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कोरोना

सवा करोड़ लोगों की सैलरी-पेंशन पर होगा DA न बढ़ने का असर, समझें गणित

सवा करोड़ लोगों की सैलरी-पेंशन पर होगा DA न बढ़ने का असर, समझें गणित
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देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. इस माहौल में केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों के लिए एक बुरी खबर है. दरअसल, सरकार ने 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनभोगी को मिलने वाले महंगाई भत्ता (डीए) की बढ़ी हुई राशि नहीं देने की बात कही है.
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ये नया नियम 1 जुलाई 2021 तक के लिए है. मतलब ये कि करीब 18 महीने तक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों को पुराने डीए के साथ सैलरी मिलेगी. कोरोना वायरस का केंद्रीय कर्मचारियों पर यह पहला असर है.
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क्या होता है डीए?

केंद्रीय कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाता है. महंगाई भत्ते की गणना बेसिक सैलरी के आधार पर होती है.
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केंद्र सरकार साल में दो बार डीए में बदलाव करती है.पहला जनवरी से जून के पीरियड के लिए जबकि दूसरी बार जुलाई से दिसंबर के लिए होता है. इसका मकसद महंगाई में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है.


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अभी कितना है डीए?

पहले केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी था. लेकिन इसी साल मार्च में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला लिया गया.
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इस बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 21 फीसदी हो गया था. लेकिन अब सरकार ने कोरोना संकट की वजह से इस बढ़ोतरी को रोक दिया है. मतलब ये कि केंद्रीय कर्मचारियों को अब सैलरी में पुराना महंगाई भत्ता यानी 17% डीए जुड़कर आएगा. 
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कितने लोगों पर पड़ेगा असर?

सरकार के इस फैसले का असर करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स पर पड़ने की आशंका है. हालांकि, सरकार को इस कठोर फैसले की वजह से 1.2 लाख करोड़ रुपये बचेंगे. आपको बता दें कि कोरोना संकट में सरकारी खजाने को अभी पैसे की जरूरत है और यही वजह है कि सरकार कठोर फैसले ले रही है.
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