
Udaipur Rape Case: उदयपुर की एक शानदार बर्थडे पार्टी के बाद कुछ ही घंटों में एक महिला की जिंदगी अंधेरे में धकेल दी गई. आफ्टर पार्टी के बहाने शुरू हुआ सफर, कार के अंदर दरिंदगी में बदल गया. नशे की हालत में उस महिला के जिस्म को नोंचा गया. उसकी आबरू लूट ली गई. जब उस लड़की को होश आया तो इस दर्दनाक सच ने उसकी सुबह को खौफनाक बना दिया. उसका सबकुछ लुट चुका था. लेकिन उसी कार के डैशकैम में कैद आवाजें आरोपियों के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बन गईं. यह कहानी सिर्फ एक रात की नहीं, बल्कि एक सीआईओ और उसके स्टाफ की करतूतों का पुलिंदा है.
20 दिसंबर 2025
उदयपुर में मौजूद एक आईटी कंपनी के सीईओ की बर्थडे और न्यू ईयर पार्टी ने एक महिला मैनेजर की जिंदगी को बर्बाद कर दिया. पार्टी एक होटल में आयोजित की गई थी, जहां कंपनी के सीईओ जितेश सिसोदिया ने अपने जन्मदिन का जश्न मनाया. पीड़िता रात करीब 9 बजे पार्टी में पहुंची थी और वहां का माहौल काफी जोशभरा था. लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ी, सिलसिलेवार ऐसी घटनाएं घटती गईं कि पीड़िता की दुनिया उजड़ गई. आरोप है कि सीईओ और उनके साथियों ने पार्टी के बाद एक सोची-समझी साजिश रची. और एक महिला मैनेजर को अपनी हवस का शिकार बना डाला. इस कांड ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए. अब तक की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जो सीईओ की करतूतों को उजागर करते हैं.
पार्टी खत्म होने पर बिगड़ी तबीयत
उदयपुर के उस होटल में कंपनी के कर्मचारी इकट्ठा हुए थे. सीईओ जितेश सिसोदिया उर्फ जयेश ने अपनी कंपनी GKM IT प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से यह कार्यक्रम रखा था. पार्टी देर रात तक चली और इसमें शराब का दौर भी चला. पीड़िता ने बताया कि वह रात 9 बजे पार्टी में पहुंची और शुरू में सब कुछ सामान्य लग रहा था. लेकिन करीब 1:30 बजे पार्टी खत्म हुई और उसकी तबीयत खराब होने लगी. कंपनी के कर्मचारियों ने उसे घर छोड़ने की तैयारी की, लेकिन तभी एक नया मोड़ आया.
आफ्टर पार्टी का बहाना
पार्टी खत्म होने के बाद पीड़िता घर लौटना चाहती थी, लेकिन कंपनी की महिला एग्जीक्यूटिव हेड शिल्पा सिरोही ने 'आफ्टर पार्टी' का प्रस्ताव रखा. यह प्रस्ताव सुनकर पीड़िता थोड़ा हिचकिचाई, लेकिन कंपनी के लोगों पर भरोसा होने के कारण वह मान गई. उसे एक कार में बैठाया गया, जहां पहले से शिल्पा का पति गौरव सिरोही और सीईओ जितेश सिसोदिया मौजूद थे. पीड़िता को बताया गया कि उसे सुरक्षित घर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन यह सिर्फ एक बहाना था, जो आगे की साजिश का हिस्सा था.
कार में सवार होना और रास्ते का विवरण
पीड़िता को कार में बैठाने के बाद गाड़ी चल पड़ी, लेकिन कार रास्ते में एक दुकान पर रुकी. वहां से स्मोकिंग से संबंधित सामग्री खरीदी गई, जो बाद में पीड़िता को दी गई. कार में सीईओ जितेश, गौरव और शिल्पा मौजूद थे, और उन्होंने पीड़िता को घर छोड़ने का वादा किया था. लेकिन जैसे ही स्मोकिंग का सामान आया, पीड़िता को जबरन स्मोक कराया गया. कुछ ही देर में उसकी हालत बिगड़ने लगी और वह होश खोने लगी. उसका खुद पर काबू नहीं था. इस दौरान कार शहर की सड़कों पर घूमती रही. पीड़िता ने बताया कि इसके बाद की घटनाएं उसे ठीक से याद नहीं हैं, लेकिन यह साफ है कि यह एक जाल था.
नशीले पदार्थ का इस्तेमाल
स्मोकिंग सामग्री में संभवतः कोई नशीला पदार्थ मिला हुआ था, जिससे पीड़िता बेहोश हो गई. पुलिस जांच में इस बात की पड़ताल की जा रही है कि क्या किसी विशेष पदार्थ का इस्तेमाल किया गया. सीईओ जितेश सिसोदिया और उनके साथियों ने इस मौके का फायदा उठाया. पीड़िता की हालत बिगड़ते देख वे नहीं रुके, बल्कि अपनी करतूतें जारी रखीं. वो नशीला पदार्थ पीड़िता को कमजोर बना रहा था, जो एक सोची-समझी योजना थी. अब तक के खुलासों से पता चलता है कि ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल अपराध को आसान बनाता है. पुलिस ने इस पर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है.
चलती कार में दुष्कर्म
जब पीड़िता को हल्का होश आया, तो उसने महसूस किया कि उसके साथ छेड़छाड़ की जा रही है. उसने जोरदार विरोध किया और रुकने की गुहार लगाई, लेकिन आरोपी नहीं माने. आरोप है कि कार में मौजूद तीनों लोगों - सीईओ जितेश, गौरव और शिल्पा - ने उसके साथ दुष्कर्म किया. यह सिलसिला रात 1:45 बजे से शुरू होकर सुबह 5 बजे तक चला. पीड़िता की आवाज दबाने की कोशिश की गई, लेकिन वह लड़ती रही. इस घटना ने सीईओ की दरिंदगी को उजागर कर दिया. पुलिस के अनुसार, यह गैंगरेप का स्पष्ट मामला है, जो महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है.

वारदात के वो सवा 3 घंटे
यह पूरी घटना रात 1:45 बजे से सुबह 5 बजे के बीच घटी, जब कार शहर में घूमती रही. पीड़िता बेहोशी की हालत में थी, लेकिन बीच-बीच में होश आने पर विरोध करती रही. आरोपी लगातार अपनी करतूतें जारी रखे हुए थे. सुबह के समय जब सब खत्म हुआ, तो पीड़िता को बदहवास हालत में उसके घर के पास छोड़ दिया गया. वह किसी तरह घर पहुंची. घर जाने के बाद जब वो पूरी तरह होश में आई. तब उसे दर्द का अहसास हुआ. उसके जिस्म का हर हिस्सा दुख रहा था. वो दर्द का शिकार थी.
ईयररिंग, मोजे और अंडरगारमेंट गायब
पीड़िता के शरीर पर अनगिनत चोटें थीं और उसे दर्द महसूस हो रहा था. उसी वक्त उसे अहसास हुआ कि उसके ईयररिंग, मोजे और अंडरगारमेंट गायब थे. यह सब देखकर वह हैरान परेशान थी. वह घटना को समझने की कोशिश कर रही थी. इसी दौरान पीड़िता को याद आया कि उस कार में डैशकैम लगा हुआ था, जो सबूत बन सकता था. उसने अपने शरीर की हालत देखी और उसके साथ हुए जुर्म का अंदाजा लगाया. इसी बात ने उसे पुलिस के पास जाने के लिए प्रेरित किया.
डैशकैम रिकॉर्डिंग से खुलासा
पीड़िता ने किसी तरह से उस कार की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग खंगाली. रिकॉर्डिंग में बातचीत और आवाजें साफ रिकॉर्ड हुईं थीं, जो दुष्कर्म की पुष्टि करती थीं. सीईओ जितेश सिसोदिया की आवाजें विशेष रूप से सुनाई दे रही थीं. यह रिकॉर्डिंग पुलिस जांच का सबसे बड़ा आधार बनी. पीड़िता ने इसे सुरक्षित रखा और शिकायत के साथ पुलिस के सामने पेश किया. अब पुलिस इसकी फॉरेंसिक जांच कर रही है. इस तकनीकी सबूत ने मामले को मजबूत बनाया और आरोपी की करतूतों को उजागर किया.
तीन दिन बाद मामला दर्ज
घटना के तीन दिन बाद यानी 23 दिसंबर को पीड़िता ने उदयपुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच की जिम्मेदारी एएसपी माधुरी वर्मा को सौंपी. पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू हुई. मेडिकल जांच में शरीर पर चोटें और प्राइवेट पार्ट्स पर निशान मिले, जो गैंगरेप की आशंका की पुष्टि करते हैं. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और सबूत इकट्ठा करने लगी. पीड़िता की इसी शिकायत ने पूरे मामले को सार्वजनिक कर दिया.
तीनों आरोपी गिरफ्तार
शिकायत मिलने के दो दिन बाद यानी 25 दिसंबर को पुलिस ने सीईओ जितेश सिसोदिया, गौरव सिरोही और शिल्पा सिरोही को गिरफ्तार कर लिया. तीनों को न्यायालय में पेश किया गया और 4 दिन की पुलिस रिमांड ली गई. जितेश का पता स्काई मरीना अपार्टमेंट, सुखाड़िया सर्किल है, जबकि गौरव सिरोही और उसकी पत्नी शिल्पा हितवाना अपार्टमेंट, सुखेर में रहते हैं. पुलिस नशीले पदार्थ और डैशकैम ऑडियो की जांच कर रही है. यह कार्रवाई निष्पक्ष जांच का हिस्सा है.
आरोपी सीईओ की पृष्ठभूमि
सीईओ जितेश सिसोदिया उदयपुर की GKM IT प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं. कंपनी अपनी वेबसाइट पर 4.7/5 रेटिंग दावा करती है और खुद को महिलाओं के लिए सुरक्षित बताती है. लेकिन इस घटना ने इस दावे की पोल खोल दी. जितेश उदयपुर का निवासी है और आईटी सेक्टर में सक्रिय है. घटना से पहले उनकी कोई नेगेटिव इमेज नहीं थी, लेकिन अब उसकी करतूतें सबके सामने हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह उसकी पहली ऐसी घटना नहीं लगती, लेकिन जांच जारी है.
कंपनी की छवि पर प्रभाव
कंपनी GKM IT प्राइवेट लिमिटेड खुद को महिला-अनुकूल बताती है, लेकिन सीईओ की इस करतूत ने इसकी छवि को दागदार कर दिया, पार्टी में शराब का दौर और नशीले पदार्थों का इस्तेमाल महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डालता है. कर्मचारियों में दहशत है और कंपनी की रेटिंग अब मजाक लग रही है. इस घटना ने वर्कप्लेस सेफ्टी पर सवाल उठाए हैं. सीईओ की मुख्य भूमिका से कंपनी की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है. इस मामले की जांच से और खुलासे हो सकते हैं.
इंसाफ की उम्मीद
अगर किसी कंपनी का सीईओ जैसा शख्स ऐसी दरिंदगी करता है, तो वहां काम करने वाली महिलाएं कहां सुरक्षित हैं? पीड़िता की बहादुरी से केस सामने आया, वरना आरोपियों की पावर इसे दबा सकती थी. अह इस मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग जोर पकड़ रही है. पुलिस ने निष्पक्ष जांच का वादा किया है. अब तक के खुलासों से साफ है कि ऐसे मामलों में सख्त सजा जरूरी है.
(उदयपुर से पंकज शर्मा का इनपुट)