भारत ने एक और आत्मनिर्भरता का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने लड़ाकू विमान के लिए बनाई गई 'इजेक्शन सीट' यानी पायलट की जान बचाने वाली इमरजेंसी निकासी प्रणाली का बहुत तेज गति वाला रॉकेट-स्लेड टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब भारत को विदेशी कंपनियों से महंगी इजेक्शन सीट खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इस टेस्ट का Video यहां नीचे देखिए...
यह भी पढ़ें: रूस-भारत दोस्ती की नई ऊंचाई, पुतिन के दौरे पर Su-57 फाइटर जेट पर भी होगी बात
पूरी प्रक्रिया में जो जोर, दबाव और तेजी पायलट पर पड़ती है. वह सब एक खास डमी पर रिकॉर्ड किया गया. हाई-स्पीड कैमरों से हर सेकंड का वीडियो लिया गया.
दुनिया में सिर्फ कुछ ही देश (अमेरिका, रूस, फ्रांस) अपने यहां इतनी तेज गति वाला डायनामिक इजेक्शन टेस्ट कर सकते हैं. अब भारत भी इस चुनिंदा क्लब में शामिल हो गया है. यह टेस्ट स्थिर टेस्टों (जैसे नेट टेस्ट या जीरो-जीरो टेस्ट) से कहीं ज्यादा मुश्किल और सटीक होता है. असली उड़ान की स्थिति में पायलट की जान बचाने की पूरी गारंटी यही टेस्ट देता है.

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए बहुत बड़ा मील का पत्थर है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम. DRDO, वायुसेना, ADA, HAL और उद्योग को बधाई.
DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने भी पूरी टीम को शाबासी दी और कहा कि यह तेजस और आने वाले AMCA जैसे लड़ाकू विमानों के लिए बहुत जरूरी सफलता है.
यह भी पढ़ें: क्या हमले की है तैयारी? वेनेजुएला के पास एक्टिव हुआ अमेरिका का फाइटर जेट AV-8B Harrier II, जानिए कितना खतरनाक है ये
Raksha Mantri, Shri @rajnathsingh has complimented DRDO, IAF, ADA, HAL and industry on successful conduct of High-Speed Rocket Sled Test of Fighter Aircraft Escape System and described it as a significant milestone for India’s indigenous defence capability towards self-reliance. https://t.co/hNddBxM2Yt
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 2, 2025
अब भारत को विदेशी कंपनियों से महंगी इजेक्शन सीट खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तेजस मार्क-1A, मार्क-2 और भविष्य के 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान पूरी तरह स्वदेशी इजेक्शन सिस्टम के साथ उड़ेंगे.
पायलटों की सुरक्षा और मजबूत होगी.