सोने की कीमतों (Gold Rate) ने भारत में इतिहास रचते हुए 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर लिया है. बीते कारोबारी दिन मंगलवार को गोल्ड प्राइस ने ये ऐतिहासिक स्तर छुआ. लेकिन Gold ने सिर्फ भारत में ही रिकॉर्ड नहीं तोड़े हैं, बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी ये नई बुलंदियों को छूता जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में गोल्ड रेट 3 लाख रुपये के पार पहुंच गया है.
कल भारत में रचा था Gold ने इतिहास
सबसे पहले बताते हैं भारत में गोल्ड की कीमतों (Gold Rate In India) में आए उछाल के बारे में, तो इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक, मंगलवार सुबह घरेलू मार्केट में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का रेट 99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था. इसमें 3 फीसदी GST और ज्वेलर्स द्वारा लिए जाने वाले मेकिंग चार्ज को जोड़कर देखें, तो 10 Gram 24 Karat Gold Rate एक लाख रुपये के पार निकल जाता है.
PAK में सोना तोड़ रहा रिकॉर्ड
अब पाकिस्तान में सोने के भाव के बारे में बताते हैं, तो एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ऑल पाकिस्तान सर्राफा जेम्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने बताया कि टैरिफ टेंशन से छिड़े ट्रेड वॉर के बीच सोना लगातार रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है. बीते मंगलवार को पाकिस्तान में सोने की कीमतें लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गईं. 24 कैरेट गोल्ड प्रति तोला 379,150 रुपये पर पहुंच गई, जबकि 10 ग्राम का भाव 3,25,065 पाकिस्तानी रुपये दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को 1 Tola Gold Price 3,57,800 पाकिस्तानी रुपये था.
ग्लोबल टेंशन ने सोने के दाम में लगाई आग
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से छिड़ी ट्रेड वॉर में अमेरिका-चीन आमने-सामने हैं और इससे ग्लोबल टेंशन बढ़ गई है और वैश्विक आर्थिक विकास को लेकर चिंताओं के कारण दुनियाभर में सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई, जबकि कमजोर डॉलर ने इसे और भी बढ़ावा दिया है. बता दें कि डॉलर इंडेक्स ने सोमवार को 3 साल का निचला स्तर छू लिया था.
एक्सपर्ट्स ने बताई ये वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट स्ट्रेटिजिस्ट येप जून रोंग ने कहा, 'मूल रूप से, बाजार अमेरिकी टैरिफ तनाव (US Tariff Tension) और महंगाई से जुड़ी चिंताओं से प्रभावित, बढ़े हुए भू-राजनीतिक जोखिमों को ध्यान में रखकर मूल्य निर्धारण कर रहे हैं. बता दें कि ट्रंप ने बीते 2 अप्रैल को दुनिया के तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) का ऐलान किया था, जिसके बाद खुद अमेरिका से लेकर एशिया तक के शेयर बाजारों में भूचाल देखने को मिला था. हालांकि, ट्रंप प्रशासन बाद में कुछ देशों को टैरिफ से 90 दिन की राहत भी दी थी.