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91 साल की उम्र में हुआ प्यार... DLF वाले kp singh ने खुद खोला राज, बताया कौन हैं वो?

केपी सिंह ने उस दर्द को भी बयां किया, जब वो अपनी लाइफ में बिल्कुल अकेले हो गए थे. केपी सिंह ने 2018 में अपनी पत्नी इंदिरा सिंह को कैंसर की वजह से खो दिया था. उन्होंने अपनी नई जीवनसाथी के बारे में भी बताया है.

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 DLF ग्रुप के चेयरमैन केपी सिंह (फाइल फोटो)
DLF ग्रुप के चेयरमैन केपी सिंह (फाइल फोटो)

डीएलएफ एमेरिटस (DLF) ग्रुप के चेयरमैन केपी सिंह (KP Singh) को 91 साल की उम्र में फिर से प्यार हुआ है. उनकी नई लाइफ पार्टनर का नाम शीना है. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 65 साल की अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद उन्हें 91 साल की उम्र में फिर से प्यार हो गया है. केपी सिंह ने उस दर्द को भी बयां किया, जब वो अपनी लाइफ में बिल्कुल अकेले हो गए थे.

मेरी पत्नी मेरी दोस्त थी

उन्होंने कहा कि उनके पास बेहतरीन वैवाहिक जीवन था. मेरी पत्नी न केवल मेरी जीवन साथी थी, बल्कि एक दोस्त भी थी. हमने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ भी नहीं किया जा सकता था. केपी सिंह ने कहा कि मेरी पत्नी ने निधन से 6 महीने पहले मुझसे वायदा लिया था कि मैं हार नहीं मानूं. क्योंकि मेरे पास आगे बढ़ने के लिए नई लाइफ है.

ऐसे दुख को बयां नहीं कर सकते

केपी सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी के जाने के बाद से जीवन में एक खालीपन आ गया था. किसी के साथ वर्षों रहने के बाद, जब आप उसे खोते हैं, तो ऐसे दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. आपकी पूरी जिंदगी बदल जाती है.  

मैं बहुत भाग्यशाली हूं

केपी सिंह ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे नई जीवनसाथी मिल गई है. उसका नाम शीना है और वो मेरी लाइफ के सबसे बेहतरीन लोगों में से है. शीना हर कदम पर मेरा साथ देती है. वो ऊर्जावान है और मुझे लगातार प्रेरित करती रहती है. अब वो मेरी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुकी है. 

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केपी सिंह ने 2018 में अपनी पत्नी इंदिरा सिंह को कैंसर की वजह से खो दिया था. इसके बाद उन्होंने कंपनी के सक्रिय प्रबंधन से भी अपने कदम पीछे खींच लिए थे. वो करीब पांच दशक तक कंपनी के चेयरमैन के पद पर रहे. साल 2020 में उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था.

अडानी ग्रुप को दी थी सलाह

अडानी ग्रुप को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर पिछले दिनों केपी सिंह ने कहा था कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर के आरोपों के बाद गौतम अडानी के बिजनेस साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है. लेकिन इस घटना की वजह से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है. उन्होंने कहा था कि ग्रोथ के रास्ते पर बने रहने के लिए अडानी ग्रुप को पूंजी बढ़ाने और कर्ज को कम करने पर काम करने की जरूरत है. 

 

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