भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने एक बड़ा कदम उठाया है. कंपनी ने मोरक्को के बेरेचिद शहर (कैसाब्लांका इलाके) में अपनी पहली विदेशी रक्षा प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया. यह फैक्ट्री व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म 8x8 (व्हाप 8x8) नामक आधुनिक बख्तरबंद वाहन बनाने के लिए बनी है.
उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा प्रशासन के मंत्री अब्देलतीफ लौदी ने किया. दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. यह भारत की किसी निजी कंपनी की पहली विदेशी रक्षा फैक्ट्री है. इससे भारत की डिजाइन और उन्नत लड़ाकू वाहन बनाने की क्षमता दुनिया को दिखाई गई. फैक्ट्री डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ साझेदारी में बनी है.
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फैक्ट्री 20,000 वर्ग मीटर में फैली हुई है. यह मोरक्को की सबसे बड़ी रक्षा उत्पादन इकाई है. टाटा ने मोरक्को सरकार के साथ अनुबंध किया है, जिसमें व्हाप 8x8 वाहनों का उत्पादन और डिलीवरी शामिल है. पहली डिलीवरी अगले महीने से शुरू हो जाएगी. अच्छी बात यह है कि फैक्ट्री समय से तीन महीने पहले शुरू हो गई. उत्पादन भी चल पड़ा है.

इस फैक्ट्री से सीधे और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं. सप्लायरों का मजबूत नेटवर्क बना है, जो महत्वपूर्ण तकनीकें ला रहे हैं. फैक्ट्री में उत्पादन के बाद रखरखाव की सुविधा भी है. सहायक कंपनियां महत्वपूर्ण हिस्से और तकनीकें सप्लाई कर रही हैं.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर सुकर्ण सिंह ने कहा कि भारत की निजी रक्षा कंपनी की पहली विदेशी उत्पादन इकाई है. हम दोस्त देशों को भारत में डिजाइन की गई रक्षा तकनीकें उपलब्ध कराना शुरू कर रहे हैं. कैसाब्लांका के पास यह रक्षा फैक्ट्री का उद्घाटन भारत-मोरक्को औद्योगिक साझेदारी का नया अध्याय खोलता है.
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व्हाप 8x8 को डीआरडीओ और टाटा ने मिलकर विकसित किया है. यह एक आधुनिक, मॉड्यूलर बख्तरबंद प्लेटफॉर्म है, जो गतिशीलता, सुरक्षा और मिशन के हिसाब से बदलाव की सुविधा देता है. इसमें हाई-पावर इंजन, स्वतंत्र सस्पेंशन और सेंट्रल टायर इन्फ्लेशन सिस्टम है, जो ऑफ-रोड पर अच्छा प्रदर्शन करता है. इसकी बॉडी मजबूत मोनोकोक हल से बनी है, जो गोलियों और माइंस से बचाव करती है.

इसमें रिमोट वेपन स्टेशन (मानव या बिना मानव के), एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) क्षमता, पानी में चलने की सुविधा और कई भूमिकाओं के विकल्प हैं. जैसे- इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल (आईएफवी), आर्मर्ड पर्सनल कैरियर (एपीसी), रेकॉनिसेंस, कमांड, मोर्टार कैरियर और एंबुलेंस. यह विभिन्न मिशनों के लिए बहुमुखी भूमि-युद्ध समाधान देता है.
शुरुआत में यह फैक्ट्री रॉयल मोरक्कन आर्मी की जरूरतें पूरी करेगी. बाद में यह अफ्रीका के दोस्त देशों को निर्यात करेगी. इससे भारत की रक्षा निर्यात क्षमता बढ़ेगी. मोरक्को में स्थानीय उद्योग को मजबूती मिलेगी. टाटा जैसी कंपनियां अब न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में रक्षा तकनीक साझा कर रही हैं.