
आईआईटी खड़गपुर में प्रोफेसर ने कुछ SC (अनुसूचित जाति) छात्रों के साथ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सापला ने आईआईटी खड़गपुर के निदेशक, सचिव भारत सरकार हायर एजुकेशन, पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी और DGP को जांच के आदेश दिए हैं. आयोग ने इस घटना पर 15 दिन में जवाब मांगा है.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, आईआईटी खड़गपुर की ऑनलाइन क्लास का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ह्यूमैनिटीज़ और सोशल साइंस की एसोसिएट प्रोफेसर सीमा सिंह, स्टूडेंट्स को जातिसूचक शब्दों से बुला रही हैं. इसके अलावा वह अंग्रेजी में भद्दी गालियां भी दे रही हैं. यह भी कहती हुई सुनाई दे रही हैं कि वंदे मातरम न गाने वालों को शर्म आनी चाहिए.
ऐसे ही एक अन्य वीडियो में एसोसिएट प्रोफेसर सीमा सिंह उस स्टूडेंट्स को खरी-खोटी सुना रही हैं, जिसने अपने दादाजी के निधन पर छुट्टी मांगी थी. वीडियो में सभी डरे हुए स्टूडेंट्स टीचर की बातें चुपचाप सुन रहे हैं. आपको बता दें कि एससी-एसटी और दिव्यांग इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए हर आईआईटी में ह्यूमैनिटीज़ और सोशल साइंस की क्लास चलाई जाती हैं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद लोग कह रहे हैं कि जिस क्लास में ऐसे टीचर पढ़ाएंगे, वहां कैसे कोई स्टूडेंट कुछ सीख सकता है. लोगों ने एसोसिएट प्रोफेसर सीमा सिंह की शिकायत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को टैग करना शुरू कर दिया. इसे लेकर ट्विटर पर #End_Casteism_in_IIT भी ट्रेंड किया.
इस मामले में द हिंदू अखबार से बात करते हुए आईआईटी खड़गपुर के रजिस्ट्रार तमल नाथ ने कहा कि कुछ घंटों पहले मेरे पास इस बारे में एक ईमेल आया है, आईआईटी के सिस्टम में हम ऐसी भाषा का समर्थन नहीं करते हैं, हम इस पर कुछ एक्शन लेंगे.