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संसद कांड: महिला आरोपी की जमानत याचिका पर अदालत ने दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

संसद कांड के सभी छह गिरफ्तार आरोपियों को सुनवाई के लिए पुलिस अदालत में लेकर आई थी. इस कांड के सभी आरोपी नीलम आज़ाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत फिलहाल 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं.

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संसद कांड की आरोपी नीलम की जमानत याचिका पर मांगा जवाब
संसद कांड की आरोपी नीलम की जमानत याचिका पर मांगा जवाब

Parliament Security Breach: नए संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था का मखौल उड़ानेवाली वारदात के आरोपियों में एक महिला है. उसी महिला आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है. मंगलवार को एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को 10 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

उधर, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने संसद कांड मामले में गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगने के लिए दायर एक आवेदन की सुनवाई भी 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है. यह आवेदन दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल किया था.

हालांकि बाद में अदालत ने इस मामले को स्थगित कर दिया. क्योंकि आरोपी का प्रतिनिधित्व करने के लिए उसका वकील मंगलवार को उपलब्ध नहीं था. आरोपी का यह वकील कानूनी सहायता के तहत न्यायाधीश द्वारा नियुक्त किया गया है.

मंगलवार को पुलिस संसद कांड के सभी छह गिरफ्तार आरोपियों को सुनवाई के लिए अदालत में लेकर आई थी. इस कांड के सभी आरोपी नीलम आज़ाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत फिलहाल 5 जनवरी तक पुलिस हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने पहले अदालत को बताया था कि 13 दिसंबर का हमला अच्छी तरह से योजनाबद्ध था.

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2001 के संसद हमले की बरसी पर आयोजित सत्र के दौरान नए संसद भवन की सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी की गई. जिसमें सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. वहां उन्होंने कनस्तरों से पीली गैस छोड़ी और नारे लगाए. इससे पहले कि वो कुछ और करते कुछ सांसदों ने उन दोनों पर काबू पा लिया था.

जब संसद के अंदर सागर शर्मा और मनोरंजन डी ने आतंकियों जैसी वारदात को अंजाम दिया. लगभग उसी वक्त उनके दो अन्य साथियों अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद ने संसद परिसर के बाहर 'तानाशाही नहीं चलेगी' चिल्लाते हुए रंगीन गैस छोड़कर दहशत फैला दी थी.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले चारों आरोपियों को मौके से ही हिरासत में ले लिया गया था, जबकि ललित झा और महेश कुमावत को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले की तुलना आतंकी हमले से की जा रही थी.

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