| Gender | Female |
| Age | 29 |
| State | BIHAR |
| Constituency | DIGHA |
प्रांजल सिंह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टीपीपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. उनकी उम्र 29 साल है और उनकी शैक्षिक योग्यता Post Graduate है. उन पर दर्ज केसों की संख्या (0) है. उनकी कुल संपत्ति 4.4Lac रुपये है, जबकि उन पर 0 रुपये की देनदारी है.
Serious IPC Counts
Education
Cases
self profession
| Property details | 2025 |
|---|---|
| Total Assets | 4.4Lac |
| Movable Assets | 4.4Lac |
| Immovable Assets | 0 |
| Liabilities | 0 |
| Self Income | 2.9Lac |
| Total Income | 2.9Lac |
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
Digha Vidhan Sabha Chunav Result: दीघा विधानसभा सीट से दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन दिव्या गौतम 59 हजार वोटों से चुनाव हार गईं हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी के संजीव चौरसिया ने 59079 वोटों से जीत दर्ज की है.
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी होने के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. निर्वाचन आयोग की इस प्रक्रिया का उद्देश्य डुप्लीकेट और मृत मतदाताओं के नाम हटाना है. ड्राफ्ट लिस्ट में गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं, जिसमें तेजस्वी यादव और सीपीआई एमएल सांसद सुदामा प्रसाद की पत्नी शोभा देवी के दो एपिक नंबर शामिल हैं.
BJP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवैधानिक संस्थाओं पर कथित हमलों का विषय उठाया गया. संबित पात्रा ने बताया कि तेजस्वी यादव ने बिहार के चुनावी रोल को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया. उन्होंने दावा किया कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है और इस कारण वे बिहार चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे.