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Oxfam India की मुसीबतें बढ़ीं! गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद CBI ने दर्ज किया केस

भारत में काम करने वाले NGO ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) पर कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी फंडिंग में शामिल होने का आरोप लगा है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को इस एनजीओ के खिलाफ एक्शन लेने की सिफारिश की थी, जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने केस दर्ज करते हुए ऑक्सफैम इंडिया के दिल्ली स्थित दफ्तर पर छापा मारा है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने विदेशी फंडिक के मामले में ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) नाम के NGO के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. यह एक्शन ऐसे समय लिया गया जब, हाल ही में गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी. केस दर्ज करने के साथ-साथ जांच एजेंसी ने NGO के दिल्ली में स्थित ऑफिस की तलाशी भी ली है. ऑक्सफैम इंडिया पर विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम 2010 (FCRA, 2010) के उल्लंघन का आरोप है.

बता दें कि अप्रैल की शुरुआत में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Oxfam India के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी. सूत्रों की मानें तो Oxfam India के FCRA लाइसेंस के रिन्यूवल को MHA ने दिसबंर 2021 में पहले ही रद्द कर दिया था. Oxfam India की FCRA नियमों के गड़बड़ी के आरोप के चलते ये लाइसेंस रद्द हुआ था.

गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम 2010 (FCRA, 2010) के उल्लंघन के कारण ऑक्सफैम इंडिया की जांच के लिए सीबीआई को पत्र भेजा है. ऑक्सफैम इंडिया ने FCRA एक्ट 2020 लागू होने के बाद भी पैसों को विदेशी खातों में अलग-अलग संस्थाओं के जरिए ट्रांसफर करना जारी रखा था.

क्या कहता है FCRA एक्ट 2020?

FCRA 2020 इस तरह के पैसों को ट्रांसफर करने से बैन करता है. इस एक्ट में संशोधन 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था. लेकिन ऑक्सफैम इंडिया ने इसके बावजूद भी एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अन्य फंड ट्रांसफर किया.

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IT सर्वेक्षण से हुआ खुलासा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के IT सर्वेक्षण के दौरान पाए गए ईमेल से, यह पता चला है कि ऑक्सफैम इंडिया अपने लाभ के लिए पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में रखने की योजना बना रहा था. सीबीडीटी के आईटी सर्वेक्षण से यह भी खुलासा हुआ है कि ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों से फंडिंग आ रही थी.

सोशल एक्टिविटीज के नाम पर रजिस्टर्ड है संस्था

ऑक्सफैम इंडिया सोशल एक्टिविटीज को चलाने के लिए रजिस्टर्ड है. वो अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के जरिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को कमीशन के रूप में फंड भेजती है. यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी दिखाई देता है. जांच में खुलासा हुआ है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऑक्सफैम इंडिया ने सीपीआर को 12,71,188/- रुपये का भुगतान किया. यह धारा 194J के तहत अवैध है.ऑक्सफैम इंडिया ने लगभग 1.50 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त की. यह पैसा संस्था के खाते में डायरेक्ट गया. जबकि इस पैसे को उस बैंक अकांउट के जरिए आना चाहिए, जो FCRA में रजिस्टर्ड है.

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