गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 6 दिसंबर की रात हुए भीषण अग्निकांड को लेकर पीड़ित परिवारों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ रहा है. हादसे में जान गंवाने वाले 25 लोगों के परिजन जांच और ट्रायल को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों ने कई सनसनीखेज खुलासे भी किए हैं.
इस हादसे में अपने परिवार के चार सदस्यों को खोने वाली भावना जोशी ने मापुसा कोर्ट के बाहर इस घटना का आंखों देखा हाल सुनाया है. उन्होंने बताया कि आग लगने के वक्त नाइट क्लब में उसे बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था. स्टाफ के पास न तो फायर एक्सटिंग्विशर थे और न ही आपात स्थिति से निपटने के लिए किसी तरह की व्यवस्था थी.
भावना जोशी ने कहा कि जब आग भड़की, तब नाइट क्लब के स्टाफ वाइन ग्लास में पानी भरकर उस पर फेंक रहे थे. इस तरह वे आग पर काबू पाने की नाकाम कोशिश करते रहे. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पति और तीन बहनों को दम घुटने से मरते देखा. उनके मुताबिक यह आग क्लब में घुसने के महज 15 मिनट बाद लगी थी, जो तेजी से फैल गई थी.

उन्होंने आगे बताया कि आग लगने के वक्त उनके पति लोगों को शांत कराने में लगे थे. वो खुद इसलिए बच गईं, क्योंकि बाहर भाग रही भीड़ ने उन्हें धक्का दे दिया. उन्होंने अपने परिवार को ढूंढने के लिए वापस अंदर लौटने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उन्हें रोक लिया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि नाइट क्लब मैनेजमेंट ने हादसे के वक्त कोई मदद नहीं की थी.
उन्होंने कहा कि वे मिडिल क्लास परिवार से हैं. गोवा ट्रिप के लिए काफी समय से पैसे बचा रहे थे. इस हादसे ने उनका जीवन पूरी तरह से तोड़ दिया है. वो आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. पीड़ित परिवार के एक दूसरे सदस्य ने बताया कि वे जांच की प्रगति जानने के लिए दो बार गोवा आए हैं. उन्होंने कहा कि एक वकील ने बिना फीस लिए उनका केस को लड़ने का फैसला लिया है.
झारखंड के रहने वाले विकास मुंडा ने भी इस हादसे में अपने भाई को खोया है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार सिर्फ इंसाफ चाहता है. इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए. गोवा पुलिस अब तक नाइट क्लब के तीन मालिकों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि, एक अन्य मालिक सुरिंदर खोसला अभी भी फरार चल रहा है.
इससे पहले गोवा के मापुसा कोर्ट ने 26 दिसंबर को नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा की पुलिस हिरासत बढ़ा दी थी. अरपोरा गांव में हुई इस भयंकर घटना के कुछ ही घंटों बाद लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड भाग गए थे. हालांकि, बाद में उन्हें फुकेट से पकड़ कर 17 दिसंबर को भारत डिपोर्ट किया गया था. इस मामले की जांच जारी है. पीड़ित परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं.