4 जून को नीट यूजी के नतीजे सामने आने के बाद से ग्रेस मार्क्स को लेकर छात्र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर जमकर बरस रहे थे. इसके बाद एनटीए ने फैसला लिया कि जिन 1563 कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनकी परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी. इस दौरान सभी के मन में यह बड़ा सवाल था कि क्या दोबारा परीक्षा होने से रैंक में फर्क आ जाएगा? री-एग्जाम का रिजल्ट जारी होने के बाद इस सवाल का जवाब मिल गया है.
सोमवार को नीट यूजी 2024 परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद सामने आया कि ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स के रिजल्ट में फर्क आया है. हालांकि, रैंक पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. सूत्रों के अनुसार, ग्रेस मार्क्स के कारण हरियाणा के सेंटर से 720 अंक पाने वाले 6 उम्मीदवारों में से केवल 5 ने दोबारा परीक्षा दी थी. टॉपर्स की सूची में अभी भी 61 कैंडिडेट्स हैं, जिन्होंने हाई स्कोर हासिल किया है, जबकि पहले 67 टॉपर्स थे. री-एग्जाम परीक्षा में, हरियाणा सेंटर के 5 कैंडिडेट्स में से किसी ने भी 720 अंक प्राप्त नहीं किए हैं. अधिकांश को 670-680 अंक मिले हैं.
रैंक में नहीं दिखा बड़ा अंतर
ग्रेस मार्क्स ने कुछ छात्रों के अंकों को प्रभावित किया. जैसे नीट छात्रा विशाखा के पिछले स्कोर कार्ड में ग्रेस मार्क्स के साथ 719 अंक थे. री-एग्जाम के बाद विशाखा के स्कोर कार्ड में इस बार 620 अंक आए हैं. RTI कार्यकर्ता और चिकित्सा मुद्दों के प्रभावशाली डॉ. विवेक पांडे ने aajtak.in से बातचीत के दौरान कहा कि कुल मिलाकर रैंक में मुश्किल से 25-35 स्थान का बदलाव हुआ है. देखा जाए तो स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है. मैंने पहले उल्लेख किया था कि ग्रेस मार्क्स रैंक को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करेंगे और अब यह स्पष्ट है. मुख्य मुद्दा अभी भी NEET पेपर लीक घोटाले और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमता है. जब तक इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं होगा. इस भ्रष्टाचार के कारण ही हमने इस साल पांच बार रैंक में उछाल देखा है.
कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के केशव अग्रवाल ने कहा, "वर्तमान और पिछली रैंक के बीच अंतर स्कोर के डेटा विश्लेषण के माध्यम से देखा जा सकता है. पिछली बार 29724 रैंक पाने वाले कैंडिडेट का स्कोर 650 था. री-एग्जाम में जिन कैंडिडेट्स ने 650 स्कोर किया है, उनकी संशोधित रैंक 29690 है. देखा जाए तो इसमें 34 रैंकों का अंतर है. एनटीए द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार, चंडीगढ़ के दो उम्मीदवारों में से कोई भी परीक्षा में शामिल नहीं हुआ है. छत्तीसगढ़ से कुल 602 में से 291 छात्र और गुजरात से 1 छात्र, हरियाणा से 494 में से 287 और मेघालय के तुरा क्षेत्र से 234 छात्र शामिल हुए थे.