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150 गाड़ियों के काफिले के साथ पेशी के लिए पहुंचा ओसामा, बाप के नक्शे कदम पर 'बाहुबली' शहाबुद्दीन का बेटा

मोतिहारी के प्रतिष्ठित रानी कोठी में हुए फायरिंग मामले में दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को कोर्ट में पेश किया गया. मोतिहारी कोर्ट में पेशी के लिए वो 150 गाड़ियों के काफिले के साथ आया था. मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनकी विरासत संभालने की कोशिश कर रहा ओसामा अपने पिता के नक्शे कदम पर चल पड़ा है.

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बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को कोर्ट में पेश किया गया.
बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को कोर्ट में पेश किया गया.

अक्सर एक्टर के बेटे को एक्टर, डॉक्टर के बेटे को डॉक्टर और नेता के बेटे को नेता बनते देखा जाता है. ज्यादातर बच्चे अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश करते हैं. कुछ ऐसा ही जरायम की दुनिया में भी देखने को मिलता है. यहां माफिया और बाहुबलियों के बच्चे अक्सर अपने पिता के साम्राज्य और विरासत को संभालने की कोशिश में उनके जैसा बन जाते हैं. उनकी परवरिश ही ऐसे माहौल में होती है कि वो बचपन से ही अपराध में लिप्त हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही यूपी के माफिया रहे अतीक अहमद और बिहार के बाहुबली रहे मो. शहाबुद्दीन के केस में भी देखा जा रहा है. दोनों के बच्चे अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते दिख रहे हैं.

ताजा मामला बिहार के बाहुबली रहे पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब से जुड़ा है. मोतिहारी के प्रतिष्ठित रानी कोठी में हुए फायरिंग, गुंडागर्दी और तोड़फोड़ मामले में आज यानी बुधवार को कोर्ट में उसकी पेशी होनी थी. मोतिहारी पुलिस भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे सिवान से लेकर आ रही थी. इस दौरान उसकी वैन के साथ 150 गाड़ियों का काफिला चल रहा था. इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों को देखकर मोतिहारी पुलिस भी चकरा गई. कोर्ट के आसपास माहौल खराब न हो, इसलिए पुलिस ने उसके समर्थकों को पिपरा कोठी में ही रोक दिया. इसके बाद उसे कैदी वाहन से मोतिहारी कोर्ट लाया गया, जहां मजिस्ट्रेट के सामने उसकी पेशी हुई है.

इस मामले में जेल में है ओसामा

ओसामा शहाब पर आरोप है कि उसने पिछले दिनों अपने बहनोई के घर मोतिहारी के प्रतिष्ठित रानी कोठी में अपने दर्जनों समर्थकों के साथ जमकर तांडव मचाया था. अपने बहन के ससुर इफ्तेखार अहमद के पक्ष में वहां जमकर बवाल किया था. कई गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए बाउंड्री वॉल तोड़ दी गई थी. इतना ही कई राउंड फायरिंग भी हुई थी. इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ केस दर्ज कराया गया था, जिसके बाद मोतिहारी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इधर ओसामा अपने साथियों के साथ फरार हो गया. 16 अक्टूबर को उसे राजस्थान के कोटा में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आईपीसी की धारा-151 (शांति भंग) तहत तीन लोग गिरफ्तार किए गए.

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ऐसे पुलिस की गिरफ्त में आया

दरअसल, राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस लगातार चेकिंग कर रही है. इसी दौरान एक गाड़ी से यात्रा कर रहे तीन लोगों को रोककर पुलिस ने पूछताछ की तो कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिला. इसके बाद पुलिस उनको कोटा ग्रामीण के रामजंग मंडी थाने ले गई. वहां पूछताछ की गई तो पता चला कि गिरफ्त में आया एक शख्स ओसामा है, जो बिहार के बाहुबली रहे पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का बेटा है. राजस्थान पुलिस ने बिहार पुलिस को सूचित कर दिया. तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, तो जज ने वहां से जमानत दे दी, लेकिन बिहार पुलिस कोर्ट कैम्पस में पहले से मौजूद थी. जमानत मिलते ही बिहार पुलिस ने तीनों को अपनी गिरफ्त में ले लिया.

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लालू यादव के छोटे बेटे तेज प्रताप यादव और ओसामा शहाब के बीच गहरी दोस्ती है.

सोशल मीडिया के जरिए रंगदारी

पिछले साल दिसबंर में ओसामा शहाब के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगने का मामला सामने आया था. इस पर ओसामा का कहना था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसा कोई अकाउंट नहीं है. उसने लोगों से अपील की थी कि फर्जी मैसेज से बचे. वो जिले से बाहर है. सीवान पहुंचकर प्रशासन इस बारे में शिकायत करेगा. फेक आईडी बनाकर उसे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. दरअसल, उस समय ओसामा के नाम से एक शख्स को मैसेज भेजा गया था. इसमें दस हजार रुपए की मांग की गई थी. छपरा के एक आदमी को किए गए मैसेज में लिखा था कि उसको कुछ खर्चा भेजना है. इतना ही नहीं पैसों के लिए कई बार मैसेज किए गए थे. 

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दिल्ली से स्कूल, लंदन से वकालत

ओसामा शहाब पढ़ाई में हमेशा ठीक रहा है. सिवान से शुरूआती शिक्षा के बाद दिल्ली आ गया. पिता सांसद थे, तो उनको दिल्ली में आवास मिला था. दिल्ली के कर्नल सत्संगी पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल करने के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए जी डी गोयनका में दाखिला करा लिया. जी डी गोयनका को दिल्ली का हाईप्रोफाइल स्कूल माना जाता है. दिल्ली से 12वीं तक की पढ़ाई के बाद पिता ने उसे उच्च शिक्षा के लिए लंदन भेज दिया. वहां से उसने वकालत की पढ़ाई की है. इसी बीच पिता के जेल जाने और लगातार बीमार रहने की वजह से वो दिल्ली लौट आया. साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उसने अपनी मां हिना शहाब के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी.

ये भी पढ़ें: कौन हैं सिवान के खान ब्रदर्स जो उजाड़ रहे शहाबुद्दीन का साम्राज्य?

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मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद सिवान में रईस खान और ओसामा शहाब के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.

इस केस में पहली बार आया नाम

सिवान के चर्चित तेजाब कांड के इकलौते गवाह राजीव रोशन की 16 जून 2014 को हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में पहली बार ओसामा शहाब का नाम आया था. लेकिन सिवान के हुसैनगंज थाने की पुलिस ने जांच के बाद उसका नाम एफआईआर से निकाल दिया था. इसके बाद पिछले साल 4 अप्रैल को शहाबुद्दीन के प्रतिद्वंदी गैंग पर फायरिंग में भी उसका नाम आया. उस समय ओसामा पर आरोप लगा था कि उसने बिहार के सिवान से विधान परिषद उम्मीदवार रईस खान की गाड़ी पर एक-47 से सैकड़ों राउंड फायरिंग कराई है. इस घटना में एक आदमी मारा गया था, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद उसका नाम केस से बाहर कर दिया था.

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