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13 से 18 साल के बच्चों की डाइट पर आई नई स्टडी, जानिए- इस उम्र में क्या है जरूरी

हाल ही में छह राज्यों में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि इस उम्र के बच्चों में फैट वसा और सोडियम इनटेक कैसा है. इस उम्र के बच्चों के फूड और डायट को लेकर aajtak.in ने एम्स की चीफ डाइटिश‍ियन डॉ परमीत कौर से बातचीत की. डॉ परमीत ने विस्तार से बताया कि आख‍िर क्यों इस उम्र में आहार का बहुत बड़ा रोल होता है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

13 से 18 साल, वो उम्र जब बच्चे वयस्कता की ओर बढ़ रहे होते हैं. यही वो उम्र होती है जब बच्चे अपनी फूड हैबिट बनाते हैं. वो अपने आहार का चयन खुद करने लगते हैं. उनके लिए क्या अच्छा है, से उन्हें क्या अच्छा लगता है? पर ज्यादा जोर रहता है. बच्चों को इसी उम्र में अगर फूड इनटेक को लेकर जागरू‍क किया जाए तो वो भविष्य में भी खाने को लेकर हमेशा सजग रहते हैं. 

हाल ही में छह राज्यों में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि इस उम्र के बच्चों में फैट वसा और सोडियम इनटेक हाई है. इस उम्र के बच्चों के फूड और डायट को लेकर aajtak.in ने एम्स की चीफ डाइटिश‍ियन डॉ परमीत कौर से बातचीत की. डॉ परमीत ने विस्तार से बताया कि आख‍िर क्यों इस उम्र में आहार का बहुत बड़ा रोल होता है.

डॉ परमीत कहती हैं कि यही वो उम्र है जब बॉडी की डेवलेपमेंट होता है. इस उम्र में प्रोटीन आयरन और कैल्श‍ियम का इनटेक सबसे अच्छा होना चाहिए. इसी दौर में बच्चों को फूड अट्रैक्शन बढ़ता है, जिस कारण उनमें डेविएशन हो रहा है. उनको आसानी से बाजार में ऐसा खाना उपलब्ध है जिसे वो आदत में शुमार कर लेता है.  

अगर बच्चों को ये पता हो कि उन्हें इस उम्र में क्या खाना है, कितना प्रोटीन, कितना कैल्श‍ियम, कितना मिनरल लेना है इस तरह का न्यूट्रिशन अवेयरनेस हो तो वो ये ऐसी चीजें नहीं खाएंगे. स्कूल बुक्स में भी यह आजकल होता है. लेकिन घर का माहौल भी सुधारना होगा. घरवालों की इट‍िंग हैबिट भी अच्छी होनी चाहिए क्योंकि बच्चे घर से प्रेरित होते हैं. टीनजर्स की ये ही उम्र होती है जब बच्चों में प्यूबरिटी शुरू होती है. लड़कियों की मेंस्‍ट्रुअल साइक‍िल शुरू होती है. उनकी हाइट भी बढ़ रही होती है, पढ़ाई का स्तर भी कठ‍िन हो रहा होता है. हार्मोनल उतार चढ़ाव से गुजर रहे टीनेजर्स को फिजिकली और मेंटली फिट रखने के लिए उनकी डाइट का बड़ा रोल होता है. यहां दिए गए चार्ट से आप देख सकते हैं कि किस उम्र में किस तरह की डाइट दी जानी चाहिए. किसके लिए कितना पोषण तत्वों का इनटेक जरूरी है. 

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Source: recommended dietary allowance 2020
Source: recommended dietary allowance 2020
Source: recommended dietary allowance 2020
Source: recommended dietary allowance 2020

क्या है स्टडी 
भारत के छह राज्यों के 13 से 18 वर्ष की आयु के एक नए अध्ययन से पता चला है कि केवल 1% बच्चे ही रीकॉल कर सकते हैं कि उन्होंने पिछले 24 घंटों में डेयरी उत्पादों का सेवन किया है. जिन छह राज्यों (गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम और तमिलनाडु) का सर्वेक्षण किया गया, उनमें गुजरात में सबसे कम पोषण संबंधी डेविएशन है. यहां उच्च स्तर के सोडियम, वसा और उच्च प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत होती है. 

जर्नल 'करंट डेवलपमेंट इन न्यूट्रिशन' में प्रकाशित, इस अध्ययन को यूजीसी द्वारा वित्त पोषित किया गया था और 13-18 आयु वर्ग के 937 बच्चों के बीच पोषण संक्रमण की जांच की गई थी. इस आयु वर्ग के बच्चे, जो बचपन से वयस्कता में संक्रमण का प्रतीक हैं, इनमें नई खाने की आदतें बनाने की प्रवृत्ति होती है, जो अक्सर उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. इस उम्र में ही वो पारंपरिक खाद्य पदार्थ आमतौर पर प्रसंस्कृत उच्च-चीनी, उच्च-सोडियम और उच्च वसा वाले भोजन से अलग हो जाते हैं. अधिक वजन और मोटे होने की समस्याएं आहार परिवर्तन से प्रेरित होती हैं जो पोषण संक्रमण का कारण बनती हैं. इन छह राज्यों में 24 घंटे के दो डाइट रिकॉल से निष्कर्ष प्राप्त किए गए थे. 

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