बैलिस्टिक मिसाइल (बीएम) (Ballistic Missiles) किसी लक्ष्य पर हथियार पहुंचाने के लिए प्रोजेक्टाइल मोशन का उपयोग करती है. ये हथियार अपेक्षाकृत छोटे अवधि (brief periods) के दौरान ही संचालित होते हैं. यह मध्यम दूरी की मिसाइल है. बैलिस्टिक मिसाइलें क्रूज मिसाइलों से अलग होती हैं. एक बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्टाइल मोशन के साथ अपने दिशा के उड़ान को एक बड़े आर्क के रूप में ऊपर और नीचे की कर सकता है. वहीं क्रूज मिसाइलें हवा में स्व-चालित होती हैं, रॉकेट प्रोपेलेंट की बदौलत एक सीधी रेखा में और कम ऊंचाई पर उड़ती हैं.
कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (एसआरबीएम) आमतौर पर पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर रहती हैं, जबकि अधिकांश बड़ी मिसाइलें वायुमंडल के बाहर उड़ान भर सकती हैं.
एक बैलिस्टिक मिसाइल तीन भाग होते हैं:- संचालित उड़ान भाग(powered flight portion), मुक्त-उड़ान भाग (free-flight portion), और पुनः प्रवेश चरण (re-entry phase), जहां मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल में वापस प्रवेश करती है. कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों वायुमंडल के अंदर ही रहती हैं, इसलिए इनके उड़ान फेज आईसीबीएम के पहले दो चरण ही होते हैं.
बैलिस्टिक मिसाइलों को खास साइटों या मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है, जिसमें वाहन (जैसे, ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर), विमान, जहाज और पनडुब्बियां शामिल हैं.
भारत को S-500 इसलिए चाहिए क्योंकि चीन-पाकिस्तान की हाइपरसोनिक मिसाइलों का मुकाबला करना है. S-400 इन तेज मिसाइलों को नहीं रोक सकता. S-500 एक साथ 12 बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें 600 किमी दूर मार गिरा सकता है. पुतिन की दिसंबर 2025 यात्रा में डील फाइनल हो सकती है. 100% तकनीक ट्रांसफर के साथ भारत में बनेगा.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है, जिसके सामने मिसाइलें भी फेल हो जाती हैं. पुतिन की अभेद्य सुरक्षा के लिए भारत में 5-लेयर सुरक्षा कवच तैयार है.
पाकिस्तानी नौसेना ने अपने बनाए जहाज से नई एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्ट किया. यह मिसाइल समुद्र व जमीन दोनों निशानों पर सटीक हमला कर सकती है. पूरी तरह देसी तकनीक से बनी है. भारत के लिए खतरा हो सकती है, लेकिन भारत के पास इससे ज्यादा ताकतवर मिसाइलें हैं.
रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने 4 अमेरिकी ATACMS मिसाइलें वोरोनेज पर दागीं, लेकिन S-400 और पंतसिर ने सभी हवा में उड़ा दीं. जासूसी विमान ने लॉन्च साइट पकड़ी. Iskander-M से तुरंत हमला कर तबाह कर दिया गया. रूसी एयर डिफेंस का शानदार प्रदर्शन, एक भी मिसाइल निशाने तक नहीं पहुंची.
ईरान ने दावा किया है कि उसकी नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल 10,000 किमी रेंज वाली लगभग तैयार है. यह यूरोप और अमेरिका के हिस्सों को निशाना बना सकती है. पहले 2,000 किमी की सीमा थी, अब यह बड़ा बदलाव है. अमेरिका-नाटो को रणनीति बदलनी पड़ सकती है.
उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसे जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ने कन्फर्म किया है. मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के बाहर समुद्र में गिरी और किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
रूस वेनेजुएला को नई ओरेश्निक मिसाइलें दे सकता है. स्टेट ड्यूमा के एलेक्सी जुरावल्योव ने कहा कि इसमें कोई बाधा नहीं है. इससे अमेरिका को 'सरप्राइज' मिलेगा. रूस हथियारों की पूरी रेंज दे रहा, हाल ही IL-76 प्लेन से पंतसीर-एस1 और बक-एम2ई पहुंचे. ओरेश्निक यूरोप को एक घंटे में निशाना बना सकती. छह न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जा सकती है.
ट्रंप के परमाणु बयान के बाद USAF ने मिनटमैन-3 ICBM टेस्ट की तैयारी कर ली है. 5-6 नवंबर को कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग बेस से बिना हथियार वाली मिसाइल लॉन्च करेगा. मार्शल द्वीपों पर निशाना लगेगा. अमेरिका का कहना है कि रूटीन चेक है. मिसाइल की ताकत जांच की जा रही है. CTBT के तहत कोई विस्फोट नहीं होगा.
पाकिस्तान के परमाणु हथियार भारत के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकते हैं, लेकिन भारत की मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम उन्हें आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. पाकिस्तान फाइटर जेट के जरिए भारत में घुसकर बम गिराने की हिम्मत नहीं कर सकता. मिसाइलें ही आखिरी रास्ता बचेगा, उसे रोकने के लिए भारत में बीएमडी सिस्टम (फेज I/II), एस-400, आकाश और रडार नेटवर्क है.
सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने पांगोंग झील के पास और गार काउंटी में नए एयर डिफेंस कॉम्प्लेक्स बनाए. इनमें स्लाइडिंग छत वाले मिसाइल लॉन्च बंकर हैं, जो एचक्यू-9 एसएएम सिस्टम छिपाते हैं. न्योमा एयरफील्ड के सामने ये भारत के लिए खतरा है. निर्माण जुलाई से चल रहा है. चीन हवाई रक्षा मजबूत कर रहा है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दावा विस्फोटक है. उन्होंने कहा है कि ईरान 8000 किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम इंटर कांटिनेन्टल बैलेस्टिक मिसाइलें बना रहा है. उन्होंने कहा है कि अगर इन मिसाइलों की क्षमता थोड़ी और बढ़ा दी जाए तो अमेरिका शहर ईरानी एटॉमिक गन के दायरे में होंगे.
भारत का रूस के Su-57 फाइटर पर नजर है. 2 स्क्वॉड्रन रूस से, 5 नासिक HAL में लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत बनाया जाएगा. कुल 140 विमान. हाइपरसोनिक स्पीड, स्टील्थ, लंबी रेंज मिसाइलें भी इससे दाग सकते हैं. भारतीय स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट AMCA के साथ तालमेल बना रहेगा.
रूस की किंझल मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ती है. इसकी ट्रैकिंग मुश्किल है. मिग-31 से लॉन्च, 480 किमी रेंज, एयर-टू-ग्राउंड हमलों के लिए. यूक्रेन युद्ध में मार्च 2022 से इस्तेमाल, हथियार डिपो-एयरबेस तबाह कर रही. यह मिसाइल दुश्मन का मनोबल तोड़ती है. पैट्रियट ने कुछ रोकीं, लेकिन ज्यादातर सफल रहीं. युद्ध को और खतरनाक बना रही हैं.
भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर से रेल मोबाइल लॉन्चर से इसे दागा. यह 2000 किमी रेंज वाली नई पीढ़ी की मिसाइल है, जो सटीक निशाना लगाती है. तेजी से लॉन्च होती है. कैनिस्टर डिजाइन से मिसाइल मौसम से सुरक्षित रहती है.
ईरान ने दावा किया कि उसने 10000+ किमी रेंज की ICBM मिसाइल बनाई, जो अमेरिका और यूरोप तक पहुंच सकती है. यह सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से बनी. विशेषज्ञ कहते हैं, अभी पक्का सबूत नहीं लेकिन इजरायल, सऊदी, यूरोप को खतरा. भारत सुरक्षित पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा. सैंक्शंस और कूटनीति से इसे रोकना जरूरी.
बार्क ने 200 मेगावॉट का न्यूक्लियर रिएक्टर बनाया, जो S5 क्लास सबमरीन और प्रोजेक्ट 77 अटैक सबमरीन में लगेगा. यह INS अरिहंत के 83 MWe रिएक्टर से दोगुना शक्तिशाली है. इससे सबमरीन ज्यादा समय डूबकर रह सकेगी. यह चीन की समुद्री ताकत का जवाब है. बार्क SMR और हाइड्रोजन रिएक्टर भी बना रहा.
भारत 24-25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक बड़े रणनीतिक मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है. NOTAM जारी हुआ है, जिसमें 1400 किमी से ज्यादा का नो-फ्लाई जोन बनाया गया है. यह परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से होगा. संभवतः अग्नि-प्राइम मिसाइल का टेस्ट होगा, जो भारत की रक्षा ताकत को और मजबूत करेगा. DRDO क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार है.
चीन की सैन्य परेड में दिखे DF-41, JL-3 और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसे हथियार अमेरिका तक पहुंच सकते हैं. ये मिसाइलें परमाणु हमला कर सकती हैं. ट्रंप परेड से नाराज हैं, क्योंकि इसे चीन, रूस और उत्तर कोरिया की साजिश मानते हैं. परेड में शी जिनपिंग ने अमेरिका की ऐतिहासिक भूमिका को नजरअंदाज किया, जिससे ट्रंप का गुस्सा भड़का.
विज्ञान, पूंजी और सुपर इंटेलिजेंस की बदौलत चीन अब अगली पीढ़ी की लड़ाइयों की तैयारी कर रहा है. ये वॉर गेम युद्ध का पूरा स्पेक्ट्रम बदल देगा. चीन की विक्ट्री डे परेड में नुमाइश किए गए, इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, हाइपरसोनिक, सुपरसोनिक मिसाइल और लेजर चीन के फोकस को दर्शाते हैं. चीन की ये तैयारियां रणनीतिक दबदबे और अगली की पीढ़ी की युद्ध की संभावित तस्वीर पेश करती है.
3 सितंबर 2025 को चीन की विक्ट्री डे परेड में चार नई YJ हाइपरसोनिक मिसाइलें, DF-5C न्यूक्लियर मिसाइल, J-20S स्टील्थ जेट और न्यूक्लियर ट्रायड दिखाए गए. बीजिंग में 10000 सैनिक, 100+ विमान शामिल. ये हथियार अमेरिकी नौसेना को चुनौती देंगे. शी जिनपिंग ने शांति की बात की, लेकिन ताइवान-साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को पांच साल के युद्ध के लिए तैयार रहने का लक्ष्य दिया. सेना को हथियार भंडारण, सीमा ढांचा और AI प्रशिक्षण बढ़ाना होगा. नौसेना को युद्धपोत और मिसाइलें, वायुसेना को फाइटर जेट और ड्रोन मजबूत करने होंगे. थिएटर कमांड और स्वदेशी तकनीक से भारत आत्मनिर्भर बनेगा, ताकि लंबे युद्धों में भी मजबूत रहे.