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चीन के दुश्मन ताइवान को अमेरिका देने जा रहा मिसाइल डिफेंस सिस्टम, क्या और भड़केगी आग?

चीन-जापान तनाव के बीच अमेरिका ताइवान को 700 मिलियन डॉलर की NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम देगा. 2031 तक डिलीवरी होगी. यूक्रेन युद्ध में ये सिस्टम सफल साबित हुआ है. ट्रंप के दूसरे टर्म में पहली हथियार डील है. चीन इसे उकसावा मानता है. वो विरोध करेगा. ताइवान स्ट्रेट में तनाव और बढ़ने की आशंका है.

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ये है अमेरिका की NASAMS एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम जो अब वो ताइवान को देगा. (File Photo: Getty)
ये है अमेरिका की NASAMS एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम जो अब वो ताइवान को देगा. (File Photo: Getty)

ताइवान को लेकर चीन और जापान में तनाव का माहौल है. इसी बीच चीन के दुश्मन देश ताइवान की हवाई रक्षा को अमेरिका ने और मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने बताया कि रेथियॉन कंपनी को करीब 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 58 हजार करोड़ रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है.

यह पैसा NASAMS (नेशनल एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम) बनाने में लगेगा, जो ताइवान को दिया जाएगा. काम 28 फरवरी 2031 तक पूरा होना है. 

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NASAMS क्या है और क्यों खास है?

  • NASAMS एक आधुनिक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है. यह तेजी से मूव कर सकती है और दुश्मन के लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को मार गिराती है. यूक्रेन युद्ध में यह सिस्टम रूस के हमलों को रोकने में बहुत कामयाब रहा है.
  • ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि NASAMS से उनकी हवाई सुरक्षा बहुत मजबूत हो जाएगी, खासकर जब चीन लगातार ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास कर रहा है.
  • यह सिस्टम दो नए रडार के साथ जोड़ा जाएगा. इससे दुश्मन को पता लगाना आसान होगा. जंग में इलेक्ट्रॉनिक हमले (जैमिंग) का मुकाबला भी कर सकेगा. पुरानी मिसाइल सिस्टम के साथ मिलाकर ताइवान एक के ऊपर एक कई लेयर की सुरक्षा बना लेगा.
  • इस मिसाइल सिस्टम को नॉर्वे और अमेरिका ने मिलकर बनाया है. इस मिसाइल सिस्टम से AIM-9 साइडविंडर या IRIS-T जैसी मिसाइलों को दागा जा सकता है. यह कम रेंज का ऐसा मिसाइल सिस्टम है जो सतह से हवा में मार करता है. 
  • NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम की खास बात ये है कि इसके लॉन्चर में छह खाने होते हैं. हर खाने में दो-दो मिसाइलें तैनात होती है. यानी एक लॉन्चर से 12 मिसाइलें छूट सकती हैं. इसकी रेंज 30 से 50 km है. 
  • मिसाइल इतनी दूरी पर मौजूद दुश्मन के हेलिकॉप्टर, ड्रोन, फाइटर जेट, विमान या क्रूज मिसाइलों को मार कर गिरा सकती है. लेकिन इस मिसाइल सिस्टम का राडार दुश्मन के टारगेट को 120 km दूर से ही पकड़ लेता है. 

China Taiwan Japan US NASAMS missile

अब तक तीन वैरिएंट आ चुके है इसके

NASAMS मिसाइल सिस्टम के अब तक तीन वैरिएंट आ चुके हैं. जो सबसे नया वैरिएंट है वो NASAMS 3. इसे AMRAAM-ER भी बुलाया जाता है. यह अमेरिका के पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम जैसा ही ताकतवर है. 

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पहली जेनरेशन की NASAMS मिसाइल की रेंज सिर्फ 15 km थी. दूसरी जेनरेशन की 30 और तीसरे वैरिएंट की 50 km है. अमेरिका के NASAMS एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की मांग दुनिया के कई देशों में थी. 

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अमेरिका ने उन्हें यह सिस्टम दिया भी है. जैसे- लिथुआनिया, ऑस्ट्रेलिया, चिली, इंडोनेशिया, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, स्पेन, ओमान आदि. भारत के साथ भी इस मिसाइल सिस्टम को लेकर डील हो सकती थी लेकिन बाद में भारतीय वायुसेना ने इससे इंकार कर दिया. 

China Taiwan Japan US NASAMS missile

ताइवान का बजट और प्लान

  • अगले साल (2026) के रक्षा बजट में NASAMS के लिए करीब 35.7 अरब ताइवानी डॉलर (लगभग 1.15 अरब अमेरिकी डॉलर) रखे गए हैं.
  • यह पैसा 2024 से 2030 तक चलेगा. इसमें रडार, लॉन्चर, ट्रेनिंग और डिलीवरी से पहले की तैयारी शामिल है.
  • ताइवान वायुसेना का कहना है – चीन से बढ़ते खतरे के कारण एयरबेस और रडार साइट्स को बचाना जरूरी है. NASAMS मोबाइल है, इसलिए जरूरत के हिसाब से कहीं भी लगा सकते हैं.

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ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में पहली हथियार डील

डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद यह ताइवान को हथियार बेचने की पहली घोषणा है. पिछले हफ्ते ही अमेरिका ने ताइवान को लड़ाकू विमानों के स्पेयर पार्ट्स के लिए डील मंजूर की थी.

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चीन क्यों नाराज होगा?

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और अमेरिका का ताइवान को हथियार देना उसे बिल्कुल पसंद नहीं. हर बार ऐसी डील पर चीन जोरदार विरोध करता है और धमकी देता है. लेकिन अमेरिका कहता है कि वह ताइवान की रक्षा में मदद करेगा ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे.

ताइवान के लोग और सेना इस नई सिस्टम से बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि अब हम और सुरक्षित महसूस करेंगे. आने वाले सालों में ताइवान की हवाई रक्षा दुनिया की सबसे मजबूत सिस्टम में से एक बन जाएगी.

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