डॉ. समीर वी. कामत (Samir V Kamat) भारत के प्रमुख रक्षा वैज्ञानिकों में से एक हैं. वे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDR&D) के सचिव के रूप में कार्यरत हैं. हाल ही में, भारत सरकार ने उनके कार्यकाल को एक वर्ष के लिए बढ़ाकर 31 मई 2026 तक कर दिया है, जो उनकी दूसरी कार्यकाल विस्तार है. उन्हें पहले भी मई 2024 में एक वर्ष का विस्तार दिया गया था, जो 31 मई 2025 तक के लिए था.
डॉ. कामत ने 1985 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से धातुकर्म अभियांत्रिकी में बी.टेक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने 1988 में अमेरिका के ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से मटेरियल्स साइंस और इंजीनियरिंग में पीएच.डी. पूरी की. 1989 में उन्होंने DRDO में वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवा शुरू की.
DRDO में अपने तीन दशकों से अधिक के करियर के दौरान, डॉ. कामत ने कई महत्वपूर्ण रक्षा परियोजनाओं का नेतृत्व किया है. नौसेना पोतों के लिए उच्च शक्ति वाले स्टील्स का विकास, एयरो इंजन के लिए उच्च तापमान टाइटेनियम और निकल-आधारित सुपरएलॉय घटकों का निर्माण, मिसाइल सीकर्स के लिए फ्यूज्ड सिलिका राडोम्स और स्टील्थ सामग्री का विकास. कर्मियों और लड़ाकू वाहनों के लिए कवच समाधान शामिल है.
डॉ. कामत को उनके वैज्ञानिक योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं जिनमें IIT खड़गपुर से "डिस्टिंग्विश्ड एलुमनाई अवार्ड", भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय द्वारा "मेटलर्जिस्ट ऑफ द ईयर" पुरस्कार, DRDO द्वारा "साइंटिस्ट ऑफ द ईयर" पुरस्कार शामिल है.
वे भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी (INAE) और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया (IEI) के फेलो भी हैं.
DRDO ने चंडीगढ़ में तेजस विमान की इमरजेंसी इजेक्शन सीट का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड टेस्ट सफलतापूर्वक किया. कैनोपी का टूटना. सीट निकलना और पैराशूट से सुरक्षित उतरना सब सही रहा. भारत अब कुछ चुनिंदा देशों में शामिल, जिनके पास यह उन्नत तकनीक है. रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भरता की बड़ी सफलता बताया.