इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि आप एक ऐसे इंसान हैं जो इंसानों के साथ-साथ पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं से भी प्यार करते हैं. आपके इसी प्यार ने आपको जूलॉजी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया. फिर भी हम आपको बताते हैं कि जूलॉजी में पढ़ाई के बाद आपको कहां-कहां जॉब्स मिल सकती हैं.
बैचलर ऑफ साइंस इन जूलॉजी यानी प्राणी विज्ञान में स्नातक. यह तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स है. ग्रेजुएशन करने के बाद आप पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं और नौकरी भी. इसमें आप जीव-जन्तु, पेड़-पौधों के बारे में पढ़ते हैं. अध्ययन के दौरान जीव-जन्तुओं में पीढ़ी-दर-पीढ़ी आ रहे बदलाव, वर्गीकरण और उनके रहन-सहन आदि के बारे में तो पता करते ही हैं साथ ही दुर्लभ (विलुप्त) प्राणियों के बारे में भी जानकारी जुटाते हैं.
जूलॉजी में ग्रेजुएशन के बाद के कोर्सः जूलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद इसी क्षेत्र में आगे पढ़ाई जारी रखने की इच्छा है तो कई सारे कोर्सेज हैं:(1) मास्टर ऑफ साइंस इन जूलॉजी
(2) मास्टर ऑफ साइंस इन एप्लाइड जूलॉजी
(3) पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन लाइफ साइंस
(4) मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
(5) मास्टर ऑफ साइंस इन जूलॉजी (ऑनर्स)
(6) डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) इन जूलॉजी
(7) मास्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) इन जूलॉजी
(8) मास्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) इन लाइफ साइंस
योग्यता:
(1) किसी भी मान्यता प्राप्त यूनीवर्सिटी से जूलॉजी में ग्रेजुएशन.
(2) कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ जूलॉजी में ग्रेजुएशन.
(3) कई कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट देना होता है.
जूलॉजी में जॉब्सः-
जूलॉजी एमबीए, एमसीए, इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर, मेडिकल जैसा बहु-प्रचलित कोर्स नहीं है, लेकिन जूलॉजी में भी नौकरियों की कोई कमी नहीं है. जूलॉजी में ग्रेजुएशन के बाद आप सिविल सर्विस के एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं. साल में एक बार यह परीक्षा आयोजित होती है जिसे यूपीएससी (UPSC) कराती है. इस परीक्षा को पास करने के बाद आप आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) बन सकते हैं. या फिर आप कृषि और मत्स्य क्षेत्र में रिसर्च साइंटिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं.
अगर प्राइवेट सेक्टर में अपनी सेवा देना चाहते हैं तो भी नौकरी की कोई कमी नहीं है. निजी क्षेत्र में भी जूलॉजी के जानकारों की जरूरत होती है:
(1) अस्पताल
(2) यूनीवर्सिटी / कॉलेज
(3) एग्रीकल्चर फर्म
(4) मेडिकल लैब
(5) म्यूजियम
(6) फॉर्मा कंपनी
(7) पर्यावरण क्षेत्र में काम कर रही एजेंसियां