अहमदाबाद विमान हादसे में 204 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है. गुरुवार को लंदन जा रहा एअर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेक ऑफ के समय क्रैश हो गया. इसमें 230 पैसेंजर्स और 12 क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग सवार थे. मिली जानकारी के अनुसार, प्लेन क्रैश से पहले MAYDAY कॉल आया था लेकिन सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि किसी के पास कुछ करने का समय नहीं था. अब सवाल यह भी उठता है कि इमरजेंसी के वक्त MAYDAY कॉल करता है.
प्लेन में कैबिन क्रू की जिम्मेदारी
कैबिन क्रू का नेतृत्व आमतौर पर एक सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट या कैबिन मैनेजर करता है, जो अन्य क्रू मेंबर्स को निर्देश देता है और कॉकपिट के साथ कम्युनिकेट किया जाता है. कैबिन क्रू, जिन्हें फ्लाइट अटेंडेंट्स या एयर होस्टेस/होस्ट के रूप में भी जाना जाता है, विमान के यात्री क्षेत्र (कैबिन) में काम करते हैं. उनकी जिम्मेदारी यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करना है जैसे-
- उड़ान से पहले सुरक्षा उपकरणों (जैसे लाइफ जैकेट्स, ऑक्सीजन मास्क) चेक करना.
- यात्रियों को सुरक्षा निर्देश देना, जैसे सीट बेल्ट बांधना और आपातकालीन निकास का उपयोग.
- आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकालने में मदद करना,
- यात्रियों को भोजन, पेय, और अन्य सुविधाएँ प्रदान करना.
- यात्रियों की शिकायतों का समाधान करना और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखना.
- कॉकपिट क्रू के साथ कॉन्टेक्ट बनाए रखना, खासकर किसी आपात स्थिति या यात्री की समस्या के दौरान.
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कॉकपिट क्रू के बारे में
कॉकपिट क्रू, जिन्हें फ्लाइट क्रू भी कहा जाता है, फ्लाइट उड़ाने का काम होता है. इसमें मुख्य रूप से कैप्टन (कमांडर) और को-पायलट (फर्स्ट ऑफिसर) शामिल होते हैं. कुछ लंबी दूरी की उड़ानों में अतिरिक्त पायलट या फ्लाइट इंजीनियर भी हो सकते हैं.
फ्लाइट कैप्टन का काम
कैप्टन विमान का मेन पायलट होता है और उड़ान की पूरी जिम्मेदारी उसी की होती है. वह आखिरी फैसला लेता है, जैसे उड़ान शुरू करना, रास्ता बदलना, या आपातकालीन लैंडिंग करना. उड़ान से पहले फ्लाइट प्लान की समीक्षा, मौसम की स्थिति, विमान की तकनीकी स्थिति और कॉकपिट एक्यूपमेंट्स चेक करने का काम भी मेन पायलट का होता है. इसके अलावा एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ कॉन्टेक्ट करना और इमरजेंसी के समय तुरंत और सुरक्षित फैसला लेता है. द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में कैप्टन जोया ने बताया कि कॉकपिट में दो लोग होते हैं और जो भी फैसले लिए जाते हैं उनमें दोनों की सहमित होती है.
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को-पायलट (First Officer):
को-पायलट, कैप्टन का सहायक होता है और विमान के संचालन में उनकी मदद करता है. वह कैप्टन के साथ मिलकर कॉकपिट के काम शेयर करते हैं. को पायलट या फर्स्ट ऑफिसर उड़ान के दौरान कॉकपिट उपकरणों की निगरानी करता है. वह कैप्टन के निर्देशों का पालन करता है और जरूरत पड़ने पर प्लेन भी उड़ाता है. वह ATC के साथ कॉन्टेक्ट बनाए रखने में मदद करता है. आपात स्थिति में कप्तान के साथ मिलकर रणनीति बनाना.
फ्लाइट इंजीनियर (कभी-कभी होते हैं)
कुछ पुराने या बड़े विमानों (जैसे बोइंग 747) में फ्लाइट इंजीनियर होता है, जो प्लेन के टेक्निकल सिस्टम (जैसे इंजन, ईंधन) की निगरानी करता है. आधुनिक विमानों में यह भूमिका आमतौर पर कप्तान और को-पायलट द्वारा ही निभाई जाती है.
प्लेन में MAYDAY कॉल करता है?
इमरजेंसी के समय पायलट का फोकस स्थिति को संभालने पर होता है. ऐसे में को-पायलट MAYDAY कॉल करता है. हालांकि यह फैसला दोनों का होता है. द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में कैप्टन जोया से पूछा गया कि प्लेन में इमरजेंसी कॉल यानी MAYDAY कॉल कौन करता है-पायलट या को-पायलट? उन्होंने कहा कि दो लोग होते हैं जो कॉकपिट या फ्लाइंग डेक में बैठे होते हैं. इसका मतलब है कि जो भी कॉकपिट में होता है उसमें दोनों लोगों की सहमति होती है. MAYDAY चाहे कैप्टन बोले या को-पायलट बोले, यह दोनों का फैसला होता है.
उन्होंने बताया कि फ्लाइंग के समय जो रेडियो पर होता है वह MAYDAY MAYDAY MAYDAY तीन बार बोलता है. उन्होंने बताया कि MAYDAY इमरजेंसी के वक्त सबसे जरूरी चीज होती है. इसकी ट्रेनिंग तभी से शुरू हो जाती है जब से आप इस प्रोफेशन में घुसते हैं.