कोरोना आपदा के भयंकर काल में जिम्मेदार, जिम्मेदारी से मुकर रहे हैं. वेंटिलेटर पर पहुंच चुके सिस्टम की नाकामी की झकझोर कर रख देने वाली सूरत सामने आई है. यह वाकया मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले का है.
नीलू चौहान नाम की कोरोना पॉजिटिव महिला बीते 10 दिन से निजी अस्पताल सिद्धि विनायक में भरती थी. जब हालत बिगड़ गई तब महिला को शिवपुरी के ही मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया किन्तु रास्ते में आधी रात को महिला की मौत हो गई.
सिद्धि विनायक अस्पताल एम्बुलेंस चालक ने इस शव को वापस अस्पताल ले जाने की बजाय सीधे मृतक महिला के घर बरामदे में शव, लावारिश लाश की तरह पटक दिया. महिला के पति नवल चौहान की पहले ही मृत्यु हो चुकी है.
महिला के बच्चे जब उठे तो मां से लिपट कर रोते बिलखते रहे. पड़ोसियों ने जब आवाज़ सुनी तो उठे और मानवता को शर्मसार करने वाली सच्चाई जानकर हैरान रह गए. बाद में महिला के मुंह बोले मुसलमान भाई, उनकी पत्नी और भतीजे ने लाश से बच्चों को अलग किया और जिला व नगर पालिका प्रशासन को इस घटना की खबर की.