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4 करोड़ की स्मैक जब्त, 2 तस्कर गिरफ्तार... बरेली में ड्रग सिंडिकेट पर दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने इंटरस्टेट ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए एक बड़ा नेटवर्क उजागर किया है. बरेली से दिल्ली तक फैले इस रैकेट से करोड़ों की स्मैक, लाखों की नकदी और सोने-चांदी की बरामदगी हुई. गिरफ्तारी से यह साफ हुआ कि माफिया सिर्फ ड्रग्स ही नहीं, बल्कि अवैध कमाई को सोने और नकदी में बदलकर बचाने की साजिश रच रहे थे.

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बरेली जिले से दिल्ली डिलीवरी के लिए लाई जा रही थी स्मैक की खेप. (Photo: X/@CrimeBranchDP)
बरेली जिले से दिल्ली डिलीवरी के लिए लाई जा रही थी स्मैक की खेप. (Photo: X/@CrimeBranchDP)

दिल्ली पुलिस को संगठित ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. उत्तर प्रदेश के बरेली में छापा मारकर पुलिस ने एक इंटरस्टेट ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में करीब 2 किलोग्राम स्मैक जब्त की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग चार करोड़ रुपए आंकी गई है. इसके साथ ही दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों से पूछताछ जारी है, जिससे इस पूरे नेटवर्क की परतें खुल रही हैं.

इस मामले में पहली बड़ी सफलता 15 सितंबर को मिली, जब पुलिस को इनपुट मिला कि बरेली का रहने वाला 22 वर्षीय अमन खान आनंद विहार बस अड्डे पर स्मैक सप्लाई करने पहुंचने वाला है. पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और बताए गए स्थान पर निगरानी शुरू कर दी. वहां अमन ड्रग्स के साथ किसी के इंतजार में खड़ा था, लेकिन पुलिस को देखते ही भागने लगा. हालांकि पुलिस ने उसे घेरकर पकड़ लिया.

अमन खान की तलाशी के दौरान पुलिस को 214.50 ग्राम स्मैक बरामद हुई. शुरुआती पूछताछ में उसने बड़ा खुलासा किया. उसने बताया कि उसके दिल्ली आने-जाने और डिलीवरी की पूरी व्यवस्था बरेली के गुगई गांव का रहने वाला 20 वर्षीय उवैस करता है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 18 सितंबर को बरेली पुलिस के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया. इस दौरान उवैस को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया गया.

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पुलिस ने उवैस के ठिकानों की तलाशी ली तो वहां से 1.76 किलोग्राम स्मैक बरामद हुई. इसके साथ ही वहां से 10.30 लाख रुपए नकद, 435 ग्राम सोना और 550 ग्राम चांदी भी जब्त की गई है. यह बरामदगी इस बात का सबूत है कि ड्रग्स तस्करी से हुई काली कमाई को सोने और नकदी में बदलकर सुरक्षित किया जा रहा था. यह रिकवरी सिंडिकेट की वित्तीय ताकत और उसके गहरे नेटवर्क को उजागर करती है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि न सिर्फ स्मैक की सप्लाई बल्कि उसके जरिए तैयार हुई अवैध संपत्ति भी इस रैकेट के बड़े स्तर पर संचालित होने का प्रमाण है. इस कार्रवाई से तत्काल सप्लाई चेन बाधित हुई है और यह भी साफ हो गया है कि बरेली से ऑपरेट हो रहा यह गिरोह दिल्ली तक अपनी जड़ें फैला चुका था. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उवैस का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद है. 

साल 2022 में हरिद्वार के श्यामपुर थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत उवैस के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. वो पहले से ही नशीले पदार्थों के कारोबार में सक्रिय था. फिलहाल पुलिस इस गिरोह से जुड़े बाकी सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. यह खुलासा उस गहरे नेटवर्क की तस्वीर पेश करता है, जो दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमाओं से होते हुए करोड़ों का नशे का कारोबार चला रहा था. 

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