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गीत-संगीत से प्यार, स्टार बनने की चाहत और साजिश... ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा ये शातिर बदमाश, हैरान कर देगी कहानी

सिंगर भरत लाल मीणा के गाने लोगों को लुभा रहे थे. पसंद आ रहे थे. लेकिन जब इसी भरत लाल मीणा का दूसरा रूप उसके फैंस ने देखा, तो मानों उनके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई. दरअसल, भरत ने अपना एक गैंग ही बना लिया था और उसने बैकों को लूटने की योजना बनाई थी.

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पुलिस ने आरोपी भरत को गिरफ्तार कर लिया है
पुलिस ने आरोपी भरत को गिरफ्तार कर लिया है

वो सच में एक अच्छा सिंगर है. बहुत अच्छा गाता है. अपने गानों को प्रमोट करने के लिए उसने एक यूट्यूब चैनल भी बनाया है. लेकिन उसके सब्सक्राइबर नहीं बढ़ रहे थे. तभी उसे किसी ने सलाह दी कि सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए वो कैमरा खरीद ले. एक कैमरामैन रखे. वीडियो एडिटिंग के लिए वीडियो एडिटर हायर करे. लेकिन इन सबके लिए उसे पैसे की ज़रूरत थी. लिहाजा उसने पैसे जुटाने का इंतजाम भी कर लिया. उसने फैसला किया कि वो हर साल फरवरी के महीनें में एक बैंक लूटेगा. और इसके बात उसने बैंक लूटने का सिलसिला शुरू कर दिया. आगे की कहानी आपके होश उड़ा देगी.   

सिंगर की पिटाई!
वो एक सिंगर है. उसे गाने का सिर्फ शौक नहीं है, बल्कि वो गाने का वीडियो भी बनाता है. फिर उसे यू ट्यूब पर अपने चैनल पर चलाता भी है. तो ये तो रही गाने की बात. अब ज़रा बजाने की बात करते हैं. कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें भीड़ बुरी तरह से किसी की बजा रही है. मतलब किसी को पीट रही है. अब जिसकी बज रही है, वो कोई और नहीं, बल्कि वही सिंगर है. यानी इस कहानी में गाना भी है और बजाना भी. चलिए अब गाने बजाने की इस पूरी कहानी को सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं.

गीत-संगीत से बेहद प्यार
वो अपने सिर पर हैट पहनता है. अपनी आंखों पे चश्मा लगाता है. बड़े ही करीने से दाढ़ी बनवाता है. और उसकी आवाज़ भी मखमली सी है. हम बात कर रहे हैं भरत लाल मीणा की. जिसे यूट्यूब पर जिसने भी सुना, सुनता ही रह गया. एक बारगी ऐसा लगा मानों वो राजस्थानी म्यूज़िक इंडस्ट्री की नई उम्मीद हो. भरत लाल मीणा ने 'न्यारो राजस्थान ऑफिशियल' के नाम से अपने यूट्यूबर चैनल की शुरुआत भी की थी. जिससे ये लगना लाजिमी था कि भरत को गीत-संगीत से बेहद प्यार है.

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भरत लाल मीणा का दूसरा रूप
सिंगर के गाने लोगों को लुभा रहे थे. पसंद आ रहे थे. लेकिन जब इसी भरत लाल मीणा का दूसरा रूप उसके फैंस ने देखा, तो मानों उनके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई. दरअसल, भरत ने अपना एक गैंग ही बना लिया था और उसने बैकों को लूटने की योजना बनाई थी. 

- 8 फरवरी 2022 को उसने पहली लूट विधायकपुरी थाना इलाके में मौजूद एक बैंक में की, जहां से उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 15 लाख 30 हजार रुपये की लूट को अंजाम दिया. 

- 6 मार्च 2023 को भरत और उसके गैंग ने अगली लूट अजमेर रोड पर मौजूद इंडियन ओवरसीज़ बैंक की शाखा में की, जहां से उन्होंने 10 लाख 73 हजार रुपये लूटे और मौके से भाग निकले.
 
- और तब आखिरी लूट की कोशिश झोटवाड़ा इलाके के पीएनबी बैंक की शाखा में की, जहां भरत भागने के चक्कर में भीड़ के हाथों दबोचा गया और उसकी अच्छी खासी पिटाई हुई. इत्तेफाक से इस लूटपाट के दौरान लुटेरे भरत ने जब फायरिंग की तो दो गोली उसके साथी मनोज मीणा के पैरों में भी लग गई. 

सिंगर के घर से मिला ऐसा सामान
हालांकि इसके बावजूद वो भाग निकला, लेकिन बाद में पकड़ा गया. इसके बाद जब पुलिस ने गिरफ्त में आए लुटेरों से पूछताछ की, तो पता चला कि गैंग का सरगना और सिंगर भरत लाल मीणा जयपुर में ही किराये के मकान में रहता है. उसके घर की तलाशी लेने पर पुलिस को शहर में लगे नाकेबंदियों के प्वाइंट, बैंकों के नाम पते, उनके नक्शे, उनके द्वारा पहले किए गए बैंक लूट के सिलसिले में अखबारों में छपी खबरों के कटआउट और दूसरी चीजें हाथ लगीं. 

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बैंक कैशियर की हिम्मत ने नाकाम की तीसरी लूट
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो किसी भी बैंक को निशाना बनाने से पहले अच्छी तरह उसकी रेकी करते थे. फिर बैंक के अंदर और बाहर से जायजा लेकर उसका पूरा नक्शा तैयार करते थे. और तब जाकर वो किसी बैंक पर धावा बोलते थे. शायद इस बार भी भरत और उसके भाई का थर्ड टार्गेट सक्सेस हो जाता था, अगर पीएनबी के कैशियर ने हिम्मत ना दिखाई होती. कैशियर नरेंद्र शेखावत ना सिर्फ उसने भिड़ गए, बल्कि उन्हें रोकने के चक्कर में हुई गोलीबारी से उनकी एक किडनी हमेशा-हमेशा के लिए खराब हो गई. उसे निकालना पड़ा.

पुलिस को मिले बैंक लूट की प्लानिंग के दस्तावेज
इस गैंग में सिंगर भरत और उसके मौसेरे भाई मनोज के साथ-साथ उनका एक और भाई विनोद मीणा भी शामिल था, लेकिन दो वारदात में साथ निभाने के बाद विनोद की मौत हो गई. इससे पहले की वारदात को अंजाम देने के लिए विनोद मीणा ने ही रूट चार्ट तैयार किया था. पुलिस को सर्च में मास्टर माइंड विनोद मीणा के बैंक लूट की प्लानिंग के अपनी हस्त लिखित दस्तावेज मिले हैं. 

हर पांच किमी पर बदल लेते थे हुलिया
आरोपी वारदात के बाद मौका-ए-वारदात से कर्मचारियों के वाहन से फरार हो जाते थे और हर पांच किमी पर वाहन, कपड़े और अपना हुलिया बदल लेते थे. आरोपी लूट के रुपए से मौज-मस्ती करते थे. आरोपियों ने पूर्व में की गई बैंक लूट के रुपयों से कार खरीदी और जयपुर शहर के सिविल लाइंस एरिया में मकान किराए से लिया था. पुलिस ने अब इन लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद उनके कब्जे से लूट के रुपयों से खरीदी गई गाड़ी समेत दूसरी कई कीमती चीज़ें बरामद की हैं.

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(जयपुर से शरत कुमार के साथ देवांकुर वधावन का इनपुट)

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