाइनेंस मिनिस्टर के रूप में अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा कि बिहार की कुल इनकम लगभग 3,25,000 करोड़ रुपये है. इसमें से 1,12,000 करोड़ रुपये एम्प्लॉयीज के सैलरी में खर्च होते हैं.

उन्होंने बताया कि बिजली पर 125 यूनिट फ्री स्कीम लागू की गई, जिससे 1,90,00,000 फैमिली को फायदा हुआ. बिजली सब्सिडी के लिए 21,000 करोड़ रुपये का खर्च है. यह स्कीम सभी कैटेगरी - गरीब, अमीर, दलित, पिछड़ा, हिंदू और मुस्लिम—के लिए एक जैसी लागू है.

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सम्राट चौधरी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद बिहार की सिचुएशन बदल गई. पहले राज्य को 6000 करोड़ का बजट मिलता था, अब लगभग 70,000 करोड़ का रेवेन्यू है. उन्होंने मोदी सरकार और जीएसटी के लागू होने की प्रोसेस के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया.

रोजगार और इंडस्ट्री का डेवलपमेंट

उन्होंने बिहार में इंडस्ट्रीज के लिए जमीन उपलब्ध कराने और बिजनेस इन्वेस्टमेंट को आसान बनाने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि 30 दिन के अंदर इंडस्ट्रियलिस्ट बिहार में इन्वेस्टमेंट के लिए आएंगे.

बिहार में रूरल एम्प्लॉयमेंट और महिलाओं के रोजगार क्रिएशन पर भी ध्यान दिया गया है. उन्होंने एग्जांपल देकर बताया कि 2006 में यूनिफॉर्म स्कीम से फायदा पाने वाली छात्राओं को आज रोजगार और फाइनेंशियल हेल्प दी जा रही है.

प्रशांत किशोर को दिया जवाब

प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब देते हुए सम्राट ने कहा, 'ताश के खेल में एक जोकर होता है, जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता है. राजनीति में भी जोकर बहुत आते हैं और मैं तो 30 साल से देख रहा हूं, जोकर आएंगे और जाएंगे, देखिए वजूद होना चाहिए और क्या बोलते हैं, उनको खुद भी पता नहीं होगा बेचारे को अब क्या उसका जवाब देना. मैं नॉमिनेशन कर चुका हूं. सम्राट चौधरी नॉमिनेशन करके बैठा है और कोई भाग गया. चुनाव लड़ने से फर्क यही है, मैं धरती का आदमी हूं, मैं धरती पर का आदमी हूं, आसमान से नहीं आया हूं. मैं 30 साल से बिहार की राजनीति में हूं. कोई हमको जवान बनाना चाहता है तो हमको दिक्कत क्या है? मेरी बेटी का उम्र 18 साल है और बार बार हमको लोग जवान ही बनाना चाहता है तो ये अच्छी बात है.'

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पॉलिटिक्स और एक्सपीरियंस

सम्राट चौधरी ने अपने 30 सालों के पॉलिटिकल एक्सपीरियंस को शेयर किया और कहा कि क्रिटिसिज्म, उम्र और एजुकेशन पर उठाए गए सवालों का कोई महत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि वे धरती के आदमी हैं और बिहार की पॉलिटिक्स में लंबे समय से एक्टिव हैं.

उन्होंने पब्लिक को भरोसा दिलाया कि आने वाले इलेक्शन में एनडीए को मेजॉरिटी मिलेगी और बिहार में नई गवर्नमेंट बनेगी. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे राज्य छोड़ने की बजाय बिहार में ही अपॉर्चुनिटी का फायदा लें.

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बिहार की ओवरऑल प्रोग्रेस

सम्राट चौधरी ने कहा कि 2005 से 2025 तक बिहार ने एजुकेशन, हेल्थ, एम्प्लॉयमेंट, बिजली, सड़क और बाढ़ कंट्रोल के फील्ड में जबरदस्त प्रोग्रेस की है. उन्होंने राज्य के डेवलपमेंट की तुलना 1965–2005 के टाइम से की और कहा कि 40 साल का नुकसान अब 20 सालों में कम किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि बिहार में अब एम्प्लॉयमेंट, प्रॉस्पेरिटी और कल्चर की स्थापना हो रही है. बिहार धीरे-धीरे एस्टेब्लिश हो रहा है और इसका फायदा राज्य की पब्लिक को मिल रहा है.
 

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