scorecardresearch
 

देख‍िए- बॉलीवुड के किंग खान की जामिया की अटेंडेस शीट, टीचर से जानिए- कैसे स्टूडेंट थे शाहरुख

शाहरुख के जामिया मिल‍िया इस्लामिया के श‍िक्षक ने बताया कि शाहरुख कैसे अपनी पढ़ाई के साथ साथ एक्ट‍िंंग को तरजीह दे रहे थे. उनके भीतर की प्रत‍िभा को उन्होंने एक घटना से परखा, जब वो शाहरुख खान को पूरी टीम के साथ कुतुब मीनार लेकर गए थे.

Advertisement
X
अपने दोस्तों के साथ शाहरुख खान (Credit: Shah Rukh Khan Official)
अपने दोस्तों के साथ शाहरुख खान (Credit: Shah Rukh Khan Official)

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का आज जन्मदिन है. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश हो जहां किंग खान के फैन न हों. उनके जन्मदिन पर उनके फैन अलग अलग तरह से आयोजन करते हैं. पूरी दुनिया के लिए सुपरस्टार शाहरुख खान कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया मिल‍िया इस्लामिया के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (MCRC) में बहुत आम छात्र के तौर पर पढ़ चुके हैं.

आज अपनी अदाकारी से लोगों को हंसाने-रुलाने वाले शाहरुख ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली में जिया है. दिल्ली के हंसराज कॉलेज से उन्होंने स्‍नातक और जामिया मिल‍िया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से मॉस कम्यूनिकेशन की पढ़ाई के लिए दाख‍िला लिया था. उस दौर में उनके श‍िक्षक प्रोफेसर फरहत बशीर खान वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अपने इस खास स्टूडेंट से जुड़ी कई यादें आज भी ताजा हैं.

प्रो फरहत ने ताजा की यादें 
प्रो फरहत पुराने समय को याद करते हुए बताते हैं कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं भी साल 1988 में जामिया में उनके आवेदन की समीक्षा करने वाले इंटरव्यू बोर्ड का हिस्सा था. जब हम उनसे पहली बार मिले, तो वह ऐसे व्यक्ति थे जो एक्ट‍िंग में काफी अच्छे थे. अभी मुझे ठीक से याद नहीं है कि हमने उनसे क्या एक्ट करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अपनी वर्सटेलिटी दिखाने के लिए कुछ फीमेल कैरेक्टर जिये, मैं वहीं प्रभावित हुआ. 

Advertisement

प्रो फरहत ने शाहरुख खान को फर्स्‍ट ईयर के कोर्स के एक हिस्‍से के रूप में फोटोग्राफी और ऑडियो विजुअल कम्युनिकेशन पढ़ाया. उनके पहले साल के सभी प्रोजेक्ट प्रो फरहत गाइड कर रहे थे. उन्होंने बताया कि मैंने उसे पहले दिन से ही बेहद सहज पाया. वो पूरी लगन से अपनी कक्षाओं में भाग लेता था, दूसरों के साथ बातचीत करता था. उसका क्लास में जो रोल था वो ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आया जो अपने शिक्षकों और छात्रों के साथ समान रूप से सौहार्दपूर्ण था. 

अपनी कॉलेज टीम के साथ शाहरुख खान (Credit: Shah Rukh Khan Official)
अपनी कॉलेज टीम के साथ शाहरुख खान (Credit: Shah Rukh Khan Official)

वो मैजिक ऑवर आज भी याद है 
प्रो फरहत बताते हैं कि एक बार मैं विजुअल और लाइट के एक प्रोजेक्ट के लिए छात्रों को कुतुब मीनार घुमाने ल‍े गया. वहां मैंने देखा कि सारे छात्र एक तय समय पर वापस आ गए. लेकिन शाहरुख कहीं नजर नहीं आ रहे थे. हम सब खोजने लगे. तो देखा कि वो एक जगह कैमरा लेकर मैजिक ऑवर का इंतजार कर रहे थे. बता दें कि मैजिक आवर वो खास लाइट होती है जिसमें रोशनी गोल्डन रंग सी खूबसूर‍त हो जाती है. सब जहां सीखकर आ रहे थे, वहीं शाहरुख  उसको प्रैक्ट‍िकल करना चाहते थे. मुझे समझ आ गया था कि ये एक होनहार छात्र है जो जीवन में बहुत आगे जाएगा. वो अकेला और मेहनत से काम करता था. 

Advertisement

अटेंडेंस शीट आज भी मौजूद 
जामिया के जन संपर्क अध‍िकारी अहमद अजीम कहते हैं कि विश्वविद्यालय में आज भी शाहरुख की अटेंडेंस शीट मौजूद है. विभाग में उनकी लगनशीलता के बारे में अक्सर चर्चा सुनी है. यूनिवर्सिटी शाहरुख को मानद उपाध‍ि देना चाहती थी, लेकिन किन्हीं कारणों से हम दे नहीं सके, जिसका अफसोस है. शाहरुख खान ने जामिया मिल‍िया के एमसीआरसी सेंटर से अपने  रेडियो प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए रेडियो स्टूडियो बुक किया था. यहां दी गई अटेंडेंस शीट में शाहरुख के सिग्नेचर्स को अभी भी संभालकर रखा गया है. 

वहीं हंसराज कॉलेज में शाहरुख के सीनियर रहे प्रो हंसराज सुमन कहते हैं‍ कि जब शाहरुख हंसराज कॉलेज में पढ़ते थे, उन दिनों मैं भी इस कॉलेज में पढ़ रहा था, उनके साथ कई बार कॉलेज में एक्ट‍िंंग की और यही नहीं उनके साथ मैदान में खेला भी. आज ये सोचकर भी खुशी मिलती है कि मैंने एक सुपर स्टार शाहरुख खान के साथ ऐसे पल‍ जिए हैं.

Attendance sheet of MCRC, Jamia
Attendance sheet of MCRC, Jamia

पसंद था सुनना 
प्रो फरहत कहते हैं कि शाहरुख एक स्टूडेंट के तौर पर भी लोगों की कहानियां सुनता था. वो उनकी जिंदगी के बारे में सुनता था. वो एक तरह का अलग वातावरण था, हर तबके के लोगों से घुलमिलकर रहता था. कॉलेज में जबकि कई मर्तबा ऐसा होता है कि इंग्ल‍िश स्कूल वाले अलग, हिंदी वाले अलग नजर आते हैं, लेकिन शाहरुख का कोई गुट नहीं था. वो सबके साथ मिलता था. शायद यही वो आदत है जो उसे एक अच्छा स्टोरी टेलर और अच्छा एक्टर बनने में मदद करती है. वो किसी कैरेक्टर को खुद में हूबहू उतार देता है, क्योंकि उनका ऑब्जर्वेशन बहुत ही अलग है. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement