अमेरिका की एक नई खुफिया रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है. मई 2025 में जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर किया था, उसके ठीक बाद चीन ने फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री रोकने के लिए पूरा-पूरा झूठ का जाल बिछाया. मकसद? अपना नया लड़ाकू विमान J-35 बेचना.
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने ये काम किए...
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भारतीय वायुसेना ने साफ कहा था – हमारे सभी विमान सुरक्षित हैं. सिर्फ तीन पुराने मिग-21 विमान ही नुकसान में आए थे, राफेल को खरोंच तक नहीं आई. फिर भी चीनी प्रोपगंडा महीनों तक चलता रहा.
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यहां नीचे देखिए J-35 की वीडियो
सबसे दुखद बात यह है कि यह झूठ विदेशों में ही नहीं, भारत के अंदर भी जोर-शोर से फैलाया गया. कुछ लोग और ग्रुप ऐसे थे जो...
रोज़ पूछते थे – कितने राफेल गिरे? सबूत दो. नकली तस्वीरें शेयर करते रहे, जबकि वायुसेना ने कहा था कि युद्ध के समय ऑपरेशनल जानकारी देना देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. सोशल मीडिया पर यही लोग सबसे ज्यादा शोर मचा रहे थे. अमेरिकी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि चीन ने बाहर से अभियान चलाया, लेकिन भारत में कुछ लोग खुद ही उसकी आवाज़ बन गए.
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अमेरिकी रिपोर्ट में चीनी ग्रे जोन गतिविधियां की पूरी लिस्ट है. कुछ और उदाहरण...

ग्रे जोन मतलब न युद्ध, न शांति. बिल्कुल बीच का रास्ता. न गोली चलती है, न युद्ध घोषणा होती है, लेकिन दूसरे देश को नुकसान पहुंचाया जाता है – झूठ, दबाव, साइबर हमले, आर्थिक धमकी से.

यह रिपोर्ट बताती है कि आज की लड़ाई सिर्फ बॉर्डर पर नहीं, हमारे फोन की स्क्रीन पर भी हो रही है. जो लोग बिना सोचे-समझे नकली तस्वीरें और अफवाहें फैलाते हैं, वे अनजाने में दूसरे देश के हथियार बन जाते हैं.