scorecardresearch
 

दिल्ली ब्लास्ट में 'लो एक्सपोजर, हाई एक्सपर्टीज' का एंगल, NIA ने आतंकियों के B-Team पर किया फोकस

दिल्ली ब्लास्ट के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों की निगाह लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर , फरीदाबाद और श्रीनगर जैसे उन शहरों के ओवर ग्राउंड वर्कर पर है जो आतंकियों के मददगार हैं. ये एलिमेंट आतंकियों के बी-टीम के तौर पर काम कर रहे हैं. अपनी पहचान जाहिर न करने के लिए इन आतंकियों ने कवर प्रोफेशन का सहारा लिया है.

Advertisement
X
NIA की नजर दहशतगर्दों की B टीम पर.  (Photo: PTI)
NIA की नजर दहशतगर्दों की B टीम पर. (Photo: PTI)

दिल्ली ब्लास्ट में जांच एजेंसियां अब आतंकियों के B टीम का खुलासा कर रही है. ये वो लोग हैं जो सीधे धमाके में शामिल नहीं थे पर इन लोगों ने ब्लास्ट करने में आतंकियों की मदद की थी. दिल्ली ब्लास्ट की जांच कर रही NIA ने जैश मॉड्यूल के पूरे नेटवर्क का चार्ट तैयार कर लिया है और आतंकियों के B-टीम और सपोर्टर्स पर शिकंजा कसना शुरू दिया है.

NIA सूत्रों से खबर मिली है कि दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार सातों आरोपियों को लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर ,फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर ले जाकर पूछताछ की जाएगी. इन 5 शहरों को NIA ने जांच का 'कोर जोन' बताया है. 

NIA इन शहरों में आरोपियों के पुराने संपर्क, सपोर्ट सिस्टम और संदिग्ध ठिकानों की जांच कर रही है. कुछ जगहों पर गिरफ्तार आतंकियों को पहले ही लेकर पूछताछ हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक NIA की जांच का केंद्र उच्च-शिक्षित डॉक्टरों का नेटवर्क है जो आतंकियों को मदद करता पाया गया है. जांच एजेंसियों के मुताबिक यह नेटवर्क “कवर प्रोफेशन” के तहत काम कर रहा था ताकि संदेह न हो.

सूत्रों के मुताबिक फोन, चैट, डेटा और डिजिटल फूट प्रिंट से UP के कई शहरों में आतंकी नेटवर्क फैलने की बात सामने आ रही है. 

Advertisement

दरअसल NIA दूसरे राज्य के कई शहरों में फैले आतंकी नेटवर्क को खंगाल रही है. यह जांच सीधे तौर पर दिल्ली धमाके और उससे जुड़े टेरर मॉड्यूल से लिंक्ड है. एनआईए सूत्रों के अनुसार दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार 7 आरोपियों को लखनऊ, कानपुर और सहारनपुर ,फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर लेकर आएगी. NIA इन शहरों में आरोपियों के पुराने संपर्क, सपोर्ट सिस्टम और संदिग्ध ठिकानों की गहन जांच करेगी. 

NIA की जांच का केंद्र उच्च-शिक्षित डॉक्टरों का नेटवर्क है जो आतंकियों को मदद करता पाया गया है. जांच एजेंसियों का कहना है कि 
यह नेटवर्क “कवर प्रोफेशन” के तहत काम कर रहा था ताकि किसी को भी संदेह न हो. 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी अब ये पता लगा रही है कि आरोपी डॉक्टर शाहीन एवं अन्य संदिग्धों ने यूपी फरीदाबाद में किन-किन लोगों से मुलाकात की? किसने उन्हें लॉजिस्टिक, शेल्टर या वित्तीय सहायता दी? और इस ब्लास्ट को करवाने में इनका क्या रोल रहा?

यही वजह है NIA शाहीन को आज फरीदाबाद लेकर गई है इसके बाद NIA शाहीन को लेकर लखनऊ और कानपुर भी जाएगी. माना जा रहा है कि इन शहरों में इस मॉड्यूल के ओवर ग्राउंड वर्कर मौजूद हो सकते हैं. 

NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सहारनपुर में इस्तेमाल किए गए वाहनों की फॉरेन्सिक और टेक्निकल जांच की गई है. कानपुर में संभावित 
सुरक्षित पनाहगाहों और किराए के कमरों की जांच की जा रही है.

Advertisement

NIA के सूत्र बताते हैं कि वे कौन स्थानीय लोग थे जिन्होंने आतंकियों के ठहरने, मूवमेंट में मदद की. क्या किसी ने उन्हें शेल्टर या लॉजिस्टिक जानबूझकर मुहैया कराया?

एजेंसियां अब इन स्थानीय लोगों की भूमिकाओं का हर तह पर विश्लेषण कर रही हैं. एनआईए इस धमाके में शामिल लोगों के नेटवर्क पैटर्न को उजागर करने में लगी है. इस नेटवर्क में NIA को आतंकियों की जो  थ्योरी पता चली है वो यह है कि आतंकी उच्च शिक्षित लोगों को अपने गिरोह में जोड़ रहे थे. ये वैसे लोग थे जिनका समाज में एक्सपोजर बहुत कम था, लेकिन ये धमाके को अंजाम देने के लिए विशेषज्ञ जैसी जानकारी रखते थे. इसे 
'Low exposure, High expertise' मॉडल का नाम दिया गया था. 

NIA सूत्रों का कहना है कि  ये मॉडल अपनी गतिविधियों को अस्पतालों/क्लीनिक जैसे सुरक्षित दिखने वाले स्थानों से चलाना चाहता था. ताकि किसी को कोई शक ही नहीं हो.
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement