अजीम प्रेमजी का जन्म मुंबई के एक गुजराती मुस्लिम परिवार में 24 जुलाई 1945 को हुआ था.
अजीम प्रेमजी कभी देश के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके हैं.
अमेरिकी बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स के मुताबिक वर्ष 1999 से 2005 तक अजीम प्रेमजी भारत के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके हैं.
अजीम प्रेमजी के परिवार में पत्नी यास्मिन और दो बच्चे रिषाद और तारिक हैं. रिषाद विप्रो में ही कार्यरत हैं.
अजीम प्रेमजी आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन हैं.
विप्रो के दुनियाभर में एक लाख तीस हजार कर्मचारी हैं और इसकी 54 देशों में शाखाएं हैं. विप्रो का मुख्यालय बैंगलोर में स्थित है.
वर्ष 1966 में प्रेमजी के सिर से पिता एम.एच. प्रेमजी का साया उठने के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी.
महज 21 साल की उम्र में उन्होंने पारिवारिक कारोबार अपने हाथों में ले ली.
प्रेमजी ने जब कारोबार संभाला उस समय उनकी कंपनी वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट कंपनी हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल आयल बनाती थी.
प्रेमजी की अगुवाई में साबुन तेल बनानी वाली वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल ने विप्रो का रूप लिया और विभिन्न उत्पादों के साथ ही विप्रो ने आईटी क्षेत्र में अपना खास मुकाम बनाया.
सामाजिक कार्यों में सराहनीय योगदान के लिए साल 2005 में भारत सरकार के अजीम प्रेमजी को पद्म भूषण से सम्मानित किया.
प्रेमजी की संस्था ‘दि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ गरीब बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने में योगदान देती है.
प्रेमजी का मानना है कि गुणवत्ता, लागत और डिलीवरी में अंतरराष्ट्रीय मानकों की उत्कृष्टता के बारे में सोचना चाहिए और जब तक हम उन मानकों से ऊपर ना चले जाएं, विश्राम न करें.
वर्तमान में प्रेमजी तीसरे सबसे धनी भारतीय हैं जबकि दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में वो 41वें नंबर पर हैं.
कुछ दिनों पहले विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने देश की आर्थिक हालत पर बरसते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा है कि इस देश में नेताओं की कमी है.
उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों के काफी तीखी प्रतिक्रिया आई थी.
विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी से जुड़ी एक खास बात है कि वो हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास में सफर करना पसंद करते हैं.
विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन प्रेमजी लग्जरी होटलों की जगह अगर कंपनी गेस्ट हाउस उपलब्ध हो तो उसी में ठहरना पसंद करते हैं.
अजीम प्रेमजी को भारत का बिल गेट्स भी कहा जाता है.