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दिल्लीः पोएटिक फॉर जस्टिस ग्रुप ने तैयार किया था टूलकिट डॉक्यूमेंट, पुलिस की जांच तेज़

सूत्रों के मुताबिक टूलकिट डॉक्यूमेंट को पोएटिक फ़ॉर जस्टिस ग्रुप ने ही तैयार किया था. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है. पोएटिक फॉर जस्टिस के को-फाउंडर एमओ धालीवाल पर भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. जानकारों के मुताबिक धालीवाल खालिस्तान समर्थक है.

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दिल्ली में 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई थी
दिल्ली में 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्वीट किए गए दस्तावेज की जांच कर रही पुलिस
  • टूलकिट बनाने के पीछ कनाडा के एक ग्रुप का हाथ
  • खालिस्तान समर्थक धालीवाल पर पुलिस की नजर

किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की जांच के दौरान कनाडा का एक वायरल वीडियो सामने आया है. जिसमें खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल दिख रहा है. जो पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का को-फाउंडर भी है. पुलिस को शक है कि ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट डॉक्यूमेंट ट्वीट किया था, वो पोएटिक फ़ॉर जस्टिस ग्रुप ने ही तैयार किया था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने धालीवाल के वायरल वीडियो की तस्दीक अभी तक नहीं की है.

सूत्रों के मुताबिक टूलकिट डॉक्यूमेंट को पोएटिक फ़ॉर जस्टिस ग्रुप ने ही तैयार किया था. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है. पोएटिक फॉर जस्टिस के को-फाउंडर एमओ धालीवाल पर भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. जानकारों के मुताबिक धालीवाल खालिस्तान समर्थक है और भारत के खिलाफ कई प्रदर्शनों में शामिल हो चुका है.

धालीवाल का चाचा खालिस्तानी आतंकी 

धालीवाल कनाडा के वैंकूवर में रहता है और उसका चाचा खालिस्तानी आतंकी रह चुका है. जिसे पंजाब पुलिस ने 1984 में एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था. 26 जनवरी 2021 को भी धालीवाल ने कनाडा में स्थित भारतीय काउन्सलेट के सामने प्रदर्शन किया था. उसने वहां कहा था कि असली लड़ाई भारत के टुकड़े करने के लिए है.
 
दिल्ली उपद्रव को लेकर ट्वीटर पर माहौल बिगाड़ने के लिए पूरी टूलकिट अपलोड की गई थी. जांच में सामने आया है कि गूगल डॉक्यूमेंट में वो टूलकिट बनाई गई थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गूगल से जवाब मांगा है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर गूगल के अधिकारियों को एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें पूछा गया है कि टूलकिट को अपलोड कहां से किया गया था. 

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टूलकिट की तफ्तीश जारी

टूलकिट के अंदर दिए गए कुछ इंस्टाग्राम प्रोफाइल, ट्वीटर अकाउंट और ईमेल आईडी भी थे. उनका डोमेन आईडी भी गूगल से पूछा गया है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो अभी टूलकिट की तफ्तीश कर रही है. जिसने ये किट तैयार की है, पुलिस उसकी पहचान करने की कोशिश में जुटी है. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल किट को एडिट करने वाली की तलाश में भी है.किया उसकी पहचान की कोशिश की जा रही है। 

दिल्ली के स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन के मुताबिक दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि टूलकिट एक खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया प्रतीत होता है. टूलकिट का एक हिस्सा कई कार्य योजनाओं को दर्शाता है. जिसमें 26 जनवरी को या उससे पहले हैशटैग के माध्यम से डिजिटल अभियान चलाया गया. इससे पहले 23 जनवरी को ट्वीट्स की बाढ़ आ गई. 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन किया गया. 

स्पेशल सीपी का कहना है कि संदेश साफ था कि वॉच-आउट या किसान मार्च में शामिल हों और फिर वापस बॉर्डर पर जाओ. 26 जनवरी की हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों की घटनाओं का खुलासा किया गया है, जिसमें टूल किट भी है, जिसमें विस्तृत 'एक्शन प्लान' का एक्जीक्यूटेशन शामिल था.

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