scorecardresearch
 

Year Ender 2023: इन शिक्षकों के नाम रहा ये साल, किसी ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड तो किसी ने जीता नेशनल अवॉर्ड

Year Ender 2023: बच्चों को पढ़ाने के लिए हर शिक्षक अपनी जी-जान लगा देता है. इन्हें में कुछ ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने अपने छात्रों को पढ़ाने और सफलता तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की है. आइए जानते हैं उनके बारे में.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

माता-पिता के बाद बच्चे की शिक्षा में स्कूल टीचर का अहम रोल होता है. किताबी शिक्षा के साथ-साथ जीवन से जुड़ी अन्य बातें और ज्ञान भी बच्चों को उनके गुरु से मिलता है. टीचर का धर्म सिर्फ क्लास के सिलेबस को पूरा कराना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि छात्र पढ़ाई अच्छे से करें और हर जरूरी ज्ञान के बारे में जानें. हमारे देश में ऐसे शिक्षकों की कमी नहीं है. सभी अपनी मेहनत और लगन से बच्चों को पढ़ाते और सिखाते हैं, जिनमें से कुछ टीचर ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षा के फील्ड में कमाल कर दिया है और समाज में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.

सीतापुर के ब्रिजेश पांडे अपने स्कूल को बनाया नंबर वन

1987 से डॉ. ब्रिजेश पांडे ने शिक्षा विभाग में सीतापुर, डाइट अंबिकापुर, कन्या परिसर, लटोरी और सरगुजा के साथ-साथ मध्य प्रदेश के बिजुरी में भी काम किया है. वे छत्तीसगढ़ के एकमात्र शिक्षक थे जिन्हें 2023 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया गया था. डॉ. पांडे डीएवी मॉडल स्कूल, परसा, अंबिकापुर के संस्थापक प्राचार्य के पद पर भी रहे हैं. उन्होंने इस स्कूल को सरगुजा के नंबर वन स्कूल बनाया है, यहां के ग्रामीण क्षेत्र के क्षात्रों ने 12वीं बोर्ड में पहली बार मेरिट सूची में अपनी जगह बनाई है. डॉ. पांडे परसा हाईस्कूल के प्रिंसिपल के तौर पर 2000 में संस्थान को एक मॉडल संस्थान में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

शिक्षक एस मलाथी ने कठपुतली शो से पढ़ाया

तेनकासी जिले के वीरकेरलम पुदुर में वीके पुदुर सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक एस मलाथी ने शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य संवारने का ठान लिया है. वह अपने छात्रों को पढ़ाने लिए नए और रोचक तरीके अपनाती हैं, मलाथी छात्रों को कठिन रसायन विज्ञान के सूत्रों, समीकरणों और अन्य चीजें सिखाने के लिए कठपुतली शो, तीरंदाजी और मोबाइल क्विज़ गेम का उपयोग करती हैं, जिससे बच्चे काफी अच्छे से सीख जाते हैं और उन्हें यह पाठ हमेशा याद रहता है. उन्होंनें लगातार 26 घंटे तक ऑनलाइन कक्षाएं लेने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है. 

Advertisement

केंद्रीय विद्यालय संगठन के इन 2 शिक्षकों ने दिया कमाल

इस वर्ष, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया था. कांजीकोड के शिक्षक मुजीब रहमान और केवी-2 बीएसएफ, इंदौर की चेतना खंबेटे को स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए यह पुरुस्कार दिया गया था. प्रौद्योगिकी और काम के शौकीन रहिमन ने भाषा कौशल को नए तरीके से विकसित करने और छात्रों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस बीच, पीजीटी (जीवविज्ञान) शिक्षिका चेतना खंबेटे ने अपने छात्रों के लिए सकारात्मक सीखने का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.उनकी जीव विज्ञान प्रयोगशाला 3डी मॉडल, शिक्षक सहायता, चार्ट और इंटरैक्टिव टूल के साथ व्यावहारिक ज्ञान का एक जीवंत केंद्र है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement