Colonel Assault Case: कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ के साथ कथित मारपीट के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ा कदम उठाया है. एजेंसी ने इस केस में पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह चार्जशीट मोहाली की अदालत में पेश की गई है. CBI की कार्रवाई से यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. लंबे समय से इस केस में निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही थी. अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है.
इन पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज
सीबीआई (CBI) ने जिन चार पंजाब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, उनमें इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय, रोनी सिंह और हरजिंदर ढिल्लों शामिल हैं. पहले से दर्ज FIR में इन अधिकारियों के नाम थे. बाद में एक और इंस्पेक्टर का नाम जांच के दौरान जोड़ा गया. इन सभी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामला पुलिस की कथित बर्बरता और अधिकारों के दुरुपयोग से जुड़ा है.
पटियाला पुलिस ने दर्ज की थी FIR
इस पूरे मामले में शुरुआत में पटियाला पुलिस ने ही FIR दर्ज की थी. FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. जिनमें हत्या की कोशिश, जानबूझकर चोट पहुंचाना, गलत तरीके से रोकना और आपराधिक धमकी जैसी धाराएं शामिल हैं. बाद में जांच के दौरान धाराओं में और इजाफा किया गया. FIR दर्ज होने के बावजूद पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं था.
FIR में गंभीर धाराएं शामिल
पटियाला पुलिस द्वारा दर्ज FIR में BNS की धारा 109 के तहत हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया. इसके अलावा धारा 310, 155(2) और 117(2) के तहत चोट पहुंचाने के आरोप हैं. गलत तरीके से रोकने के लिए धारा 126(2) और आपराधिक धमकी के लिए धारा 351(2) लगाई गई. बाद में धारा 299 और 191 भी जोड़ी गईं. ये धाराएं मामले की गंभीरता को दर्शाती हैं.
कब और कहां हुआ था विवाद?
यह घटना 13 और 14 मार्च की दरम्यानी रात की बताई जा रही है. कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ अपने बेटे के साथ पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल के पास एक ढाबे पर मौजूद थे. दोनों अपनी कार में बैठकर खाना खा रहे थे. इसी दौरान सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों से उनका सामना हुआ. यहीं से विवाद शुरू हुआ और मामला हिंसा तक पहुंच गया.
परिवार का आरोप
कर्नल के परिवार का आरोप है कि जब वे कार में बैठकर खाना खा रहे थे, तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटने को कहा. इसी बात पर बहस शुरू हो गई. परिवार का कहना है कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बिना किसी उकसावे के हमला कर दिया. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी.
डंडों और रॉड से पीटने का आरोप
परिवार का दावा है कि एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने डंडों और लोहे की रॉड से कर्नल और उनके बेटे पर हमला किया. इस मारपीट में दोनों को गंभीर चोटें आईं. घटना के बाद दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पहचान बताने पर भी नहीं बख्शा
इस मामले ने इसलिए भी तूल पकड़ा क्योंकि पीड़ित एक सेवारत सेना अधिकारी हैं. आरोप है कि कर्नल ने अपनी पहचान बताई, इसके बावजूद हमला नहीं रोका गया. यह सवाल उठाया गया कि क्या पुलिस ने वर्दी और कानून दोनों का अपमान किया. सेना और सिविल सोसाइटी में इस घटना को लेकर भारी नाराजगी देखी गई.
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
पंजाब पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर कर्नल बाथ का परिवार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा. परिवार ने निष्पक्ष जांच की मांग की. हाईकोर्ट में दलील दी गई कि स्थानीय पुलिस के रहते निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसके बाद अदालत ने मामले को CBI को सौंपने का फैसला किया.
CBI ने संभाली जांच की कमान
हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने इस केस की जांच अपने हाथ में ली. एजेंसी ने घटनास्थल का मुआयना किया और गवाहों के बयान दर्ज किए. मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों की भी जांच की गई. CBI की जांच का दायरा पहले की तुलना में ज्यादा व्यापक रहा. इसी जांच के आधार पर अब चार्जशीट दाखिल की गई है.
चार्जशीट दाखिल होने से बढ़ी उम्मीद
CBI द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है. चार्जशीट से यह साफ हो गया है कि एजेंसी को आरोपों में दम नजर आया. अब अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी. दोषी पाए जाने पर आरोपियों को सजा का सामना करना पड़ सकता है.
पत्नी का बयान आया सामने
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ की पत्नी जसविंदर कौर बाथ ने चार्जशीट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. परिवार को 2 जनवरी को इसकी कॉपी मिलने की उम्मीद है. उन्होंने भरोसा जताया कि अब न्याय की प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ेगी.
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हुए हैं. सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और उनका व्यवहार जांच के घेरे में है. यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या नियमों का पालन किया गया था. यह मामला पुलिस सुधार और जवाबदेही की बहस को भी हवा दे रहा है.
सेना और पुलिस के तालमेल पर असर
कर्नल के साथ मारपीट के मामले ने सेना और पुलिस के बीच तालमेल पर भी सवाल खड़े किए हैं. दोनों ही देश की सुरक्षा व्यवस्था की अहम कड़ी हैं. ऐसे मामलों से आपसी विश्वास को नुकसान पहुंचता है. विशेषज्ञों का मानना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है.
अब आगे क्या?
चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब अदालत में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी. आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा. गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर फैसला आएगा. यह केस आने वाले समय में एक अहम मिसाल बन सकता है. सभी की नजरें अब अदालत के फैसले पर टिकी हैं.